- ऑस्ट्रेलिया ने पांचवीं बार जीता महिला टी20 विश्व कप खिताब
- भारतीय महिला टीम का यह पहला फाइनल था
- ऐतिहासिक फाइनल देखने 80 हजार से ज्यादा दर्शक स्टेडियम आए
मेबलर्न: भारतीय महिला क्रिकेट का पहली बार टी20 विश्व कप खिताब जीतने का सपना टूट गया। भारतीय टीम को रविवार को फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के हाथों 85 रन से करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। ऑस्ट्रेलिया ने पांचवीं बार ने रिकॉर्ड पांचवीं बार महिला टी20 विश्व कप का खिताब अपने नाम किया है। इसके अलावा उसने इस बार अपने खिताब का बचाव भी किया है। मेजबान टीम छठी बार फाइनल में पहुंची थी जबकि भारतीय टीम पहली बार फाइनल खेल रही थी। टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करने वाली भारतीय टीम फाइनल में छाप नहीं छोड़ सकी।भारतीय टीम के ना तो बल्लेबाज और ना ही गेंदबाज प्रभावी प्रदर्शन कर पाए। ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए भारतीय गेंदबाजों का डटकर सामना किया। कंगारू टीम ने 184 रन का बड़ा स्कोर खड़ा किया।
इसके बाद लक्ष्य का पीछा करने उतरे भारतीय बल्लेबाज टिककर बल्लेबजी नहीं कर पाए और पूरी टीम 19.1 99 रन बनाकर ढेर गई। भारत के लिए सबसे ज्यादा रन दीप्ति शर्मा ने बनाए। उन्होंने 35 गेंदों में 2 चौकों की बदौलत 33 रन की पारी खेली। भारतीय टीम की खस्ता हालत का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि उसके 5 विकेट महज 58 के कुल स्कोर पर गिर गए थे। ऑस्ट्रेलिया की ओर से मेगन शूट ने चार, जेस जोनासन ने तीन जबकि सोफी मोलीन्यूक्स, निकोला कैरी और डेलिसा किमिंस ने एक-एक विकेट चटकाया।
भारत की निराशाजनक बल्लेबाजी
लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत बेहद खराब रही। सलामी बल्लेबाज शैफाली वर्मा पहले ओवर की तीसरी गेंद पर अपना विकेट गंवा बैठीं। उन्हें मेगन शूट ने विकेटकीपर लिसा हीली के हाथों लपकवाया। शैफाली ने 3 गेंदों में 2 रन बनाए। शैफाली के आउट होने के बाद क्रीज पर आईं विकेटकीपर बल्लेबाज तानिया भाटिया रिटायर्ड हर्ट होकर वापस लौटी गईं। तानिया के हलमेट में गेंद लगी थी जिसके बाद वो दोबारा बल्लेबाजी के लिए नहीं उतरीं। उनकी जगह रिचा घोष कन्कशन सब्स्टीट्यूट बनीं। इसके बाद जेमिमा रॉड्रिग्स भी सस्ते में आउट हो गईं। उन्हें दूसरे ओवर की आखिरी गेंद पर जेस जोनासन ने पवेलियन भेजा। वह बड़ा शॉट मारने की कोशिश में निकोला कैरी को कैच थमा बैठीं। उन्होंने 2 गेंदें खेली लेकिन कोई रन नहीं बनाया।
मंधाना-हरमनप्रीत जल्द आउट
भारत को तीसरा झटका सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना के रूप में लगा। मंधाना भी टिककर बल्लेबाजी नहीं कर पाईं और चौथे ओवर पहली गेंद पर सोफी मोलीन्यूक्स का शिकार बन गईं। रमोलीन्यूक्स ने मंधाना को निकोला कैरी के हाथों कैच आउट करवाया। उन्होंने 8 गेंदों में 11 रन बनाए। उन्होंने इस दौरान 2 चौके जमाए। भारत का चौथा विकेट कप्तान हरमनप्रीत के तौर पर गिरा। हरमनप्रीत एक बार फिर बड़ी पारी खेलने में नाकाम रहीं। उन्हें जेस जोनासन ने अपना दूसरा शिकार बनाया। वह छक्का मारने चाहती थीं लेकिन डीप स्क्वायर लेग पर एश्ले गार्डनर के हाथों लपकी गईं। उन्होंने 7 गेंदों में 4 रन बनाए। उनका विकेट 30 के कुल स्कोर पर गिरा।
