- जोफ्रा आर्चर ने बायो सिक्योर प्रोटोकॉल उल्लंघन मामले में हुई कड़ी आलोचना के बाद चुप्पी तोड़ी है
- तीसरे टेस्ट मैच के लिए उनकी इंग्लैंड की टीम में पांच दिन के आइसोलेशन के बाद वापसी हुई है
- वो अपनी ही टीम के दिग्गज खिलाड़ी से ले रहे हैं शानदार वापसी के लिए प्रेरणा
मैनचेस्टर: तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर की वेस्टइंडीज के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच के लिए इंग्लैंड टीम में वापसी हो गई है। साउथैम्पटन से मैनचेस्टर आते वक्त आर्चर अपने घर चले गए थे और उन्होंने ईसीबी द्वारा जैव सुरक्षित वातावरण का उल्लंघन को दोषी करार दिया गया। इस वजह से उन्हें नाटकीय रूप से दूसरे टेस्ट मैच के आगाज से ठीक पहले टीम से बाहर कर पांच दिन के लिए आइसोलेशन में भेज दिया गया। इसके बाद उनके खिलाफ ईसीबी ने उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए जुर्माना लगाया और लिखित चेतावनी भी दी।
पिछला सप्ताह आर्चर के लिए मुश्किल रहा और उन्हें इस दौरान अधिकांश समय अकेले आइसोलेशन में बिताना पड़ा। आइसोलेशन के दौरान दो बार उनकी कोरोना जांच की गई जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उनकी तीसरे टेस्ट के लिए टीम में वापसी हुई है। वापसी के बाद आर्चर ने लोगों द्वारा बायो सिक्योर प्रोटोकॉल तोड़ने के बाद की गई आलोचने के बारे में चुप्पी तोड़ी और बताया कि इससे उबरने के लिए उन्होंने बेन स्टोक्स से सलाह ली।
प्रोटोकॉल तोड़कर नहीं किया कोई अपराध
आर्चर ने ये स्वीकार किया कि गत सप्ताह उनके लिए काफी मुश्किल रहा। डेली मेल के लिए लिखे कॉलम में आर्चर ने लिखा, निर्णय करने में उनसे भले ही चूक हुई है लेकिन उन्होंने प्रोटोकॉल तोड़कर कोई अपराध नहीं किया है। उन्होंने आशा की कि वो जल्दी ही सामान्य महसूस कर सकेंगे। प्रोटोकॉल तोड़ने की वजह से पड़े मानसिक दबाव के बारे में उन्होंने कहा, मैंने अपने डॉक्टर को बताया कि मैं इसकी वजह से कैसा महसूस कर रहा हूं। सोमवार रात मैंने स्टोक्स से भी बात की। बेन ने मुझे बताया कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में चर्चा में रहने की वजह से उपजे दबाव से कैसे निपटा जा सकता है। उन्होंने मेरी वापसी का समर्थन किया। अब मुझे मानसिक रूप से खुद को सौ प्रतिशत तैयार करना होगा जिससे कि मैं खुद को क्रिकेट में झोंक सकूं।'
किसी भी सूरत में बनेगी खबर
उन्होंने आगे कहा, अगर मैं अगला मैच खेलता हूं और उसमें 90 मील प्रतिघंटा की रफ्तार से गेंदबाजी ना करूं तो वो भी खबर होगी। अगर मैं लंबे अंतराल में लगातार 90 मील प्रतिघंटे की रफ्तार से गेंदबाजी नहीं कर पाऊं तो ये भी खबर होगी। अगर मैं अपने पिछले झटके को पीछे नही छोड़ पाया तो ये भी खबर होगी। मैं समझता हूं कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने और सुर्खियों में रहने पर इसी तरह आपकी समीक्षा होती है।'
हर वक्त शानदार प्रदर्शन नहीं कर सकता है कोई भी खिलाड़ी
साउथैमप्टन टेस्ट की दूसरी पारी में आर्चर ने अपनी तूफानी गेंदबाजी से कोहराम मचा दिया था। इंग्लैंड की टीम दुर्भाग्यशाली थी कि वो उस मैच में जीत हासिल नहीं कर सकी। ऐसे में आर्चर ने कहा, साथथैम्पटन टेस्ट की दूसरी पारी ने मुझे दिखाया कि क्रिकेट कितना उतार-चढ़ाव वाला खेल है। पहली पारी के बाद सुनने को मिली कि मैं ओवर रेटेड खिलाड़ी हूं लेकिन दूसरी पारी में जैसे ही मैंने अच्छा किया सब कहने लगे कि मैं एक महान खिलाड़ी हूं। ये क्रिकेट है जिसमें कुछ दिन अच्छे होते हैं कुछ खराब। कोई भी खिलाड़ी हर वक्त शानदार नहीं खेल सकता। कई बार मुझे महसूस होता है कि ये दुनिया अच्छी नहीं है।'
मानसिक मजबूती है स्टोक्स की सफलता का राज
आर्चर ने पिछले कुछ सालों में बेन स्टोक्स की हुई कड़ी आलोचना के बावजूद मिली सफलता का श्रेय उनकी मजूबत मानसिक स्थिति को दिया है। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि बेन स्टोक्स ने भी इस तरह की स्थितियों का सामना किया है। लेकिन लिए वो दौर गुजर चुका है। पिछले 18 महीने से वो शानदार प्रदर्शन कर रहा है इसलिए अब उनके खिलाफ कहने के लिए लोगों के पास कुछ नहीं है। मुझे नहीं मालूम कि लोगों के साथ अपनी बातें साझे किए बगैर वो कैसे चलते जाते हैं निश्चित तौर पर वो बेहद मजबूत हैं और ऐसे दबाव को झेल जाते हैं।'