कोलकाता: भारत दौरे से ठीक पहले आईसीसी द्वारा बांग्लादेश के स्टार खिलाड़ी और टेस्ट कप्तान शाकिब अल हसन पर आईसीसी द्वारा दो साल का प्रतिबंध लगाने की घोषणा की गई। ऐसे में आनन फानन में बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड ने टेस्ट टीम की कमान बांए हाथ के बल्लेबाज मोमिनुल हक के हाथों में सौंप दी। ऐसे में बोर्ड के इस निर्णय पर मोमिनुल को भी अचरज हुआ।
इडेन गार्डन्स में बल्ले से निराशाजनक प्रदर्शन के साथ मोमिनुल हक टेस्ट क्रिकेट की दोनों पारियों में खाता नहीं खोल सके। इसी के साथ ही वो डे-नाइट टेस्ट की दोनों पारियों में खाता खोले बगैर आउट होने वाले दुनिया के पहले कप्तान भी बन गए हैं। टेस्ट क्रिकेट में बतौर कप्तान ऐसा शर्मनाक प्रदर्शन करने वाले वो दूसरे बांग्लादेशी कप्तान हैं। उनसे पहले साल 2004 में हबीबुल बशर जिंबाब्वे के खिलाफ हरारे टेस्ट की दोनों पारियों में खाता नहीं खोल सके थे। उस वाकये के 15 साल बाद इस अनचाही सूची में किसी बांग्लादेशी कप्तान का नाम दर्ज हुआ है।
कप्तानी के पहले टेस्ट में मोमिनुल हक बुरी तरह नामाक रहे हैं। इंदौर में बतौर कप्तान उनका बल्ला नहीं चला और टीम को भी पारी और 130 रन के अंतर से शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा। इंदौर टेस्ट की पहली पारी में वो 37 और दूसरी में 7 रन बना सके। लेकिन कोलकाता में उनका हाल पिंक बॉल के साथ बेहाल हो गया। कोलकाता टेस्ट की दोनों पारियों में वो अपना खाता भी नहीं खोल सके। भारत के खिलाफ डे-नाइट टेस्ट की पहली पारी में उमेश यादव ने उन्हें खाता नहीं खोलने दिया और रोहित ने उनका स्लिप में शानदार कैच लपक लिया। वहीं दूसरी पारी में इशांत शर्मा ने कहर परपाते हुए विकेटकीपर साहा के हाथों कैच करा दिया। पहली पारी में वो 7 और दूसरी में 6 गेंद का सामना कर सके।
मोमिनुल हक भारत दौरे पर 2 टेस्ट की 4 पारियों में वो 11 के औसत से कुल 44 रन बना सके। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 37 रन रहा। मोमिनुल हक बांग्लादेशी टेस्ट टीम की बल्लेबाजी की रीढ रहे हैं। उन्होंने अब तक खेले 38 टेस्ट की 71 पारियों में 39.65 की औसत से 2,657 रन बनाए हैं। इस दौरान उनके बल्ले से 8 शतक और 13 अर्धशतक जड़े हैं। उनका सर्वाधिक स्कोर 181 रन रहा है। भारत दौरे पर वो प्रशंसकों की कसौटी पर खरे नहीं उतरे और यही टीम की शर्मनाक हार का अहम कारण भी रहा।