- पाकिस्तान बनाम दक्षिण अफ्रीका दूसरा टेस्ट
- रावलपिंडी में पाकिस्तानी बल्लेबाज मोहम्मद रिजवान ने जड़ा अपना पहला शतक
- दोनों पारियों में शानदार बल्लेबाजी से बटोरी सुर्खियां
नई दिल्लीः पाकिस्तान क्रिकेट टीम में बेशक ज्यादातर खिलाड़ी निरंतरता को बरकरार नहीं रख पाते लेकिन आए दिन उनको प्रतिभाशाली खिलाड़ी मिलते जरूर रहते हैं। इन दिनों बाबर आजम के अलावा जिस एक बल्लेबाज की पाकिस्तानी क्रिकेट टीम में सबसे ज्यादा चर्चा है, वो हैं मोहम्मद रिजवान (Mohammad Rizwan)। अब रावलपिंडी में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चल रहे दूसरे टेस्ट मैच की में इस बल्लेबाज ने शानदार प्रदर्शन करते हुए फिर से सुर्खियां बटोरी हैं।
पाकिस्तान के 28 वर्षीय विकेटकीपर बल्लेबाज मोहम्मद रिजवान रावलपिंडी में अपने करियर का 13वां टेस्ट खेल रहे हैं। मैच की पहली पारी में वो 18 रन बनाकर कैच आउट हो गए। लेकिन दूसरी पारी में इस बल्लेबाज ने अपनी छाप छोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी। छठे नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे इस खिलाड़ी ने दूसरी पारी में अपने करियर का पहला शतक जड़ डाला।
रिजवान ने दूसरी पारी में 292 मिनट तक बैटिंग की, जिस दौरान उन्होंने 204 गेंदों में नाबाद 115 रनों की पारी खेली। वो अंत तक टिके रहे और पाकिस्तानी टीम को 298 रनों के स्कोर तक पहुंचाने में सबसे अहम योगदान दिया। इस पारी में उनके बल्ले से 15 चौके निकले।
ऐसा करने वाले पहले पाकिस्तानी विकेटकीपर
मोहम्मद रिजवान अब दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शतक जड़ने वाले पाकिस्तान के पहले विकेटकीपर बल्लेबाज बन गए हैं। उनसे पहले किसी भी पाकिस्तानी विकेटकीपर ने ये कमाल नहीं किया।
रिकॉर्डतोड़ साझेदारी को भी अंजाम दिया
रिजवान ने इसके साथ ही नौवें विकेट के लिए नौमान अली के साथ रिकॉर्डतोड़ साझेदारी को भी अंजाम दिया। नौमान ने 25 ओवर तक दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों को परेशान किया। नौमान ने 78 गेंद में 45 रन की पारी खेली। रिजवान और उनके बीच रिकॉर्ड 97 रन की साझेदारी हुई। साउथ अफ्रीका के खिलाफ पाकिस्तान की ओर से 9वें विकेट की सबसे बड़ी साझेदारी का रिकॉर्ड इससे पहले अजहर महमूद और शोएब अख्तर के नाम दर्ज था जिन्होंने 1998 में डरबन में खेलते हुए 80 रन की पार्टनरशिप को अंजाम दिया था।
कौन हैं मोहम्मद रिजवान?
साल 2014-15 सीजन में पाकिस्तान की घरेलू प्रथम श्रेणी क्रिकेट चैंपियनशिप के फाइनल में 224 रनों की पारी खेलकर रिजवान पहली बार चर्चा में आए थे। उसके बाद पाकिस्तान कप और नेशनल टी20 कप जैसे तमाम टूर्नामेंट्स में धमाकेदार बल्लेबाजी करते हुए इस खिलाड़ी ने लगातार चयनकर्ताओं का ध्यान अपनी ओर खींचा।
आखिरकार अप्रैल 2015 में उनको पहली बार पाकिस्तान की वनडे टीम में चुना गया और पहले ही मैच में 58 गेंदों में 67 रन बनाकर फिर खुद को साबित किया। इसके बाद 2016 में उन्हें टेस्ट टीम में मौका मिला लेकिन पहली पारी में वो शून्य पर आउट हो गए। इसके बाद उतार-चढ़ाव भरे करियर के बाद मार्च 2019 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे मैच में 115 रन बनाकर वो फिर सुर्खियों में आ गए।
कोरोना काल में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में वो अपनी टीम के सबसे बेहतरीन खिलाड़ी साबित हुए। उसके बाद न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में बाबर आजम की गैरमौजूदगी में उन्हें कप्तानी करने का मौका मिला जिस सीरीज में उन्होंने लगातार चार अर्धशतक जड़कर कमाल किया। अब तक वो 13 टेस्ट मैचों में 6 अर्धशतक और 1 शतक जड़ चुके हैं।