- आईसीसी ने लिया क्रिकेट टीमों के हित में बड़ा फैसला
- पृथकवास नियमों की वजह से ज्यादा खिलाड़ियों को साथ ले जाने की छूट
- भारतीय टीम को विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में होगा फायदा
दुबईः अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने कोरोना काल में पृथकवास जरूरतों को ध्यान में रखकर सात अतिरिक्त खिलाड़ियों या सहयोगी स्टाफ को सीनियर टूर्नामेंटों में टीम के साथ जाने की अनुमति दे दी है, जिससे जून में विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल में भारतीय टीम 30 सदस्यों के साथ जा सकेगी ।
आईसीसी बोर्ड की सिलसिलेवार वर्चुअल बैठकों के बाद यह फैसला लिया गया।
आईसीसी ने एक बयान में कहा, ‘‘आईसीसी बोर्ड ने सदस्यों को सीनियर टूर्नामेंटों में सात अतिरिक्त खिलाड़ियों या सहयोगी स्टाफ को शामिल करने की अनुमति दे दी जहां पृथकवास अनिवार्य है और / या टीमें जैव सुरक्षित बबल में रहेंगी।’’ आईसीसी ने यह भी कहा कि उसे उम्मीद है कि भारत में होने वाले टी20 विश्व कप से जुड़ा कर व्यवस्था और वीजा गारंटी का मामला अगले महीने तक सुलझा लिया जायेगा। इसने कहा कि बीसीसीआई से उसे ताजा जानकारी मिली है कि भारत सरकार के साथ इस संबंध में सार्थक बातचीत हुई है।
महिला क्रिकेट में दो बदलाव
महिला क्रिकेट को लेकर आईसीसी ने महिलाओं के एक दिवसीय क्रिकेट में खेलने के नियमों में दो बदलाव किये । इसमें कहा गया, ‘‘पांच ओवर का बल्लेबाजी पावरप्ले हटा दिया गया और अब सभी टाई मैचों का फैसला सुपर ओवर से होगा।’’ पूर्णकालिक सदस्य महिला टीमों को स्थायी टेस्ट और वनडे दर्जा देने का भी फैसला किया गया । इसके अलावा बर्मिंघम 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में सभी मैच महिला टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच होंगे।
बोर्ड ने पहला महिला अंडर 19 विश्व कप स्थगित करने का भी फैसला लिया जो इस साल के आखिर में बांग्लादेश में होना था। बयान में कहा गया, ‘‘कोरोना महामारी का कई देशों में अंडर 19 कार्यक्रम पर असर पड़ा है और टीमें विश्व कप की तैयारी नहीं कर सकी हैं । ऐसे में अब पहला महिला अंडर 19 विश्व कप जनवरी 2023 में होगा।’’ महिला विश्व कप 2022 के वैश्विक क्वालीफायर इस साल दिसंबर में होंगे ।
50 लाख डॉलर का सहायता कोष
आईसीसी ने मेल जोंस (क्रिकेट आस्ट्रेलिया) और कैथरीन कैंपबेल (न्यूजीलैंड क्रिकेट) को महिला समिति का पूर्णकालिक प्रतिनिधि भी बनाया । आईसीसी ने 50 लाख डॉलर का सदस्य सहायता कोष भी बनाने का फैसला किया जो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने के लिये अनुदान के तौर पर उपलब्ध होगा ।