नई दिल्ली: पाकिस्तान के मुख्य कोच और मुख्य चयनकर्ता मिस्बाह उल हक तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर और वहाब रियाज से खफा हैं। पाकिस्तानी कोच आमिर और रियाज के देश की टेस्ट टीम में नहीं खेलने पर नाराज हैं। मिस्बाह ने अपनी इस नाराजगी का इजहार गुरुवार को कराची में शुरू होने वाले दूसरे टेस्ट से पहले प्री-मैच प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया। बुधवार को मिस्बाह से यह पूछे जाने पर कि क्या आमिर और वहाब मौजूदा पाकिस्तान टेस्ट टीम की मदद कर सकते हैं? इस पर उन्होंने कहा कि देश के ऊपर टी20 लीग को प्राथमिकता देना खिलाड़ियों के लिए सही नहीं है।
बता दें कि आमिर ने सीमित ओवर क्रिकेट पर ध्यान देने के लिए इस साल जुलाई में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। दूसरी ओर, रियाज ने सीमित ओवर क्रिकेट खेलने के लिए टेस्ट से अनिश्चितकालीन ब्रेक ले रखा है। आमिर और रियाज दोनों फिलहाल बांग्लादेश प्रीमियर लीग में खेल रहे हैं। वहीं, पाकिस्तानी टीम को श्रीलंका के खिलाफ चल रही टेस्ट सीरीज में संघर्ष का सामना करना पड़ रहा है। मिस्बाह ने आमिर और रियाज के फैसले पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा, 'आप इन खिलाड़ियों पर इतना निवेश करते हैं और जब देश को तरजीह दी जानी चाहिए तो आप कहीं और खेलने चल जाते हैं। यह सही नहीं है।'
मिस्बाह ने आगे कहा कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) भविष्य में एक ऐसी नीति लाने पर गौर कर रहा है, जो खिलाड़ियों को फॉर्मेट में बदलाव और राष्ट्रीय टीम की बजाए अन्य लीगों को प्राथमिकता देने की समस्या का हल कर सके। उन्होंने कहा, 'हम गहराई से गौर कर रहे हैं और जल्द ही इस पर एक नीति बनाएंगे। यह भविष्य में पाकिस्तान के लिए एक समस्या हो सकती है। आप खिलाड़ियों पर इतना खर्च करते हैं और उनकी पहली उपलब्धता पाकिस्तान के लिए होनी चाहिए।'
गौरतलब है कि पाकिस्तान और श्रीलंका के बीच दो टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला मुकाबला रावलपिंडी क्रिकेट स्टेडियम में खेला गया था। यह मैच ड्रॉ रहा था। पाकिस्तान में 10 साल बाद टेस्ट क्रिकेट की वापसी हुई है। साल 2009 में श्रीलंका की टीम पर आतंकी हमले के बाद से पाकिस्तान में टेस्ट क्रिकेट का आयोजन नहीं हुआ था और टीम ने तब से अपने अधिकांश घरेलू अंतरराष्ट्रीय मैच संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में खेले हैं। आतंकियों ने तब लाहौर में श्रीलंका की टीम बस पर हमला किया था जिसमें आठ लोग मारे गए थे। श्रीलंका के कई खिलाड़ी और टीम अधिकारी हमले में घायल हुए थे।