वेदा कृष्णामूर्ति (19) और दीप्ति शर्मा (33) ने मोर्चा संभाला। दोनों ने छठे विकेट के लिए 28 रन की सीझेदारी की और कुछ देर के लिए लगातार गिरते विकेटों के सिलसिले को रोका। यह साझेदारी 12वें ओवर में टूटी। दीप्ति ने फिर रिचा घोष (18) के साथ पारी को आगे बढ़ाया। दोनों ने सातवें विकेट के लिए 30 रन की पार्टनरशिप की। दीप्ति 17वें ओवर में आउट हो गईं जिसके बाद कोई बल्लेबाज कंगारू गेंदबाजों का मुकाबला नहीं कर सका। शिखा पांडे, राधा यादव और पूनम यादव ने सिर्फ एक-एक रन का योगदान दिया। वहीं, राजेश्वरी गायकवाड़ 1 रन बनाकर नाबाद रहीं।
ऑस्ट्रेलिया की दमदार शुरुआत
इससे पहले ऑस्ट्रेलिया ने निर्धारित 20 ओवर में चार विकेट गंवाकर 184 रन का स्कोर खड़ा किया। ऑस्ट्रेलिया के लिए सर्वाधिक रन सलामी बल्लेबाज बेथ मूनी ने बनाए। पहले बल्लेबाजी करने उतरे ऑस्ट्रेलियाई टीम ने दमदार शुरुआत की। पारी का आगाज करने आईं लिसा हीली और बेथ मूनी ने पहले विकेट के लिए 115 रन की साझेदारी की। दोनों ने भारतीय गेंदबाजों को जमकर परेशान किया। इस साझेदारी को राधा यादव ने तोड़ा। उन्होंने 12वें ओवर की चौथी गेंद पर हीली को पवेलियन की राह दिखाई। विकेटकीपर बल्लेबाज हीली छक्का मारने की फिराक में थीं लेकिन वेदा कृष्णामूर्ति के हाथों लपकी गईं। उन्होंने 39 गेंदों में 7 चौकों और 5 छक्कों की मदद से 75 रन की धमाकेदार पारी खेली।
हीली ने बनाया बड़ा रिकॉर्ड
हीली ने ये अर्धशतकीय पारी खेलकर अपना नाम रिकॉर्ड बुक्स में दर्ज करा लिया। वो आईसीसी के किसी भी इवेंट के फाइनल में सबसे तेज अर्धशतक जड़ने वाली खिलाड़ी बन गईं। उन्होंने भारतीय महिला टीम के गेंदबाजों की जमकर धुनाई करते हुए 30 गेंद में अर्धशतक पूरा किया और पुरुष खिलाड़ियों को भी पीछे छोड़ दिया। इससे पहले ये रिकॉर्ड भारतीय ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या के नाम दर्ज था। पांड्या ने साल 2017 में पाकिस्तान के खिलाफ चैंपियन्स ट्रॉफी फाइनल में 32 गेंद में अर्धशतक जड़ा था।
लेनिंग और गार्डनर सस्ते में आउट
ऑस्ट्रेलिया को दूसरा झटका कप्तान मेग लेनिंग के रूप में लगा। लिसा हीली के आउट होने के बाद क्रीज पर आईं लेनिंग सस्ते में पवेलियन लौट गईं। उन्होंने 15 गेंदों में 2 चौकों के जरिए 16 रन बनाए। उन्हें दीप्ति शर्मा ने 17वें ओवर की दूसरी गेंद पर अपना शिकार बनाया। लेनिंग गेंद को चौका के लिए भेजना चाहती थीं मगर स्क्वायर लेग पर शिखा पांडे फुरती दिखाते हुए शानदार कैच लपक लिया।
