- एमएसके प्रसाद भारतीय टीम के चीफ सेलेक्टर रहे हैं
- उनका कार्यकाल 2019 विश्व कप के बाद समाप्त हुआ
- उन्होंने चयन को लेकर कई बार आलोचना झेली
भारतीय क्रिकेट में चयन समिति के काम को शायद ही कभी सराहा जाता है। सेलेक्टर्स को अक्सर खिलाड़ियों की अनदेखी के लिए आलोचना झेलने पड़ती है, वहीं सही चयन के लिए उन्हें प्रशंसा कभी-कभार ही मिलती है। पूर्व चीफ सेलेक्टर एमएसके प्रसाद ने इसी बात को लेकर अपनी नाखुशी का इजहार किया है। उनका कहना है कि सेलेक्टर्स द्वारा भारतीय कप्तान विराट कोहली की पत्नी अनुष्का शर्मा को कॉफी दी गई तो कंट्रोवर्सी खड़ी कर दी गई, लेकिन जब भारतीय टीम ने ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज में ऑस्ट्रेलिया को हराया तो चयन समिति को कोई श्रेय नहीं दिया गया।
विश्व कप के दौरान कॉफी कंट्रोवर्सी सुर्खियों में रहीं
बता दें कि 2019 विश्व कप के दौरान भारतीय सिलेक्टर के अनुष्का शर्मा को कथित तौर पर कॉफी देने का मामला काफी सुर्खियों में रहा था। पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज फारुख इंजीनियर ने इस बहाने सिलेक्टर्स को जमकर आड़े हाथों लिया था। अनुष्का को बाद में इसपर बयान जारी करना पड़ा था, जिसके बाद कंट्रोवर्सी थम गई थी। एमएसके प्रसाद साल 2016 से 2020 तक भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की चयन समिति के प्रमुख रहे हैं। उन्होंने आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2017, आईसीसी विश्व कप 2019 समेत कई बड़े टूर्नामेंटों के लिए टीम चयन के मद्देनजर कुछ कठिन फैसले लिए, जो काफी चर्चा में रहे थे।
'ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज जीती तो सेलेक्टर्स को..'
प्रसाद ने क्रिकेट मंथली से कहा, 'जब हमारा एक सेलेक्टर ने भारतीय टीम के कप्तान की पत्नी को कॉफी ऑफर की तो यह एक बड़ी कंट्रोवर्सी बन जाती है। लेकिन जब सात भारतीय सुपरस्टारों बगैर भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज जीती तो एक बार भी सेलेक्टर्स को श्रेय नहीं दिया गया।' मालूम हो कि भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 4 मैचों की टेस्ट सीरीज पर 2-1 से कब्जा किया था। पहला मैच गंवाने के बाद टीम ने विराट कोहली, मोहम्मद शमी और ईशांत शर्मा जैसे बड़े नामों के बिना ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में धूल चुटाई थी।
हालांकि, प्रसाद का कहना है कि टीम प्रबंधन का एक्नॉलेजमेंट चयनकर्ताओं को उनके कार्यकाल के दौरान अच्छा काम करने की संतुष्टि देता है। प्रसाद ने कहा, 'टीम प्रबंधन का एक्नॉलेजमेंट संतुष्टि प्रदान करता है। बाहर के लोग, चाहे स्वीकार करें या नहीं मगर इनर सर्कल जानता है कि हमने क्या किया है।'