- स्टुअर्ट बिन्नी ने अपने डेब्यू टेस्ट से जुड़ा रोचक किस्सा सुनाया
- बिन्नी ने बताया कि धोनी ने उन्हें क्या कहा कि वह टेस्ट मैच बचाने में कामयाब रहे
- भारतीय टीम के 281वें टेस्ट क्रिकेटर बने थे स्टुअर्ट बिन्नी
नई दिल्ली: भारतीय ऑलराउंडर स्टुअर्ट बिन्नी ने इंटरनेशनल क्रिकेट में बहुत कम मुकाबले खेले हैं। हालांकि, उन्होंने इस दौरान कुछ महत्वपूर्ण योगदान दिए। 17 जून 2014 को बांग्लादेश के खिलाफ वनडे मैच में बिन्नी ने सिर्फ 4 रन देकर 6 विकेट चटकाए थे। यह वनडे इतिहास में किसी भारतीय गेंदबाज का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था। उन्होंने अनिल कुंबले के रिकॉर्ड को तोड़कर यह उपलब्धि हासिल की थी। भले ही बिन्नी ज्यादा मौकों को भुना नहीं पाए, लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ उनकी टेस्ट पारी ने दर्शाया था कि वह कितने प्रतिभाशाली हैं।
36 साल के ऑलराउंडर ने 2014 में इंग्लैंड के खिलाफ अपने डेब्यू मैच का रोचक किस्सा सुनाया, जहां दूसरी पारी में 78 रन की पारी खेलकर उन्होंने मैच सुरक्षित किया था। बेंगलुरु में जन्में बिन्नी ने खुलासा किया कि मैच के आखिरी दिन एमएस धोनी की सलाह ने उन्हें ऐसी पारी खेलने को प्रेरित किया। भारत को टेस्ट मैच ड्रॉ कराने के लिए तीन सेशन बल्लेबाजी करनी थी।
बिन्नी ने स्पोर्ट्सकीड़ा के साथ बातचीत में कहा, 'मेरी जिंदगी का विशेष दिन था। मुझे टेस्ट कैप भी माही भाई से मिली थी। हम आखिरी दिन थोड़ा दबाव में थे। मैंने पहली पारी में सिर्फ 1 रन बनाया था। जब दूसरी पारी में बल्लेबाजी के लिए जाना था तो उसके पहले की रात मुझे नींद नहीं आई थी।'
मुझे विश्वास नहीं था कि ऐसा कुछ कहेंगे: बिन्नी
किसी अन्य क्रिकेटर की तरह बिन्नी भी अपने डेब्यू टेस्ट में काफी घबराए हुए थे और बड़ी बात यह थी कि सामने इंग्लैंड की टीम थी। बिन्नी अपनी पहली पारी में केवल 1 रन ही बना सके थे और टेस्ट ड्रॉ कराने के लिए टीम इंडिया को उनसे दूसरी पारी में दमदार पारी की उम्मीद थी। बिन्नी ने कहा, 'माही भाई ने मुझे कहा- सुनो, तुम्हें आज टेस्ट मैच सुरक्षित करने के लिए साढ़े चार घंटे बल्लेबाजी करनी है। मैंने उनकी तरफ देखा क्योंकि मुझे विश्वास ही नहीं हुआ कि वह मुझसे ऐसा कुछ कह सकते हैं।'
बिन्नी ने कहा कि उन्होंने हमेशा सुना था कि कप्तान का समर्थन खिलाड़ी के लिए क्या कमाल कर सकता है और भारतीय कप्तान के इन शब्दों से ऑलराउंडर को निश्चिंत ही बहुत प्रोत्साहित महसूस हुआ। ऑलराउंडर ने कहा, 'घरेलू क्रिकेट में 8-9 साल का अनुभव था, जहां मैच बचाना है या निकालना है। उस दिन वह अनुभव काम आया। मुझे टेस्ट डेब्यू में शतक जमाना बहुत रास आता, लेकिन ऐसा उस दिन हो नहीं सका। मैं अपने 78 रन की पारी को बहुत मानता हूं।' बता दें कि बिन्नी के 78 रन की पारी की बदौलत भारतीय टीम टेस्ट ड्रॉ कराने में सफल हुई थी और भारतीय क्रिकेट फैंस को यह पारी बखूबी याद होगी।