- शमी ने खुलासा किया कि 2015 वर्ल्ड कप घुटने में फ्रैक्चर के साथ खेला
- शमी ने 2015 वर्ल्ड कप में 7 मैचों में 17 विकेट झटके
- टीम इंडिया सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया से 95 रन से हारकर बाहर हो गई थी
नई दिल्ली: भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने बुधवार को खुलासा किया कि ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की मेजबानी में हुए 2015 वर्ल्ड कप में वह घुटने में फ्रैक्चर के साथ खेले थे। बता दें कि शमी इस टूर्नामेंट में उमेश यादव के बाद सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले दूसरे भारतीय गेंदबाज बने थे। वह टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामले में चौथे स्थान पर थे। मगर वर्ल्ड कप के दौरान वह दर्द से जूझते रहे और हर दिन इससे लड़ाई की।
शमी ने 2015 वर्ल्ड कप में 7 मैचों में 17.29 की औसत से 17 विकेट चटकाए। उनका सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन 35 रन देकर चार विकेट लेना रहा। उमेश यादव ने टूर्नामेंट में 18 विकेट लिए थे। वर्ल्ड कप में अपने प्रदर्शन के बारे में बात करते हुए शमी ने खुलासा किया कि डॉक्टर्स रोजाना उनके मैदान में जाने से पहले घुटने से फ्लूइड निकालते थे।
शमी ने इरफान पठान के साथ इंस्टाग्राम पर लाइव बातचीत के दौरान कहा, '2015 वर्ल्ड कप के समय मेरे घुटने में चोट थी। मैं मैच के बाद चल नहीं पाता था। मैंने पूरा टूर्नामेंट चोट के साथ खेला। मैंने 2015 वर्ल्ड कप नितिन पटेल के विश्वास के कारण खेला। मेरा घुटना पहले ही मैच में टूट गया था। मेरी जांघे और घुटने एक जैसे साइज के हो गए थे। डॉक्टर्स रोजाना उसमें से फ्लूइड निकालते थे। मैं रोजाना तीन पेनकिलर्स लेता था।'
माही भाई ने जताया विश्वास
शमी ने पूर्व कप्तान एमएस धोनी को श्रेय दिया, जिन्होंने प्रोत्साहित करके शमी को पूरे टूर्नामेंट में खेलने दिया। धोनी के कहने पर शमी ने सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में विशेष तौर पर सेमीफाइनल मैच खेला। शमी ने कहा, 'सेमीफाइनल से पहले मैंने अपने टीम साथियों को कह दिया था कि इस चोट के साथ नहीं खेल पाउंगा। मैच के दिन मुझे काफी दर्द था। मैंने प्रबंधन से बात की, लेकिन उन्होंने कहा कि ठीक हो जाएगा। माही भाई, टीम प्रबंधन ने मेरा काफी विश्वास बढ़ाया। उन्होंने कहा कि यह सेमीफाइनल है और हम नए गेंदबाज के साथ मैदान पर नहीं उतर सकते।'
उन्होंने आगे कहा, 'मैंने पहले 5 ओवर किए और 13 रन देकर एक विकेट चटकाया। मैंने फिंच और वॉर्नर को कई बार बीट किया, लेकिन उनके बल्ले का बाहरी किनारा नहीं लगा। फिर मैंने माही भाई को बोला कि अब बस। मेरे इंजेक्शन लेने के बावजूद स्थिति बहुत खराब थी। मैंने माही भाई से कहा कि अब गेंदबाजी नहीं कर सकता क्योंकि चल भी नहीं पा रहा हूं। मगर उन्होंने कहा कि मुझ पर भरोसा है। कोई और पार्ट टाइम गेंदबाज भी रन लुटाएगा।'
शमी ने बताया, 'माही भाई ने मुझे कहा कि 60 रन से ज्यादा मत लुटाना। मैं इससे बुरी स्थिति में नहीं खेल सकता था। 4 मिमी का टुकड़ा हड्डी से बाहर निकल गया था। कुछ लोगों ने कहा कि मेरा करियर खत्म। कुछ ने कहा कि मुझे नहीं खेलना चाहिए था। मगर कृपा है कि मैं आज भी खेल रहा हूं और आप लोगों के सामने हूं।'
भारतीय टीम का 2015 के सेमीफाइनल में सफर समाप्त हो गया था। ऑस्ट्रेलिया ने स्टीव स्मिथ 105 के शतक की बदौलत 50 ओवर में 7 विकेट पर 328 रन बनाए थे। जवाब में भारतीय टीम 233 रन पर सिमट गई थी।