मुंबईः महान क्रिकेटर कपिल देव ने गुरूवार को हाल में आईसीसी अंडर-19 विश्व कप के दौरान भारत और बांग्लादेश के युवा खिलाड़ियों के बीच हुई घटना को ‘भयानक’ करार दिया और कहा कि अब क्रिकेट कोई ‘भद्रजनों का खेल’ नहीं रह गया है। वर्ष 1983 के विश्व कप विजेता टीम के कप्तान ने बीसीसीआई से इन युवा क्रिकेटरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह किया ताकि अन्य के सामने उदाहरण पेश किया जा सके।
कपिल ने 1983 विश्व कप जीत की यादें भी ताजा की। उन्होंने कहा, ‘कौन कह रहा है कि क्रिकेट भद्रजनों का खेल है? यह अब भद्रजनों का खेल नहीं है, ऐसा होता था!’ इस घटना के लिये भारत के दो - आकाश सिंह और रवि बिश्नोई- और बांग्लादेश के तीन खिलाड़ी - मोहम्मद तौहीद ह्रदय, शमीम हुसैन और रकीबुल हसन- आईसीसी आचार संहिता के उल्लंघन के दोषी पाए गए थे। बांग्लादेश ने भारत को तीन विकेट से हराकर अपना पहला अंडर -19 विश्व कप खिताब जीता था। इसके बाद दोनों टीमों के खिलाड़ी आपस में भिड़ने के करीब पहुंच गये।
कपिल ने एक कार्यक्रम में मैच के बाद के इस घटना का जिक्र करते हुए कहा, ‘उन युवा खिलाड़ियों के बीच जो हुआ, मुझे लगता है कि यह भयानक था। क्रिकेट बोर्ड को सख्त कदम उठाने चाहिए ताकि कल इस प्रकार की गलतियां न हों।’
उन्होंने कहा, ‘आप मैच हार गये हो, आपको मैदान पर वापस जाने और किसी के साथ लड़ने का कोई अधिकार नहीं है। वापस आओ। आपको कप्तान, मैनेजर और बाहर बैठे लोगों दोष देना चाहिए।’ बांग्लादेश के कप्तान अकबर अली ने इस ‘दुर्भाग्यपूर्ण घटना’ के लिए माफी मांगी जबकि भारतीय टीम के कप्तान प्रियम गर्ग को लगा कि यह घटना नहीं होनी चाहिए थी।