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IND vs SL: श्रीलंका के खिलाफ 13 साल बाद सीरीज कैसे हार गया भारत, ये हैं 5 कारण

Updated Jul 30, 2021 | 03:46 IST

IND vs SL, 5 Reasons of India's loss against Sri Lanka in T20I series: श्रीलंकाई टीम ने भारत को 13 साल बाद किसी सीरीज में शिकस्त दी है। आइए जानते हैं कि आखिर क्या हैं वो कारण जिस वजह से भारत हारा।

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तस्वीर साभार:&nbspAP
श्रीलंका ने भारत को टी20 सीरीज में हराया
मुख्य बातें
  • भारत का श्रीलंका दौरा - मेजबान श्रीलंका ने भारत को तीसरे टी20 में 7 विकेट से हराया, सीरीज 2-1 से जीती
  • किसी भी प्रारूप में 13 साल बाद श्रीलंका ने भारत के खिलाफ कोई सीरीज जीतने में सफलता हासिल की है
  • भारत के खिलाफ ये श्रीलंका की पहली टी20 क्रिकेट सीरीज जीत साबित हुई

मेजबान श्रीलंका क्रिकेट टीम ने गुरुवार रात कोलंबो में एक खास उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने टीम इंडिया को पहली बार टी20 अंतरराष्ट्रीय सीरीज में शिकस्त दी और वो भी तब जब उनके तमाम महान व दिग्गज खिलाड़ी या तो संन्यास ले चुके हैं, या फिर सीरीज से बाहर हैं। एक युवा टीम के लिए ये बड़ी उपलब्धि इसलिए भी है क्योंकि श्रीलंका ने 13 साल बाद भारत के खिलाफ किसी भी प्रारूप में कोई सीरीज जीती है। आखिरी बार उन्होंने ये सफलता 2008 में हासिल की थी, उसके बाद से श्रीलंका हर प्रारूप में भारत के खिलाफ सिर्फ तरस रहा था। आखिर इस युवा टीम ने कैसे इतने साल का सूखा खत्म कर दिया, क्या हैं वो कारण जिनकी वजह से भारतीय टीम को इस शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा।

सीनियर खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी

भारत ने इस श्रीलंका दौरे पर वनडे सीरीज भी लड़खड़ाते हुए जीती थी और अब टी20 सीरीज गंवा भी दी। इसकी सबसे पहली वजह तो वही है जो शुरुआत से चर्चा का विषय था- भारत के कई सीनियर खिलाड़ियों का इस दौरे पर मौजूद ना होना। विराट कोहली, रोहित शर्मा, जसप्रीत बुमराह जैसे कई बड़े खिलाड़ी इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज खेलने के लिए मौजूद हैं और इसने श्रीलंका के हौसले बुलंद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। 

एक कोविड संक्रमित और पूरी टीम हुई बेबस

इस हार की दूसरी बड़ी वजह है क्रुणाल पांड्या का कोविड-19 से संक्रमित पाया जाना। वो तो सीरीज से बाहर हुए लेकिन उनके साथ-साथ उनके सीधे संपर्क में आने वाले 8 अन्य भारतीय खिलाड़ी भी दूसरे व तीसरे टी20 मैच में मैदान पर नहीं उतर सके क्योंकि उनको पृथकवास में जाना पड़ा। इन 8 खिलाड़ियों में हार्दिक पांड्या, पृथ्वी शॉ, युजवेंद्र चहल, जैसे टीम के तमाम दिग्गज खिलाड़ी शामिल थे। भारत के पास कोई विकल्प नहीं बचे थे, आलम ये था कि दूसरे टी20 में चोटिल हुए नवदीप सैनी की जगह एक ऐसे गेंदबाज (संदीप वॉरियर) को टीम में उतारना पड़ा जो श्रीलंका सिर्फ नेट्स में गेंदबाजी करने गया था।

पांच बल्लेबाज..उसके बाद पुछल्ले आना शुरू

जैसा कि आपको बताया कि टीम चयन में विकल्प बहुत कम रह गए थे, ऐसे में जब तीसरे निर्णायक टी20 के लिए टीम चुनी गई तो उसमें सिर्फ 5 बल्लेबाज मौजूद थे। ये बल्लेबाज थे- रुतुराज, धवन, पडिक्कल, संजू सैमसन और नीतीश राणा। राणा पांचवें नंबर पर 6 रन बनाकर आउट हुए और उनके तुरंत बाद भुवनेश्वर कुमार आ गए जो आम दिनों में पुछल्ले बल्लेबाज के रूप में देखे जाते हैं। हालांकि फिर भी भुवी ने 32 गेंदों का संघर्ष करते हुए 16 रन बनाए और कुलदीप यादव ने 28 गेंदों पर नाबाद 23 रन बनाकर उनका साथ दिया लेकिन ये नाकाफी साबित हुआ क्योंकि श्रीलंका पहले ही बड़ा डेंट लगा चुकी थी।

शिखर धवन की चूक और फैसले, सबको खली विराट की कमी

इस श्रीलंका दौरे पर टीम इंडिया के नियमित कप्तान विराट कोहली की गैरमौजूदगी का अहसास सबको हुआ। भारतीय क्रिकेट टीम की कमान इस दौरे पर शिखर धवन के हाथों में थी। धवन पहली बार टीम इंडिया की कप्तानी कर रहे थे और उनके तमाम फैसलों में कप्तानी के मामले में अनुभवहीन होने की झलक दिखी। गुरुवार को तीसरे टी20 मैच से पहले जब सब कयास लगा रहे थे कि यहां दबाव वाली स्थिति में लक्ष्य का पीछा करना ही सही होगा, तब भी शिखर ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। खुद पहले ही ओवर में शून्य पर आउट हुए और पूरी टीम 20 ओवर में 8 विकेट खोकर 82 रन ही बना सकी। इसके अलावा गेंदबाजों की अदला-बदली में भी धवन के फैसले भटकते हुए नजर आए।

कुलदीप और वरुण सिर्फ चाहर को देखते रह गए

जब श्रीलंकाई टीम बल्लेबाजी करने उतरी तो उनके सामने महज 83 रनों का लक्ष्य था, लेकिन ऐसा नहीं था कि वे आते ही बड़े-बड़े शॉट्स खेलने लगे हो। उन्होंने बेहद धीमी शुरुआत की थी जो सबूत था कि ये पिच उनके लिए भी आसान नहीं होने वाली। जब राहुल चाहर अपनी फिरकी करने आए तो उन्होंने 35 रन पर 2 शुरुआती विकेट गिराकर दबाव भी बनाया। इस पिच पर श्रीलंकाई स्पिनरों ने जमकर कहर बरपाया था, ऐसे में कुलदीप यादव और वरुण चक्रवर्ती को आक्रामक अंदाज में चाहर का साथ देने की जरूरत थी, लेकिन ये दोनों ही गेंदबाज ऐसा करने में असफल रहे। तीसरा विकेट भी चाहर ने लिया जिन्होंने 4 ओवर में 15 रन देकर 3 विकेट लिए। लेकिन बाकी के गेंदबाज कोई दबाव नहीं बना सके और ना ही विकेट हासिल कर पाए। श्रीलंका 14.3 ओवर में लक्ष्य तक पहुंचा, जिसका मतलब साफ था कि अगर शुरुआत में दबाव बनाया जाता तो कुछ भी मुमकिन था।

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