- आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल - भारत बनाम न्यूजीलैंड
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न्यूजीलैंड की विश्व टेस्ट चैंपियनशिप विजेता (डब्ल्यूटीसी) टीम के कप्तान केन विलियमसन ने कहा कि एक (टेस्ट) मैच वाला फाइनल रोमांच पैदा करता है लेकिन इससे पूरी तस्वीर बयां नहीं होती कि विराट कोहली की भारतीय टीम कितनी मजबूत है बारिश से प्रभावित डब्ल्यूटीसी फाइनल में न्यूजीलैंड ने भारतीय टीम को आठ विकेट से हराया था। साउथम्पटन में खेले गये इस मुकाबले की दूसरी पारी में विलियमसन के नाबाद अर्धशतक से टीम ने जीत के लिए 139 रन के लक्ष्य को आसानी से हासिल कर लिया था।
विलियमसन ने ‘इंडिया टुडे चैनल’ से कहा, ‘‘ यह (एक मैच का फाइनल) उत्साह प्रदान करता है। लेकिन यह वास्तव में पूरी तस्वीर कभी नहीं बताता।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हम जानते हैं कि यह भारतीय टीम एक मजबूत टीम है। यह एक महान टीम है और हमें इस मैच में जीत हासिल करने पर गर्व है, लेकिन यह इस तथ्य को नहीं बताता कि वे कितने मजबूत हैं और उनमें क्या कौशल हैं।’’
विलियमसन ने कहा, ‘‘इसमें कोई शक नहीं कि वे बहुत मैचों में जीत दर्ज करेंगे। आप उनकी गुणवत्ता के बारे में जानते हैं। उनके पास ऐसा तेज आक्रमण है जो दुनिया में सर्वश्रेष्ठ है, स्पिन गेंदबाज अविश्वसनीय है और बल्लेबाजी का उल्लेख करने की आवश्यकता नहीं है।’’ विलियमसन ने भारतीय खिलाड़ियों को खेल का महान दूत करार देते हुए कहा कि उनके प्रशंसकों में राष्ट्रीय टीम के लिए जिस तरह का जुनून है, वह उन्हें पसंद है।
उन्होंने कहा, ‘‘वह देश खेल के लिए ऐसी भावना लाता है कि हम सभी भारत की सराहना कर सकते हैं। उनके जुनून का पुरस्कार भी मिलता है। वे (खिलाड़ी) खुद को खेल के दूत के रूप में रखते हैं।’’ विलियमसन ने कहा कि मैच के आखिरी दिन तीनों परिणाम संभव थे लेकिन समय की कमी को देखते हुए ड्रा की संभावना अधिक थी।
उन्होंने कहा, ‘‘हर परिणाम की उम्मीद करना वास्तविकता थी और हम जितना कर सकते थे उतना करने की कोशिश कर रहे थे। हम पिछले कुछ दिनों से कुछ भी अलग नहीं कर रहे थे है और सिर्फ यह देखना चाहते थे मौके मिलने पर खेल का क्या रूख होता है।’’ विलियमसन ने माना कि कोहली और चेतेश्वर पुजारा को जल्दी आउट करने से उनके लिए यह अच्छा मौका बना गया।
उन्होने कहा, ‘‘आखिरी दिन की शुरूआत में विकेट लेना बहुत अच्छा था, जिससे उस दिन परिणाम की अधिक संभावनाएं बनी। उसके बाद भारतीय टीम ने भी जवाबी हमला किया और उनके पास भी मौका था। गेंदबाजों को पिच से मदद मिल रही थी। हमारे लिये यह मुश्किल था।’’