नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम में पिछले एक दशक से परंपरा चली आ रही है। जब भी टीम कोई सीरीज या टूर्नामेंट जीतती है तो उसे टीम के नए सदस्य को सौंप दिया जाता है। टीम का नया सदस्य बीच में ट्रॉफी थामे रहता है और बाकी टीम के साथी उसके आस-पास रहकर जीत का जश्न मनाते हुए दिखते हैं। इन सभी की शुरुआत महेंद्र सिंह धोनी के कप्तान बनने से शुरू हुई। विराट कोहली इसी परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। हाल ही में बांग्लादेश का टेस्ट सीरीज में 2-0 से सूपड़ा साफ करने के बाद भारतीय कप्तान कोहली ने अनकैप्ड विकेटकीपर केएस भरत को विजेता ट्रॉफी सौंप दी।
अनकैप्ड विकेटकीपर भरत को रिद्धिमान साहा के कवर के रूप में शामिल किया गया था। जब कप्तान कोहली ने उन्हें ट्रॉफी थमाई तो भरत ने बताया कि वह बहुत घबराए हुए थे। उनके समझ नहीं आ रहा था कि यह क्या हो रहा है। भरत को महसूस हुआ कि यह उनके और माता-पिता के लिए गौरव का पल बना। इसी दौरान युवा विकेटकीपर बल्लेबाज ने बताया कि ट्रॉफी देते समय कप्तान कोहली ने उनसे क्या कहा था।
भरत ने कहा, 'विराट भैया मेरे पास आए और मेरे हाथों में ट्रॉफी थमा दी। मुझे समझ नहीं आया कि क्या कहूं या कैसे प्रतिक्रिया दूं। फिर विराट भैया ने कहा कि टीम में मेरे स्वागत का यह छोटा सा तरीका है। इसका आनंद उठाओ। फिर रोहित भैया आए और मेरे पास खड़े हो गए। उन्होंने मुझे इस पल का आनंद उठाने को कहा। उन्होंने कहा कि यह तुम्हारा समय है। इसका आनंद उठाओ और जीत की खुशी को महसूस करो। मैं पहले बहुत घबराया हुआ था, लेकिन जिस तरह इन लोगों ने मुझसे बात की, उससे मैं बहुत खुश हूं। मेरे माता-पिता मुझे हाथ में ट्रॉफी थामे देख बहुत खुश हुए। उन्हें मुझ पर गर्व हुआ।'
भरत के मुताबिक यह ऐसा पल है, जिसे वह कभी भूल नहीं पाएंगे। उन्हें यह भी देखकर बहुत अच्छा लगा कि प्रोत्साहन से युवा को कितना बल मिलता है। भरत ने कहा, 'मैं अपनी जिंदगी में इस पल को कभी भूल नहीं पाउंगा। ड्रेसिंग रूम शेयर करके यह सीखने को मिला। मुझे युवा खिलाड़ी के तौर पर काफी प्रोत्साहन मिला और मुझे भरोसा है कि ज्यादा युवा प्रोत्साहित होंगे।'