- द. अफ्रीका के खिलाफ मौजूदा टेस्ट सीरीज में जडेजा कर रहे हैं शानदार प्रदर्शन
- बल्लेबाजी में 80 के औसत से बनाए हैं 161 रन, गेंदबाजी में लिए हैं 9* विकेट
- पुणे टेस्ट की पहली पारी में बनाए 91 रन
पुणे: दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मौजूदा टेस्ट सीरीज में गेंद और बल्ले दोनों से शानदार प्रदर्शन करने वाले भारतीय क्रिकेट टीम के सदस्य रवींद्र जड़ेजा ने कहा है कि वो खुद को अब एक संपूर्ण ऑलराउंडर मानते हैं। जडेजा को इस बात का पूरा विश्वास है कि जो भी मौके मिलेंगे गेंद और बल्ले दोनों से टीम के लिए योगदान कर सकेंगे।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में मुख्य रूप से बतौर स्पिन गेंदबाज जाने जाने वाले जडेजा ने घरेलू क्रिकेट में तीन तिहरे शतक जड़े हैं। इससे यह बात जाहिर होती है कि उनके अंदर बल्ले से भी टीम के लिए योगदान करने की काबीलियत है। अपनी बांए हाथ की सटीक स्पिन गेंदबाजी से वो पहले ही टेस्ट क्रिकेट में खुद को मैच विजेता खिलाड़ी साबित कर चुके हैं।
पिछले साल एशिया कप के दौरान वनडे टीम में हार्दिक पांड्या के चोटिल होने के बाद वापसी करने वाले जडेजा का प्रदर्शन संतुलित रहा है। 2019 के विश्व कप के दौरान संजय मांजरेकर ने जडेजा को टुकड़ों में प्रदर्शन करने वाला खिलाड़ी कहा था और उन्होंने जडेजा को टेस्ट क्रिकेट में विशुद्ध गेंदबाज बताया था। ऐसे में जड़ेजा ने न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबले में 77 रन की धमाकेदार पारी खेलकर मांजरेकर को करारा जवाब दिया था। टीम इंडिया के शीर्ष क्रम के ढहने के बाद जडेजा और धोनी के बीच हुई शतकीय साझेदारी की बदौलत भारतीय टीम जीत के मुहाने तक पहुंच सकी थी।
ऐसे में जडेजा ने बीसीसीआई डॉट टीवी को दिए इंटरव्यू में जडेजा ने बतौर क्रिकेटर अपने विकास और टीम इंडिया में अपनी भूमिका के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा, मैं खुद के एक विशुद्ध ऑलराउंडर मानता हूं गेंदबाजी हो या बल्लेबाजी मैं टीम के लिए हर तरह की जिम्मेदारी उठा सकता हूं। यदि मैं गेंदबाजी कर रहा हूं तो मुझे विकेट लेने होंगे। बल्लेबाजी करते हुए मुझे रन बनाने होंगे। इसलिए मैं खुद को बॉलिंग या बैटिंग ऑलराउंडर के रूप में नहीं देख रहा हूं।'
जडेजा ने अपनी हालिया सफलता का श्रेय टीम मैनेजमेंट को देते हुए कहा कि उन्होंने मुझे टेस्ट मैचों में लगातार ऊपरी क्रम पर बल्लेबाजी के मौके दिए। इसके अलावा वो भारतीय गेंदबाजी आक्रमण के भी नियमित सदस्य बने हुए हैं। इस बारे में उन्होंने कहा, मैं यह कह सकता हूं कि मुझे बेहतर मौके मिल रहे हैं। यदि मैं नंबर 6 पर बल्लेबाजी कर रहा हूं तो मुझे ज्यादा समय तक विकेट पर वक्त गुजारने का मौका मिलता है। जब भी मैं बल्लेबाजी करने मैदान पर जाता हूं तो मैं वहां ज्यादा वक्त गुजराने के बाद अपने शॉट्स खेलने के बारे में सोचता हूं। ऐसा करने से मुझे बहुत मदद मिली है।'
मौजूदा सीरीज में जडेजा अबतक 2 मैच की तीन पारियों में 80.50 की औसत और 88.46 के स्ट्राइक रेट से 161 रन बनाए हैं। पुणे टेस्ट में उन्होंने 91 रन की पारी खेली और शतक से चूक गए। वहीं गेंदबाजी में उन्होंने 9 विकेट 37.33 की औसत से लिए हैं और सबसे सफल गेंदबाजों की सूची में अश्निन के बाद दूसरे पायदान पर हैं।