- भारत बनाम इंग्लैंड पहला टी20 मैच
- हार्दिक पांड्या ने बल्ले और गेंद से मचाया धमाल, बने मैन ऑफ द मैच
- शानदार प्रदर्शन के बाद अपने बयान से भी हार्दिक ने भरी हुंकार
टीम इंडिया के अनुभवी ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) ने अपने धमाकेदार प्रदर्शन से इंग्लैंड को पहले टी20 में बेबस कर दिया। पहले बल्ले से धमाल और फिर गेंद से ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए हार्दिक ने संकेत दे दिया कि वो एक बार फिर अपनी पुरानी लय में लौट आए हैं। इंग्लैंड के खिलाफ पहले टी20 में मिली 50 रनों से शानदार जीत के बाद हार्दिक पांड्या ने अपने बयान से भी हुंकार भरी।
भारत ने हार्दिक पांड्या (33 गेंद में छह चौकों और एक छक्के से 51 रन) के करियर के पहले अर्धशतक से आठ विकेट पर 198 रन बनाए। उन्होंने सूर्यकुमार यादव (39) के साथ चौथे विकेट के लिए 37 और अक्षर पटेल (17) के साथ पांचवें विकेट के लिए 45 रन की साझेदारी की। इसके बाद हार्दिक ने 4 विकेट भी लिए और मैन ऑफ द मैच बने।
मैच के बाद पांड्या ने अपने बयान से भी हुंकार भरी और अपने अंदाज में अपनी वापसी के संकेत दिए। पांड्या ने कहा, "जब मैंने पिछली बार इंग्लैंड में खेला था तब चार विकेेट लिए थे और 30 से ऊपर रन बनाए थे। मैं इस समय अपने क्रिकेट का पूरा लुत्फ उठा रहा हूं। मुझे सफलता चाहिए लेकिन उसके लिए मैंने काफी समय अपनी फिटनेस और खेल के सुधार में दिया है। क्योंकि मैंने एक लंबा ब्रेक लिया है इसलिए मैं लय में लौटने को बेताब था।"
हार्दिक ने आगे अपनी गेंदबाजी पर कहा, "वो मेरा खुद का फैसला था जब मैंने क्रिकेट से कुछ समय दूर रहने का निर्णय लिया। जब मुझे पता होता है कि मैं अपना 100 प्रतिशत नहीं दे सकता, तब हार्दिक पांड्या के खेलने का कोई मतलब नहीं है। अभी मैं खुश और संतुष्ट हूं।" आईपीएल और फिर आयरलैंड में टीम इंडिया के लिए अपनी कप्तानी को लेकर पांड्या ने कहा, मैं हमेशा उनमें रहा हूं जिसे जिम्मेदारी लेना पसंद है और अपने खेल में सुधार करना भी। कप्तानी जिम्मेदारी का अहसास दिलाती है और मैं हमेशा ही एक जिम्मेदार खिलाड़ी रहा हूं।"
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हार्दिक इस दौरान टी20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबले में अर्धशतक जड़ने के साथ चार विकेट चटकाने वाले सिर्फ 12वें क्रिकेटर बने। आईसीसी के पूर्ण सदस्य देशों में वह यह उपलब्धि हासिल करने वाले सिर्फ पांचवें क्रिकेटर हैं। उनसे पहले वेस्टइंडीज के ड्वेन ब्रावो, आस्ट्रेलिया के शेन वाटसन, अफगानिस्तान के समीउल्लाह शिनवारी और पाकिस्तान के मोहम्मद हफीज ने यह कारनाम किया है।