- आईसीसी ने तीन पूर्व खिलाड़ियों जैक कैलिस, जहीर अब्बास और लिसा स्टालेकर को किया हॉल ऑफ फेम में शामिल
- जैक कैलिस को माना जाता है सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर, जहीर अब्बास को कहा जाता था एशिया का ब्रैडमैन
- पुणे में जन्म लेने वाली लिसा स्टालेकर ने महिला क्रिकेट में किया ऑस्ट्रेलिया का प्रतिनिधित्व
दुबई: दक्षिण अफ्रीका के दिग्गज आलराउंडर जॉक कैलिस, पाकिस्तान के महान बल्लेबाज जहीर अब्बास और पुणे में जन्मी ऑस्ट्रेलिया की पूर्व महिला कप्तान लिसा स्टालेकर को रविवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया।
क्रिकेट में बेहतरीन ऑलराउंडरों में से एक कैलिस ने दक्षिण अफ्रीका की तरफ से 1995 से लेकर 2014 तक 166 टेस्ट, 328 वनडे और 25 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले। यह 44 वर्षीय खिलाड़ी दक्षिण अफ्रीका की तरफ से टेस्ट (13,289 रन) और वन डे (11,579 रन) में सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं। उन्होंने इसके अलावा तेज गेंदबाज के रूप में टेस्ट में 292 और वनडे में 273 विकेट हासिल किये।
आईसीसी ने कोविड-19 महामारी के कारण वर्चुअल समारोह का आयोजन किया। इसमें कैलिस के अलावा लंबे समय तक उनके साथी रहे शॉन पोलाक और भारतीय दिग्गज सुनील गावस्कर ने भी हिस्सा लिया। आईसीसी हॉल ऑफ फेम में 2009 में शामिल होने वाले गावस्कर ने कहा, 'वह एक विशाल व्यक्तित्व है। यह शब्द उन पर अच्छी तरह से जंचता है। वह आईसीसी हॉल ऑफ फेम में शामिल होने के सच्चे हकदार थे।'
गावस्कर ने महिला क्रिकेटर स्टालेकर की भी तारीफ की। उन्होंने कहा, 'यह अच्छा है कि एक और 'कर' आईसीसी हॉल ऑफ फेम में शामिल हो गया है। शानदार! आप केवल ऑस्ट्रेलिया ही नहीं भारत में भी प्रेरणास्रोत हो।' स्टालेकर ने ऑस्ट्रेलिया की तरफ से आठ टेस्ट, 125 वनडे और 54 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले।
इस समारोह में जिन तीसरे क्रिकेटर को हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया वह जहीर अब्बास थे जिन्हें एशियाई ब्रैडमैन कहा जाता है। गावस्कर ने कहा, 'मैं बहुत खुश हूं। इसका उनसे अधिक हकदार कोई अन्य नहीं था। मुझे नहीं पता कि उन्हें यह सम्मान मिलने में इतनी देर क्यों हुई। लेकिन देर आए दुरस्त आये। जब आप उन्हें बल्लेबाजी करते हुए देखते थे तो बहुत आनंद आता था, भले ही वह आपके खिलाफ ही क्यों नहीं खेल रहे हों।' जहीर अब्बास ने पाकिस्तान की तरफ से 78 टेस्ट मैचों में 5062 रन और 62 वनडे में 2572 रन बनाये। वह प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 100 से अधिक शतक लगाने वाले एकमात्र एशियाई बल्लेबाज हैं।