- बालाजी ने कहा धोनी के छह महीने के ब्रेक के बारे में बात नहीं करनी चाहिए
- धोनी की स्किल के बारे में ज्यादा नहीं सोचना चाहिए
- वह मानसिक तौर पर काफी मजबूत हैं और ब्रेक से स्किल्स पर फर्क नहीं पड़ता
चेन्नई: आईपीएल टीम चेन्नई सुपर किंग्स के गेंदबाजी कोच लक्ष्मपति बालाजी का मानना है कि जब टी-20 विश्व कप टीम को चुनने की बात आती है तो किसी को महेंद्र सिंह धोनी के आराम लेने की बात नहीं करनी चाहिए क्योंकि धोनी के खेल पर आराम का फर्क नहीं पड़ता।
बालाजी ने कहा, आपको धोनी के छह महीने के ब्रेक के बारे में बात नहीं करनी चाहिए। यह बड़ी बात नहीं है। अगर आप टाइगर वुड्स और रोजर फेडरर को देखेंगे तो वह बड़े टूर्नामेंट्स छोड़ देते हैं लेकिन फिर वापसी करते हैं। ब्रेक का मतलब यह नहीं है कि वह राह भटक गए। स्किल का स्तर बदलता नहीं है। धोनी के साथ भी यही है।
बालाजी ने अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा, जब ऐसे खिलाड़ियों की बात आती है जो अपने प्रदर्शन से काफी कुछ साबित कर चुके हैं तो आपको उनकी स्किल के बारे में ज्यादा नहीं सोचना चाहिए। वो हो सकता है वैसे नहीं हों जैसे 25-26 साल की उम्र में हुआ करते थे, लेकिन वह मानसिक तौर पर काफी मजबूत हैं। मैंने जो धोनी को सुपर किंग्स की ट्रेनिंग के दौरान देखा था उससे मैं कह सकता हूं कि ऐसा नहीं लगा था कि धोनी खेल से लंबे समय से दूर हैं।
पूर्व गेंदबाज ने कहा कि धोनी को टी-20 विश्व कप टीम में चुना जाता है या नहीं इसका फैसला चयनसमिति को करना है, लेकिन अगर वो होते तो धोनी को टीम में चुनते। उन्होंने कहा, यह पूरी तरह से चयन समिति पर निर्भर है, लेकिन अगर आप मुझसे पूछेंगे तो मैं हमेशा किसी भी बड़े टूर्नामेंट में धोनी को ले जाऊंगा। फिनिशिंग के अलावा वह काफी कुछ टीम में लेकर आते हैं।