- आज के दिन जड़ा गया था विश्व कप इतिहास का सबसे तेज शतक
- आयरलैंड के केविन ओ'ब्रायन ने 2011 विश्व कप में सबको चौंकाया था
- इंग्लैंड के खिलाफ बेंगलुरू में खेली थी सबसे शानदार पारी
नई दिल्लीः क्रिकेट इतिहास में आपने अब तक कई खिलाड़ियों को धुआंधार शतक जड़ते देखा होगा। कभी वनडे में, कभी टी20 में तो कभी-कभी टेस्ट क्रिकेट में भी बल्लेबाजों ने धुआंधार शतक जड़े। दबाव वाले मैचों में भी बड़ी टीम के खिलाड़ियों ने ये कमाल किया है। आज के दिन ऐसी ही एक पारी खेली गई थी लेकिन किसी बड़ी टीम के खिलाड़ी द्वारा नहीं बल्कि आयरलैंड क्रिकेट टीम के बल्लेबाज केविन ओ'ब्रायन ने ये पारी खेली थी। वो भी किसी ऐसे-वैसे मैच में नहीं बल्कि इंग्लैंड के खिलाफ विश्व कप जैसे दबाव वाले मंच पर।
भारत में खेले गए 2011 क्रिकेट विश्व कप के 15वें मैच में इंग्लैंड का मुकाबला आयरलैंड की टीम से था। इंग्लैंड की टीम में कई दिग्गज खिलाड़ी थे, ऐसे में अधिकतर लोग पहले से उनकी जीत निश्चित मान रहे थे लेकिन उस दिन बेंगलुरू में आयरलैंड के अनुभवी बल्लेबाज केविन ओ'ब्रायन अलग मूड में थे जिन्होंने सबसे तेज शतक जड़कर सब कुछ बदल डाला।
इंग्लैंड ने बनाया बड़ा स्कोर
मैच में इंग्लिश टीम ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। इंग्लैंड की तरफ से जोनाथन ट्रॉट (92 रन), इयान बेल (81 रन) और केविन पीटरसन (59) ने शानदार अर्धशतकीय पारियां खेलीं और इंग्लैंड ने 50 ओवर में 8 विकेट गंवाते हुए 327 रनों का विशाल स्कोर खड़ा कर दिया। अब आयरलैंड की टीम के सामने 328 रनों का बड़ा टारगेट था।
पहली ही गेंद पर विकेट गिरा
आयरलैंड की टीम लक्ष्य का पीछा करने उतरी लेकिन पहली ही गेंद पर जेम्स एंडरसन ने कप्तान व ओपनर विलियम पोर्टरफील्ड को शून्य पर बोल्ड कर दिया। इसके बाद पॉल स्टर्लिंग और एड जॉयस ने 32-32 रनों की पारियां खेलीं जबकि नील ओ'ब्रायन ने 29 रनों की पारी खेलकर टीम को कुछ राहत दी। लेकिन असल धमाल मचाया नील के भाई केविन ने।
केविन ओ'ब्रायन का तूफान आया !
छठे नंबर पर बैटिंग करने उतरे केविन ओ'ब्रायन ने 30 गेंदों पर अर्धशतक जड़ा और देखते-देखते अगली 20 गेंदों के अंदर वो शतक तक पहुंच गए। केविन ने 50 गेंदों पर अपना शतक पूरा किया जो विश्व कप इतिहास का सबसे तेज शतक साबित हुआ। केविन ओ'ब्रायन ने 63 गेंदों पर 113 रनों की धुआंधार पारी खेली। उनकी इस ताबड़तोड़ पारी में 6 छक्के और 13 चौके शामिल रहे।
केविन के साथ एलेक्स क्यूसेक ने 47 और जॉन मूनी ने नाबाद 33 रनों की पारियां खेलीं। नतीजा ये रहा कि आयरलैंड ने 5 गेंद बाकी रहते 49.1 ओवर में ही 7 विकेट के नुकसान पर लक्ष्य हासिल कर लिया। तीन विकेट से मिली ये जीत आयरलैंड के क्रिकेट इतिहास की सबसे शानदार सफलताओं में से एक है।