बड़ौदा: टीम इंडिया के बांए हाथ के तेज गेंदबाज रहे इरफान पठान ने शनिवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के साथ-साथ सभी फॉर्मेट से संन्यास का ऐलान कर दिया। 18 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत करने वाले इरफान का करियर बेहद उतार चढ़ाव भरा रहा। शुरुआत में उनकी पहचान एक वसीम अकरम की तरह स्विंग के सुल्तान की बनी थी लेकिन जैसे-जैसे उन्होंने अपनी बल्लेबाजी में सुधार किया उनकी गेंदों का रंग फीका होता गया।
उनके शानदार करियर में बट्टा लगाने में अहम भूमिका ग्रैग चैपल ने टीम इंडिया को कोच रहते हुए निभाई। नहीं तो जहीर खान की तरह इरफान भी गेंदबाजी में इतिहास रच सकते थे। वो अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में 29 टेस्ट, 120 वनडे और 24 टी-20 मैच खेल सके। भारत की तरफ से आखिरी मैच अक्टूबर 2012 में खेलने वाले इरफान ने 29 टेस्ट मैचों में 1105 रन बनाये और 100 विकेट लिये। उन्होंने 120 वनडे में 1544 रन बनाने के अलावा 173 विकेट हासिल किये और 24 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 172 रन बनाये और 28 विकेट लिये। उनके पास काबीलियत इससे कई गुना ज्यादा करने की थी। बावजूद इसके इरफान के करियर में कई ऐसे पल आए जिन्हें भारतीय क्रिकेट इतिहास में हमेशा याद किया जाएगा।
यूथ वनडे में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन का वर्ल्ड रिकॉर्ड
नवंबर 2003 में इरफान पठान ने पाकिस्तान दौरे पर अपनी गेंदों का ऐसा जल्वा दिखाया कि एक महीने बाद ही उनके लिए टीम इंडिया के दरवाजे खुल गए। उन्होंने लाहौर में बांग्लादेश के खिलाफ अंडर 19 वनडे मैच में 16 रन देकर 9 विकेट लेने का अनोखा कारनामा कर दिखाया। इस प्रदर्शन के बाद उनके चर्चे दुनियाभर में होने लगा। उन्हें भारतीय गेंदबाजी का वंडर ब्वॉय कहा जाने लगा। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जाने वाली भारतीय टीम में इरफान को मौका मिला। एडिलेड में खेले डेब्यू मैच में वो दोनों पारियों में 1 विकेट ले सके थे। लेकिन ये मैच भारत ने राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण और अजीत आगरकर के शानदार खेल की वजह से 4 विकेट से जीतने में सफल रही। इस तरह उनका डेब्यू भी टीम इंडिया के लिए लकी साबित हुआ।
टेस्ट हैट्रिक लेने वाले पहले भारतीय पेसर
इरफान पठान ने साल 2006 के पाकिस्तान दौरे पर वो कारनामा कर दिखाया जो भारतीय क्रिकेट इतिहास में और कोई नहीं कर सका। उन्होंने कराची में पाकिस्तान के खिलाफ पारी के पहले ओवर की अंतिम तीन गेंदों में हैट्रिक लेने का अनोखा कारनामा कर दिखाया जो उनसे पहले टेस्ट इतिहास में और कोई खिलाड़ी नहीं कर सका था। ओवर की चौथी गेंद पर उन्होंने पहले सलमान बट्ट को कैच कराया। इसके बाद अगली गेंद पर मोहम्मद यूनिस को एलबीडब्ल्यू कर दिया। वहीं आखिरी गेंद पर मोहम्मद यूसुफ जैसे बल्लेबाज को सटीक यॉर्कर पर बोल्ड कर हैट्रिक पूरी कर ली। वो हरभजन सिंह के बाद भारत के लिए टेस्ट हैट्रिक पूरी करने वाले दूसरे गेंदबाज और पहले भारतीय पेसर बने थे।
2007 टी-20 विश्व कप के फाइनल में मैन ऑफ द मैच
इरफान पठान ने पहले टी-20 विश्व कप में शानदार प्रदर्शन किया था। भारत को विश्व चैंपियन बनाने में उन्होंने अहम भूमिका अदा की थी। पाकिस्तान के खिलाफ खिताबी मुकाबले में उन्होंने बल्लेबाजी करते हुए 3 गेंद पर 3 रन बनाए थे। इसके बाद पाकिस्तान को जीत के लिए मिले 158 रन के लक्ष्य को हासिल नहीं करने दिया था। उन्होंने 4 ओवर में 16 रन देकर 3 विकेट लिए थे। ये विकेट शोएब मलिक, शाहिद अफरीदी और यासिर अराफात के थे। उनकी कसी हुई गेंदबाजी की वजह से ही मुकाबला अंतिम ओवर तक पहुंचा था और भारत 5 रन के करीबी अंतर से जीत दर्ज करने में सफल रहा था।
वाका में अकेले दम दिलाई टीम इंडिया को जीत
साल 2008 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर वाका में खेले गए टेस्ट में इरफान बतौर ऑलराउंडर अपनी छाप छोड़ने में कामयाब रहे। इस मैच में इरफान ने बल्लेबाजी करते हुए पहली पारी में 28 और दूसरी पारी में 46(64) रन बनाए थे। वहीं गेंदबाजी में पहली पारी में 63 रन देकर 2 और दूसरी में 54 रन देकर 3 विकेट लिए थे। इरफान का ऑलराउंड प्रदर्शन मैच में निर्णायक साबित हुआ और भारत ये मैच 72 रन के अंतर से जीतने में सफल रहा। दुनिया की सबसे तेज पिच पर मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार जीतने वाले इरफान पहले एशियाई खिलाड़ी बने थे।