लेनिंग का विकेट 154 के कुल स्कोर पर गिरा। उन्होंने दूसरे विकेट के लिए बेथ मूनी के साथ 39 रन की साझेदारी की। लेनिंग के बाद दीप्ति ने इसी ओवर की पांचवीं गेंद पर एश्ले गार्डनर को पवेलियन भेजा। गार्डनर ने आगे बढ़कर शॉट मारने का प्रयास किया जिसमें उन्हें सफलता नहीं मिली। विकेटकीपर तानिया भाटिया ने मौका भांपते हुए उनकी गिल्लियां बिखेर दीं। उन्होंने 3 गेंदों में महज 2 रन बनाए।
रचेल हेंस का नहीं चला बल्ला
ऑस्ट्रेलिया का चौथा विकेट रचेल हेंस के तौर पर गिरा। एश्ले गार्डनर के पवेलियन लौटने पर बल्लेबाजी के लिए आईं रचेल हेंस का नहीं बल्ला नहीं चला। उन्होंने तेजी से रन बनाने का प्रयास किया लेकिन निराशा हाथ लगी। उन्होंने 5 गेंदों में केवल 4 रन बनाए। हेंस को 19वें ओवर की पांचवीं गेंद पर पूनम यादव ने आउट किया। वह पूनम की गेंद को पिच पर पड़ने के बाद भांप नहीं पाईं और बोल्ट हो गईं। उनका विकेट 176 के कुल स्कोर पर गिरा। यहां से बेथ मूनी और निकोला कैरी ने अपनी टीम को कोई और झटकने नहीं लगने दिया और नाबाद पवेलियन लौटीं। मूनी ने जहां 54 गेंदों में 78* रन की पारी खेली वहीं कैरी ने 5 गेंदों में 5 रन बनाए। भारत की तरफ से दीप्ति शर्मा ने दो जबकि राधा यादव और पूनम यादव ने एक-एक विकेट हासिल किया।
भारत का प्रदर्शन दमदार
भारत की सफलता में 16 साल की शेफाली वर्मा की आक्रामक बल्लेबाजी और स्पिन के दबदबे वाले गेंदबाजी आक्रमण के लगातार अच्छे प्रदर्शन ने अहम भूमिका निभायी है।लेकिन अगर भारत को पहली बार आईसीसी ट्राफी जीतकर इतिहास रचना है तो स्मृति मंधाना और हरमनप्रीत जैसी स्टार बल्लेबाजों को भी उपयोगी योगदान देना होगा।
ऑस्ट्रेलियाई टीम फाइनल की आदि
इससे पहले त्रिकोणीय श्रृंखला के फाइनल में भारत को हराने वाले ऑस्ट्रेलिया को फाइनल में खेलने का अच्छा खासा अनुभव है। वह लगातार छठी बार फाइनल में पहुंचा है। ऑस्ट्रेलियाई जानते हैं कि दबाव वाले मैच में महत्वपूर्ण क्षणों में कैसा प्रदर्शन करना होता है जबकि भारत बड़े मैचों में दबाव में आ जाता है। उसे 2017 वनडे विश्व कप के फाइनल में और 2018 विश्व टी20 के सेमीफाइनल में इंग्लैंड से हार का सामना करना पड़ा था।
रिकॉर्ड दर्शक
फाइनल के 75,000 से अधिक टिकट बिक चुके हैं और कुल 90,000 दर्शकों के पहुंचने की संभावना है जो कि महिला क्रिकेट में अप्रत्याशित कहा जाएगा। मेग लैनिंग की अगुवाई वाली आस्ट्रेलियाई टीम घरेलू दर्शकों के सामने अच्छा प्रदर्शन करने के लिये प्रतिबद्ध है। दर्शकों में उसकी पुरुष टीम के प्रमुख गेंदबाज मिचेल स्टार्क भी शामिल होंगे जो अपनी घरेलू टीम और अपनी पत्नी एलिसा हीली का उत्साह बढ़ाने के लिये दक्षिण अफ्रीकी दौरा बीच में छोड़कर यहां पहुंचे हैं।
दोनों टीमें इस प्रकार हैं :
भारत : शैफाली वर्मा, स्मृति मंधाना, तानिया भाटिया, जेमिमा रॉड्रिग्स, हरमनप्रीत कौर (कप्तान), वेदा कृष्णामूर्ति, दीप्ति शर्मा, शिखा पांडे, राधा यादव, पूनम यादव और राजेश्वरी गायकवाड़।
ऑस्ट्रेलिया : एलिसा हीली, बेथ मूनी, मेग लेनिंग (कप्तान), रचेल हेंस, एश्ले गार्डनर, सोफी मोलीन्यूक्स, निकोला कैरी, जेस जोनासन, जॉर्जिया वेयरहम, डेलिसा किमिंस और मेगन शूट।