- भारत को डब्ल्यूटीसी फाइनल में न्यूजीलैंड से मिली करारी शिकस्त
- न्यूजीलैंड की टीम ने जीता उद्घाटन डब्ल्यूटीसी फाइनल
- न्यूजीलैंड के हाथों भारत की शर्मनाक हार के ये हैं 5 मुजरिम
साउथैम्प्टन: टीम इंडिया को एक बार फिर आईसीसी टूर्नामेंट में न्यूजीलैंड के हाथों करारी शिकस्त झेलनी पड़ी। केन विलियमसन के नेतृत्व वाली न्यूजीलैंड ने बुधवार को साउथैम्प्टन में उद्घाटन विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के रिजर्व डे के दिन भारत को 8 विकेट से मात दी और आईसीसी खिताब आखिरकार अपने नाम किया।
भारत को इस खिताब का प्रबल दावेदार माना जा रहा था, लेकिन विराट कोहली के नेतृत्व वाली भारतीय टीम एक बार फिर आईसीसी टूर्नामेंट जीतने से चूक गई। न्यूजीलैंड के खिलाफ आईसीसी टूर्नामेंट में तो भारतीय टीम का रिकॉर्ड और भी खराब हो चला है। भारत ने आईसीसी टूर्नामेंट में आखिरी बार न्यूजीलैंड को 2003 में मात दी थी। इसके बाद से आईसीसी टूर्नामेंट में हमारी टीम न्यूजीलैंड के सामने फिसड्डी ही साबित होती हुई आ रही है। 2013 में भारत ने आखिरी बार आईसीसी टूर्नामेंट जीता था। तब भारत ने एमएस धोनी की कप्तानी में चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीता था।
बता दें कि भारत और न्यूजीलैंड के बीच विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल का नतीजा चार दिनों के खेल के भीतर निकला। मैच के पहले और चौथे दिन का खेल बारिश की भेंट चढ़ गया था। न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन ने मैच में टॉस जीतकर भारत को पहले बल्लेबाजी का न्योता दिया था।
टीम इंडिया की पहली पारी 217 रन पर ऑलआउट हुई थी। इसके जवाब में न्यूजीलैंड की पहली पारी 249 रन पर समाप्त हुई और उसने पहली पारी के आधार पर 32 रन की बढ़त बनाई। भारत की दूसरी पारी 170 रन पर सिमटी और इस तरह न्यूजीलैंड को जीत के लिए 139 रन का लक्ष्य मिला, जिसे उसने दो विकेट खोकर हासिल कर लिया।
भारतीय टीम से मैच में कई गलतियां हुईं, लेकिन उसकी हार की प्रमुख वजह रही खिलाड़ियों का खराब प्रदर्शन। भारतीय टीम में जिस-जिस खिलाड़ी से बेहतरीन प्रदर्शन की उम्मीद की गई थी, उसने निराशा पहुंचाई। चलिए आपको बताते हैं कि भारतीय टीम की हार के 5 मुजरिम कौन हैं।
- शुभमन गिल - युवा बल्लेबाज पर भरोसा जताया गया था कि वह ऑस्ट्रेलिया दौरे जैसा बेहतरीन प्रदर्शन दोहराएंगे। गिल ने पहली पारी में जरूर 28 रन बनाकर जुझारूपन दिखाया, लेकिन वह बड़ी पारी नहीं खेल सके। गिल इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज से संघर्ष कर रहे थे, जो साउथैम्प्टन में भी नहीं थमा। दाएं हाथ के बल्लेबाज दूसरी पारी में केवल 8 रन बनाकर आउट हुए। भारतीय टीम को जिस ठोस शुरूआत की जरूरत थी, उसे गिल करने में नाकाम रहे। डब्ल्यूटीसी फाइनल में भारतीय टीम के ओपनर ही सबसे पहला और बड़ा सिरदर्द बने।
- चेतेश्वर पुजारा - टीम इंडिया की 'नई दीवार' ने भी अपने प्रदर्शन से बेहद निराश किया। पुजारा क्रीज पर ज्यादा देर नहीं टिक पाए, जिससे न्यूजीलैंड को हावी होने का पूरा मौका मिला। सौराष्ट्र के बल्लेबाज ने पहली पारी में 8 जबकि दूसरी पारी में केवल 15 रन बनाए। डब्ल्यूटीसी फाइनल में फैंस को पुजारा से शतक की उम्मीद थी, लेकिन अनुभवी बल्लेबाज ने निराश किया।
- विराट कोहली - कप्तान विराट कोहली को मैच का सबसे बड़ा मुजरिम करार देना गलत नहीं होगा। कप्तानी में गलत फैसले। बड़ी साझेदारी नहीं कर पाना। गेंदबाजों में सही परिवर्तन नहीं करना। न्यूजीलैंड को हावी होने देना। विराट कोहली बतौर बल्लेबाज फ्लॉप। कोहली के शतक का सूखा इस महत्वपूर्ण मैच में भी समाप्त नहीं हुआ। आखिरी दिन भारतीय कप्तान से उम्मीद की जा रही थी कि वह संभलकर खेलेंगे और टीम को अच्छी स्थिति में पहुंचाएंगे। मगर वे दिन में आउट होने वाले पहले बल्लेबाज रहे।
- रवींद्र जडेजा - प्लेइंग XI में शामिल करना या नहीं करना, जडेजा को लेकर खूब बातें हुईं। कई लोग ऑलराउंडर को अंतिम एकादश में शामिल करने के पक्ष में थे, तो कई लोगों ने इसका विरोध किया था। हालांकि, भारतीय कप्तान और टीम प्रबंधन ने भरोसा करके जडेजा को शामिल किया। मगर रवींद्र जडेजा ने बहुत निराश किया। वह दोनों पारियों में बल्ले से योगदान देने में नाकाम रहे। गेंदबाजी में भी जडेजा अपना जलवा नहीं बिखेर सके। टीम इंडिया को जडेजा ने निराश किया और तेज गेंदबाज ऑलराउंडर की जगह अलग हथिया ली।
- जसप्रीत बुमराह - इनके बारे में क्या ही कहा जाए। टीम इंडिया के तेज गेंदबाजी आक्रमण की अगुवाई जसप्रीत बुमराह करेंगे, ऐसी फैंस ने उम्मीद लगाई थी। मगर बुमराह ने फैंस को ही गुमराह कर दिया। जसप्रीत बुमराह ने मैच में करीब 36 ओवर किए, लेकिन एक भी सफलता हासिल नहीं की। बुमराह तो कीवी बल्लेबाजों पर दबाव बनाते हुए नजर भी नहीं आए। तो टीम इंडिया चैंपियन बनने से चूक गई और इसकी बड़ी वजह इन 5 खिलाड़ियों का लचर प्रदर्शन भी रहा।