- शोएब अख्तर ने मोहम्मद आसिफ को बल्ले से मारा था
- विवाद को सालों से बयानों का रूप देकर चर्चा करते आए हैं शोएब अख्तर
- खीझकर मोहम्मद आसिफ ने घुमाया था शोएब अख्तर को फोन
पाकिस्तान क्रिकेट के दो पूर्व तेज गेंदबाज और दोनों किसी ना किसी कारण से विवादों में रहते आए। पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर करियर के बाद बयानों के जरिए आए दिन चर्चा में रहते हैं जबकि पूर्व पेसर मोहम्मद आसिफ फिक्सिंग कांड के बाद क्रिकेट से दूर हो गए। इन दोनों के बीच 14 साल पहले कुछ ऐसा हुआ था जिसने क्रिकेट को शर्मसार किया था। जब 2007 टी20 विश्व कप के दौरान शोएब अख्तर ने ड्रेसिंग रूम में गुस्सा होकर आसिफ को बल्ला मारा था। अब अख्तर उस किस्से को लगातार उठाते रहते हैं और आसिफ को ये रास नहीं आ रहा है।
उस ड्रेसिंग रूम विवाद के दौरान मोहम्मद आसिफ ने पूर्व दिग्गज शाहिद अफरीदी के साथ कुछ मजाक किया था जो कि शोएब अख्तर को पसंद नहीं आया। वो इतना भड़क गए कि उन्होंने बल्ले से आसिफ पर हमला कर दिया। इस बारे में हाल में शाहिद अफरीदी ने बात करते हुए कहा, "चीजें हो जाती हैं। एक मजाक में आसिफ मेरे साथ थे जिस पर शोएब को अचानक गुस्सा आ गया और फिर वो सब हो गया। लेकिन शोएब दिल से बहुत अच्छे इंसान हैं।"
आसिफ ने घुमाया शोएब को फोन
शोएब अख्तर उस किस्से को तमाम इंटरव्यू में उठा चुके हैं और जब-जब उनसे इस बारे में पूछा जाता था तो वो खुलकर पूरा मामला सामना रख देते थे। ये लगातार होता जा रहा था इसलिए हाल ही में आसिफ ने शोएब अख्तर को फोन करके बात की, आसिफ ने उस फोन कॉल के बारे में खुद जानकारी देते हुए कहा, "2007 में शोएब अख्तर के साथ हुआ ड्रेसिंग रूम विवाद एक ऐसा किस्सा था जिसको शोएब ने 13 साल से खूब जिया है। उसने उस किस्से के बारे में इतने बयान दिए हैं और जहां-जहां मौका मिलता है वो उसके बारे में बोलने से नहीं चूकते। खैर, मैंने बहुत झेल लिया, इसलिए मैंने हाल में उसे फोन किया और बोल दिया कि उस मामले पर अब अपना मुंह बंद रखो और आगे बढ़ो। मैं उससे कहा कि जो होना था सालों पहले हो चुका, अब वो इतिहास है।"
अख्तर की खिल्ली भी उड़ाई, दी नसीहत
आसिफ ने शोएब अख्तर के बदलते बयानों व सपनों को लेकर खिल्ली भी उड़ाई और उनको नसीहत भी दे डाली। आसिफ ने कहा, "एक दिन वो मुख्य चयनकर्ता बनने का सपना देख रहा होता है, अगले दिन वो पाकिस्तान का मुख्य कोच बनना चाहता है, या फिर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड का चेयरमैन भी। उसको हकीकत में जीना चाहिए और असल में युवा खिलाड़ियों की क्रिकेट में मदद करनी चाहिए ना कि 13 साल पुरानी किसी बात पर चर्चाएं करनी चाहिए।"