- भारत और न्यूजीलैंड के बीच आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल 18 जून से शुरू होगा
- आईसीसी ने डब्ल्यूटीसी फाइनल के लिए खेलने की स्थिति की घोषणा कर दी है
- डब्ल्यूटीसी फाइनल के लिए एक रिजर्व डे रखा गया है
दुबई: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने शुक्रवार को भारत और न्यूजीलैंड के बीच होने वाले आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के खेलने की स्थिति (प्लेइंग कंडीशंस) की घोषणा कर दी है। खेलने की स्थिति से पुष्टि हो गई है कि अगर डब्ल्यूटीसी फाइनल का नतीजा ड्रॉ या टाई हुआ तो ऐसे में दोनों ही टीमों को संयुक्त विजेजा घोषित किया जाएगा। इसके अलावा एक रिजर्व डे भी रखा गया है।
बता दें कि भारत और न्यूजीलैंड के बीच 18 जून से साउथैम्प्टन में विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल खेला जाएगा। 23 जून को रिजर्व डे रखा गया है। यह दोनों ही फैसले 2018 में विश्व टेस्ट चैंपियनशिप शुरू होने से पहले लिए गए थे। रिजर्व डे इसलिए रखा गया है ताकि पूरे पांच दिल का खेल हो सके। इसका उपयोग ऐसे होगा कि बारिश के कारण या खराब रोशनी के कारण मुकाबला पूरा नहीं हो सका, और बचे हुए समय की भरपाई पांच दिनों में नहीं हो सकी तो फिर रिजर्व डे उपयोग में लाया जाएगा।
अगर पांच दिन के खेल में नतीजा निकलता है या फिर मैच ड्रॉ या टाई हुआ तो दोनों टीमों को संयुक्त विजेता घोषित किया जाएगा। मैच के दौरान जो समय बर्बाद होगा तो आईसीसी मैच रेफरी नियमित रूप से दोनों टीमों और मीडिया को अपडेट देगा कि रिजर्व डे का उपयोग होगा या नहीं। रिजर्व डे उपयोग की जरूरत पड़ेगी, इसका आखिरी फैसला पांचवें दिन के अंतिम समय में लिया जाएगा।
डब्ल्यूटीसी फाइनल की प्लेइंग कंडीशंस
- मैच ग्रेड 1 ड्यूक्स क्रिकेट गेंदों से खेला जाएगा।
- फाइनल में अंतरराष्ट्रीय खेलने की स्थिति में हुए बदलाव का पालन किया जाएगा, जो बांग्लादेश और श्रीलंका के बीच आईसीसी पुरुषों के क्रिकेट वर्ल्ड कप सुपर लीग सीरीज में प्रभावी हुआ है।
- शॉर्ट रन - थर्ड अंपायर अपने आप शॉर्ट रन की समीक्षा करके मैदानी अंपायर को बताएगा और यह फैसला अगली गेंद डालने से पहले दिया जाना रहेगा।
- समीक्षा - फील्डिंग कप्तान या आउट होने वाला बल्लेबाज अंपायर से पुष्टि कर सकता है कि क्या एलबीडब्ल्यू के लिए खिलाड़ी की समीक्षा शुरू करने का निर्णय लेने से पहले गेंद को खेलने का वास्तिवक प्रयास किया गया है।
- डीआरएस समीक्षा - एलबीडब्ल्यू समीक्षा के लिए विकेट जोन के ऊंचाई मार्जिन को स्टंप के शीर्ष तक रखा गया है ताकि ऊंचाई और चौड़ाई दोनों के लिए स्टंप के चारों ओर समान अंपायर का कॉल मार्जिन सुनिश्चित किया जा सके।