- भारत ने श्रीलंका को दूसरे टी20 में 7 विकेट से मात देकर सीरीज में हासिल की 2-0 के अंतर से अजेय बढ़त
- भारत ने जीत के लिए मिले लक्ष्य को 17 गेंद और 7 विकेट रहते किया हासिल
- रोहित शर्मा की कप्तानी में भारत ने अपने नाम की लगातार तीसरी टी20 सीरीज जीत
धर्मशाला: रोहित शर्मा ने जब से टीम की कमान संभाली है टीम उनकी कप्तानी में तब से ही विजय रथ रक सवार है। शनिवार को श्रीलंका को दूसरे टी20 में मात देकर रोहित की कप्तानी में भारतीय टीम ने टी20 में लगातार 8वीं और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कुल 11वीं जीत दर्ज की। इसके साथ ही भारत ने श्रीलंका के खिलाफ 2-0 की अजेय बढ़त हासिल कर ली। सीरीज का तीसरा मुकाबला रविवार को धर्मशाला में ही खेला जाएगा।
टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने उतरी भारतीय टीम इस बार श्रीलंका के बल्लेबाजों को कम स्कोर पर रोकने में नाकाम रही। पथुम निशंका और कप्तान दसुन शनाका ने धमाकेदार पारियां खेलकर टीम को 20 ओवर में 5 विकेट पर 183 रन के स्कोर तक पहुंचाने में सफलता हासिल की। इसके बाद जीत के लिए मिले 184 रन के लक्ष्य को भारतीय टीम ने श्रेयस अय्यर 74(44), रवींद्र जडेजा 45(18) और संजू सैमसन 39(2ज्ञ0 की पारियों की बदौलत हासिल कर लिया।
मध्यक्रम के शानदार प्रदर्शन की जमकर की तारीफ
खराब शुरुआत के बाद बीच के ओवरों में श्रेयस अय्यर, संजू सैमसन और रवींद्र जडेजा ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए टीम जीत दिलाई ऐसे में मध्यक्रम के बल्लेबाजों के अच्छे प्रदर्शन पर खुशी जाहिर करते हुए रोहित शर्मा ने कहा, ऐसा होता देखना हमारे लिए सुखद है। मध्यक्रम के बल्लेबाज आज सामने आए और ऐसा शानदार प्रदर्शन किया। खिलाड़ियों ने सामने आकर जिम्मेदारी ली, पिछले कुछ समय में ऐसा नियमित तौर पर हुआ है। यह देखकर खुशी होती है कि खिलाड़ी जिम्मेदारी अपने कंधों पर लेकर टीम के लिए मैच खत्म कर रहे हैं।
अंतिम 5 ओवरों में रन बनना है आम बात
क्या 183 का स्कोर ज्यादा था आपने गेंदबाजी नहीं की आपको क्या लगता है कुछ गलत हुआ, रोहित ने इसके जवाब में कहा, ईमानदारी से कहूं तो मैं गेंदबाजों के प्रति ज्यादा कठोर नहीं होना चाहता। आजकल आखिरी के 5 ओवरों में 80 रन बनाना आम बात है, हमने 15 ओवर तक उन्हें बांधे रखा और खुलकर रन नहीं बनाने दिए। हमें अंदेशा था कि ये इस तरह का प्रदर्शन मैच में करेंगे। क्योंकि इस तरह के मैदान पर हर जगह रन बनते हैं। पिच भी बल्लेबाजी के लिए भी अच्छी थी। शुरू के 15 ओवर में हमने अच्छी गेंदबाजी की। लेकिन आखिरी में ऐसा नहीं कर सके लेकिन यह ये समझने के लिए पर्याप्त था कि हमें आखिरी के ओवरों में क्या करना चाहिए।
युवा प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को है मौके की तलाश
आपने सीरीज के आगाज से पहले संजू सैमसन की जमकर तारीफ की थी और उन्होंने जिस तरह का पारी आज खेली उसे देखकर खुश हैं तो इसके जवाब में रोहित ने कहा, टीम में उनके जैसे कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं लेकिन उन्हें मौके की जरूरत है ताकि वो अपनी प्रतिभा दिखा सकें और खुद को साबित कर सकें। बहुत से खिलाड़ी अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। उनका वक्त भी आएगा। अभी उन खिलाड़ियों को मौका मिल रहा है जो पिछले कुछ समय से टीम के साथ हैं, हम ये बात समझ रहे हैं कि इन खिलाड़ियों के पास प्रतिभा है, केवल उन्हें मौका देने और उनका सपोर्ट करने की जरूरत है।
चाहते थे अंत तक टिका रहे एक खिलाड़ी
श्रेयस तो बेहतरीन खेले लेकिन अंत में रवींद्र जडेजा की पारी को देखकर कैसा लगा, दोनों ही अच्छा खेले और अंत में जिस तरह दोनों ने मिलकर मैच खत्म किया वो अच्छा था। जडेजा बल्लेबाजी करने आए तो वो पहली ही गेंद से पॉजिटिव दिख रहे थे। श्रेयस की पारी भी महत्वपूर्ण थी। हमने उस वक्त जल्दी-जल्दी विकेट गंवा दिए थे ऐसे में हम चाहते थे कि कोई खिलाड़ी अंत तक पिच पर टिका रहे। अय्यर जिस तरह की फॉर्म में हैं उनसे आप इससे बेहतर पारी की उम्मीद नहीं कर सकते हैं।
रविवार को करेंगे तीसरे मुकाबले की टीम का फैसला
भारत की घर पर सीरीज लगातार सातवीं सीरीज के बाद बाकी बचे मैचों में युवा खिलाड़ियों को मौका दिए जाने के बारे में रोहित ने कहा, हम कल सुबह बैठेंगे और इस बारे में चर्चा करेंगे कि हम क्या कर सकते हैं। जब आप सीरीज जीत लेते हैं तो आप कुछ खिलाड़ियों को आजमाने की कोशिश करते हैं जिन्हें अबतक मौका नहीं मिला है। कुछ खिलाड़ियों को आगे टेस्ट सीरीज भी खेलनी है हमें उनका भी ध्यान रखना है।
खिलाड़ियों को शारीरिक और मानसिक तौर पर तैयार रखने की है चुनौती
उन्होंने आगे कहा, वर्तमान में हम जिस तरह की परिस्थितियों में रह रहे हैं उसमें आपको सबका ख्याल रखना पड़ता है। हर एक खिलाड़ी को शारीरिक और मानसिक रूप से फिट और तरोताजा रखना होता है, शारीरिक रूप से खिलाड़ी अपना ख्याल रखते हैं लेकिन मानसिक तौर पर उन्हें फिट रखने के लिए टीम मीटिंग में हम उनसे चर्चा करते हैं। हमें सभी खिलाड़ियों की मनोदशा को सही रखने के लिए रोटेशन और बदलाव करना पड़ता है।