नई दिल्ली: तेज गेंदबाज इशांत शर्मा भारतीय टेस्ट टीम के अहम गेंदबाज हैं। उन्होंने पिछले कुछ सालों में दमदार प्रदर्शन कर अपने हुनर को बखूबी साबित किया है। उन्हेंने 12 साल के अंतरराष्ट्रीय करियर में अब तक 96 टेस्ट, 80 वनडे और 20 टी20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबले खेले हैं। इशांत इस समय रणजी ट्रॉफी खेल रहे हैं। उन्होंने हाल ही में दिल्ली की ओर से खेलते हुए हैदराबाद को शिकस्त देने में अहम भूमिका निभाई। इस मैच के बाद इशांत ने कई मुद्दों पर की। साथ ही उन्होंने भी कहा कि भारत में हर कोई आपको समस्या बताता है लेकिन समाधान नहीं।
आईएएनएस के मुताबिक, इशांत ने कहा, 'मेरे सफर में कई उतार-चढ़ाव रहे हैं लेकिन अब मैं पहले से ज्यादा अपनी क्रिकेट का लुत्फ उठा रहा हूं। मैं जहीर खान, कपिल देव से अपनी तुलना नहीं कर रहा हूं। उन्होंने देश के लिए काफी कुछ किया है। जहां तक मेरी बात है तो मैं आपको अपने द्वारा हासिल किए गए अनुभवों के हिसाब से बता सकता हूं मैं कोशिश करता हूं कि उसे जूनियर खिलाड़ियों तक पहुंचा सकूं। यह जरूरी है। इसलिए कि आने वाले दिनों में, एक और गेंदबाज आए जो दिल्ली के लिए खेल सके। इससे मुझे गर्व होगा।'
उनसे जब पूछा गया कि जब क्रिकेट के विशेषज्ञ उनकी काबिलियत के हिसाब से प्रदर्शन न करने की बात करते हैं तो क्या वो निराश महसूस करते हैं? इस पर ईशांत ने कहा कि हर कोई समस्या बताता है कोई भी समाधान नहीं बताता, लेकिन गिलेस्पी के आने से चीजें बदल गईं। उन्होंने कहा, 'मैं ज्यादा वीडियो नहीं देखता। मैं अपने अधिकतर वीडियो में यह देखता हूं कि मैं गेंद जहां डालना चाहता था, वहां डाल पाया की नहीं। जब आप उन नंबर के बारे में सोचते हो तो आप अपनी गेंदबाजी के बारे में सोचते हो। आपको अपने क्रियान्वयन का पता चल जाता है और खराब गेंदों का पता चल जाता है। यह अनुभव से आता है।'
इशांत ने ने कहा, 'भारत में परेशानी यह है कि हर कोई आपको समस्या बताता है लेकिन कोई आपको समाधान नहीं बताता। समाधान जानना अहम है। मुझे यह अहसास हुआ है सिर्फ एक-दो लोग समाधान पर काम करते हैं।' उन्होंने आगे कहा, 'जहीर ने हमें कई तरह के समाधान बताए। कई लोगों ने मुझसे कहा कि मुझे आपनी फुल लैंग्थ गेंद में तेजी लानी चाहिए लेकिन किसी ने यह नहीं बताया कि कैसा लानी चाहिए। यह बात मुझे खुद पता चली। जब मैं काउंटी खेलने गया तो जेसन गिलेस्पी ने मुझे समाधान बताया।'