नई दिल्ली: मध्यक्रम के बल्लेबाज अंबाती रायुडू को आईसीसी विश्व कप 2019 के लिए भारतीय टीम में शामिल नहीं किया गया था। ऑलराउंडर विजय शंकर को उन पर तरजीह दी गई थी। टीम में रायुडू को नहीं चुने जाने को लेकर काफी विवाद हुआ था। उन्होंने आनन-फानन में संन्यास लेने की घोषणा कर दी थी। हालांकि, 34 वर्षीय रायुडू कुछ वक्त बाद ही संन्यास से बाहर आ गए थे। रायुडू को विश्व कप टीम में शामिल नहीं किए जाने पर मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने अपने कार्यकाल के आखिरी दिनों में चुप्पी तोड़ी है। प्रसाद का कहना है कि रायुडू के बाहर होने पर उन्हें भी बुरा लगा था।
रायुडू को विश्व कप से पहले भारतीय टीम में नंबर चार पर बल्लेबाजी के कई मौके दिए गए थे। माना जा रहा था कि वो इस स्थान पर बल्लेबाजी के लिए सबसे उपयुक्त खिलाड़ी हैं। लेकिन विश्व कप से पहले मार्च में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच मैचों की घरेलू वनडे सीरीज में रायुडू का बल्ला नहीं चला। इसके बाद उन्हें विश्व कप टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। चयनकर्ताओं ने तब कहा था कि रायुडू रिजर्व प्लेयर के रूप में हैं, लेकिन रिजर्व प्लेयर के तौर पर भी उनका चयन नहीं हुआ। इससे खफा होकर ही रायुडू ने संन्यास की घोषणा की थी।
45 वर्षीय एमएसके प्रसाद ने स्पोर्टस्टार को दिए एक इंटरव्यू में कहा, 'मुझे रायुडू को लेकर काफी बुरा लगा। मैं साफ कह सकता हूं कि यह निर्णय यह बहुत ही मार्मिक मुद्दा था। हमारी चयन समिति ने हमेशा ये महसूस किया कि वह 2016 के जिम्बाब्वे दौरे के बाद टेस्ट सलेक्शन के रडार पर हैं और मैंने उनसे बोला था कि वह टेस्ट क्रिकेट पर फोकस क्यों नहीं करते। अगर आपको याद हो तो हमने आइपीएल के प्रदर्शन के आधार पर उनको वनडे टीम में जगह दी थी। जो कई लोगों को शायद उचित नहीं लगे, लेकिन यह सच है।'
उन्होंने आगे कहा, 'इसके बाद हमने एक महीने तक एनसीए में उनकी फिटनेस पर फोकस किया और उनकी मदद की। उन्होंने काफी हद तक अपनी फिटनेस हासिल कर ली थी, लेकिन दुर्भाग्य से वे टीम से बाहर हो गए। मैं खुद दुखी था कि उनके साथ क्या हुआ है (विश्व कप टीम में चयन नहीं होने पर)। मुझे उनको लेकर बहुत बुरा लगा।' गौरतलब है कि रायुडू ने भारत के लिए कुल 55 वनडे खेले हैं, जिसमें उन्होंने 47.06 की औसत और 79.05 के स्ट्राइक रेट से 1694 रन बनाए हैं। उनके खाते में तीन शतक दर्ज हैं।