- लार से गेंद चमकाने पर लग सकता है प्रतिबंध
- कोरोना महामारी व अन्य संक्रमण को देखते हुए लिया जा सकता है फैसला
- गेंद निर्माता कंपनी कूकाबूरा ने पेश कर दिया है विकल्प
मेलबर्न: कोरोना वायरस (Covid-19) महामारी के कारण पूरी दुनिया इस समय खौफ में है। लाखों लोग इस बीमारी से संक्रमित हो चुके हैं और लाखों की जान भी जा चुकी है। ऐसे में दुनिया भर में हर वो एहतियात बरते जा रहे हैं जिससे कि ये महामारी आगे ना फैले। इसके लिए सोशल डिस्टेंसिंग से लेकर लॉकडाउन तक, तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। क्रिकेट में भी इससे जुड़ा कुछ ऐसा है जिसको लेकर चर्चा तेज है। ये समस्या है गेंद चमकाने की। खिलाड़ी गेंद में स्विंग हासिल करने के लिए लार और पसीने के जरिए गेंद की एक तरफ चमकाते हैं। इससे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है इसलिए अब विकल्प तैयार किया जा रहा है।
खबरों के मुताबिक आने वाले समय में आईसीसी व तमाम क्रिकेट संघों द्वारा गेंद को लार या पसीने से चमकाने पर प्रतिबंध लग सकता है। ऐसे में गेंदबाजों की समस्या सुलझाने के लिए ऑस्ट्रेलिया की क्रिकेट गेंद निर्माता कंपनी कूकाबुरा (Kookaburra) विकल्प के तौर पर जल्द ही ‘वैक्स एप्लिकेटर’ तैयार करेगा जिससे बिना संक्रमण का खतरा लिए खिलाड़ी गेंद को चमका सकेंगे।
एक महीने के अंदर
दरअसल, रिपोर्टों के अनुसार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) गेंद को चमकाने के लिये अंपायरों की निगरानी में कृत्रिम चीजों का उपयोग करने की अनुमति देने पर विचार कर रही है और ऐसा हुआ तो कूकाबुरा का विकल्प यानी ‘वैक्स एप्लिकेटर’ काम आएगा। इसको तैयार करने की शुरुआत कर दी गई है और एक महीने के अंदर इसको तैयार भी कर लिया जाएगा।
कूकाबुरा के प्रबंध निदेशक का बयान, ऐसे होगा इस्तेमाल
कूकाबुरा समूह के प्रबंध निदेशक ब्रेट इलियट ने पीए समाचार एजेंसी से कहा, ‘‘ऑस्ट्रेलिया में कूकाबुरा का शोध एवं विकास केंद्र गेंद को चमकाने के पारंपरिक तरीके के विकल्प को तैयार करने पर काम कर रहा है। हमने क्रिकेट गेंद को चमकाने के लिये खास तरह का वैक्स फार्मूला तैयार किया है। खिलाड़ी या अंपायर गेंद को चमकाने के लिये इस स्पंजनुमा वस्तु को उस पर लगाएंगे जिसके बाद गेंदबाज अपनी गेंद को पोशाक पर रगड़कर पारंपरिक तरीके से उसे चमका सकता है।’’
क्रिकेट में गेंद चमकाने का फॉर्मूला सालों से अपनाया जा रहा है और खासतौर पर क्रिकेट के लंबे प्रारूप में लाल गेंद पर इसका उपयोग किया जाता रहा है। आज तक कभी इस पर रोक लगाने के बारे में नहीं सोचा गया लेकिन अब मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए शायद इस फैसले को लेने का समय आ चुका है। ऑस्ट्रेलिया भी कोरोना वायरस की चपेट में है इसलिए क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया इस पर बेहद गंभीरता से विचार कर रहा है।