- मिचेल स्टार्क सबसे तेज 200 वनडे विकेट लेने वाले गेंदबाज बने
- मिचेल स्टार्क ने सकलैन मुश्ताक के 23 साल पुराने रिकॉर्ड को तोड़ा
- जिंबाब्वे ने बड़ा उलटफेर करते हुए ऑस्ट्रेलिया को तीन विकेट से मात दी
टाउन्सविले: ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क ने शनिवार को जिंबाब्वे के खिलाफ तीसरे व अंतिम वनडे में वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया। बाएं हाथ के तेज गेंदबाज स्टार्क वनडे क्रिकेट इतिहास में सबसे तेज 200 विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गए हैं। स्टार्क ने पाकिस्तान के पूर्व ऑफ स्पिनर सकलैन मुश्ताक का 23 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ते हुए यह उपलब्धि अपने नाम दर्ज की। स्टार्क ने रेयान बर्ल को 37वें ओवर की आखिरी गेंद पर आउट करके नया रिकॉर्ड स्थापित किया।
मिचेल स्टार्क ने अपने वनडे करियर के 102वें मैच में 200वां विकेट चटकाया। इससे पहले यह रिकॉर्ड दिग्गज ऑफ स्पिनर सकलैन मुश्ताक के नाम दर्ज था, जिन्होंने अपने करियर के 104वें वनडे में 200वां विकेट लिया था। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज ब्रेट ली इस लिस्ट में तीसरे स्थान पर काबिज हैं, जिन्होंने 112वें वनडे में 200 विकेट लिया था। इसके बाद दक्षिण अफ्रीका के पूर्व तेज गेंदबाज एलेन डोनाल्ड (117) और पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज वकार यूनिस (118) क्रमश: चौथे और पांचवें स्थान पर काबिज हैं।
बहरहाल, स्टार्क की इतनी बड़ी उपलब्धि जिंबाब्वे की ऐतिहासिक जीत के सामने फीकी पड़ गई। रेगिस चकाब्वा के नेतृत्व वाली जिंबाब्वे ने बड़ा उलटफेर करते हुए ऑस्ट्रेलिया को तीसरे व अंतिम वनडे में 66 गेंदें शेष रहते 3 विकेट से हरा दिया। ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी की और पूरी टीम 31 ओवर में 141 रन बनाकर ऑलआउट हो गई। जवाब में जिंबाब्वे ने 39 ओवर में सात विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया। हालांकि, ऑस्ट्रेलिया ने वनडे सीरीज 2-1 से अपने नाम की। शुरुआती दो वनडे कंगारु टीम ने क्रमश: 5 और 8 विकेट से जीते थे।
जिंबाब्वे क्रिकेट के लिए यह ऐतिहासिक दिन बन गया। जिंबाब्वे ने 1992 में पहली बार ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था और 30 साल बाद वो कंगारू टीम को उसी के घर में पहली बार वनडे मैच में हराने में कामयाब हुई। जिंबाब्वे ने ऑस्ट्रेलिया को पहली बार उसके घर में वनडे मैच में हराया। मेहमान टीम की जीत के हीरो रेयान बर्ल रहे, जिन्होंने 3 ओवर में 10 रन देकर पांच विकेट झटके। इसके अलावा कप्तान रेगिस चकाब्वा ने 72 गेंदों में तीन चौके की मदद से नाबाद 37 रन बनाए और जिंबाब्वे को जीत दिलाने के बाद ही पवेलियन लौटे।