- 27 फरवरीः विश्व कप 2011 में आज के दिन खेला गया था रोमांचक मुकाबला
- भारत के विश्व कप इतिहास के सबसे रोचक मुकाबलों में से एक
- भारत और इंग्लैंड ने बनाए बड़े स्कोर, मैच हो गया टाई
नई दिल्लीः विश्व कप इतिहास में टीम इंडिया ने कई ऐतिहासिक व शानदार मुकाबले खेले हैं। इनमें से कुछ मुकाबले ऐसे रहे जिन्हें भुला पाना मुश्किल है और फैंस उन्हें आज भी याद करते हैं। ऐसा ही एक मुकाबला 10 साल पहले 2011 में आज की तारीख (27 फरवरी) में खेला गया था। जी हां, ये भारत में आयोजित हुआ वही विश्व कप था जिसमें धोनी सेना ने चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया था। टूर्नामेंट के दौरान आज के दिन जो मैच खेला गया था, वो था भारत-इंग्लैंड मुकाबला। एक ऐसा मैच जिसने करोड़ों धड़कनें बढ़ा दी थीं।
27 फरवरी 2011 को बेंगलुरू में विश्व कप 2011 का 11वां मैच खेला जा रहा था। एमएस धोनी की अगुवाई में टीम इंडिया मैदान पर थी। जबकि एंड्रयू स्ट्रॉस की कप्तानी में इंग्लिश टीम खेल रही थी। दोनों टीमों में एक से एक धाकड़ खिलाड़ी मौजूद थे लेकिन पलड़ा मेजबान भारतीय टीम का ही भारी था। लेकिन मैच का जो नतीजा निकला वो चौंकाने वाला रहा।
भारत ने पहले की बल्लेबाजी
धोनी ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने का फैसला किया था। उस दिन सचिन तेंदुलकर शानदार फॉर्म में थे। सचिन ने जोरदार वनडे शतक जड़ा और 115 गेंदों में 120 रनों की पारी खेल डाली। उनकी पारी में 10 चौके और 5 छक्के शामिल थे। बेंगलुरू का मैदान सचिन..सचिन के नाम से गूंज रहा था। गौतम गंभीर (51) और युवराज सिंह (58) ने भी अच्छा साथ दिया। नतीजतन भारत ने 49.5 ओवर में 338 रनों का बड़ा स्कोर खड़ा किया।
एंड्रयू स्ट्रॉस का करारा जवाब
भारत ने 339 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया था और ज्यादातर फैंस निश्चिंत थे कि भारतीय टीम आराम से ये मैच जीत लेगी। लेकिन कुछ गजब हो गया। इंग्लैंड के कप्तान व ओपनर एंड्रयू स्ट्रॉस ने आते ही धुआंधार पारी खेलनी शुरू कर दी। उन्होंने 99 गेंदों पर अपना शतक पूरा किया लेकिन वो यहीं नहीं रुके। स्ट्रॉस ने 145 गेंदों पर 158 रनों की विशाल पारी खेल डाली। इसमें 1 छक्का और 18 चौके शामिल थे। इंग्लैंड की टीम मजबूत स्थिति में दिखने लगी थी।
आखिरी ओवर का रोमांच
हालांकि स्ट्रॉस 43वें ओवर में आउट हुए जब इंग्लैंड का स्कोर 281/4 था। लेकिन इसके बाद इयान बेल (69 रन) ने मध्यक्रम में बाकी बल्लेबाजों की कुछ छोटी-छोटी पारियों के साथ इंग्लैंड को अंतिम क्षणों तक पहुंचा दिया। अंतिम ओवर में इंग्लैंड को 14 रन चाहिए थे और उनके पास सिर्फ दो विकेट बचे थे। पूर्व भारतीय पेसर मुनफ पटेल ने अंतिम ओवर किया। इस ओवर में इस प्रकार रन आए..
पहली गेंद - 2 रन
दूसरी गेंद - 1 रन
तीसरी गेंद - छक्का....6 रन
चौथी गेंद - बाय का 1 रन
पांचवीं गेंद - 2 रन....अब अंतिम गेंद पर इंग्लैंड को जीत के लिए दो रन और स्कोर बराबर करने के लिए 1 रन चाहिए था।
छठी गेंद - अंतिम गेंद पर मुनफ पटेल ने सधी हुई सीधी गेंद फेंकी जिस पर ग्रीम स्वान ने कोई हड़बड़ाहट ना दिखाते हुए दौड़कर एक रन लिया। इंग्लैंड ने स्कोर टाई करा दिया। एक रोमांचक मुकाबले का अंत हुआ।
ये विश्व कप के इतिहास में चौथा ऐसा मैच था जिसका नतीजा टाई रहा। जबकि भारत और इंग्लैंड दोनों के लिए विश्व कप इतिहास का ये पहला मौका था। हालांकि आठ साल बाद विश्व कप 2019 में इंग्लैंड ने एक बार फिर उस पल को जिया जब न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के बीच मैच टाई हो गया। उस दिन भी इंग्लैंड ने स्कोर चेज किया था। न्यूजीलैंड ने 241 रन बनाए थे। इंग्लैंड का स्कोर भी 241 पर जा अटका था।