- मुश्फिकुर रहीम आज अपना 34वां जन्मदिन मना रहे हैं
- मुश्फिकुर रहीम को भारत के खिलाफ 2016 वर्ल्ड टी20 में जल्दी जश्न मनाना भारी पड़ गया था
- इस गलती को जीवन में दोबारा कभी नहीं दोहराना चाहेंगे मुश्फिकुर रहीम
नई दिल्ली: बांग्लादेश के अनुभवी विकेटकीपर बल्लेबाज मुश्फिकुर रहीम आज अपना 34वां जन्मदिन मना रहे हैं। रहीम बांग्लादेश की बल्लेबाजी की लंबे समय से रीढ़ रहे हैं, जिन्होंने मिडिल ऑर्डर में आकर कई उम्दा पारियां खेली हैं। उनके रिकॉर्ड्स भी इसे बखूबी साबित करते हैं। मुश्फिकुर रहीम ने कई बार संकटमोचक बनकर टीम को बुरी स्थिति से उबारा और कई बार वह मैच विजेता बनकर वापस लौटे।
मुश्फिकुर रहीम ने अब तक 74 टेस्ट में बांग्लादेश का प्रतिनिधित्व किया, जिसमें 7 शतक और 23 अर्धशतकों की मदद से 4685 रन बनाए। वह दुनिया के एकमात्र विकेटकीपर हैं, जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट दो दोहरे शतक जमाए हैं। इसके अलावा 224 वनडे में 7 शतक और 39 अर्धशतकों की मदद से रहीम ने 6344 रन बनाए हैं। वहीं 86 टी20 इंटरनेशनल मैचों में 5 अर्धशतक की मदद से दाएं हाथ के बल्लेबाज ने 1282 रन बनाए हैं। रहीम ने टेस्ट में 107 कैच पकड़े और 15 स्टंपिंग की है। वहीं वनडे में उन्होंने 188 कैच तो 46 स्टंपिंग की। टी20 में 33 कैच और 29 स्टंपिंग रहीम ने की।
मुश्फिकुर रहीम ने अपने खेल में तेजी से सुधार किया, लेकिन फिर उन्होंने अपनी करियर में एक ऐसी गलती की है, जिसका उन्हें हमेशा पछतावा रहेगा और भूलकर भी वह दोबारा ऐसी गलती नहीं करना चाहेंगे। यह गलती हुई थी 2016 वर्ल्ड टी20 में भारत के खिलाफ मुकाबले में। बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम पर बांग्लादेश की टीम इस मुकाबले में 147 रन का पीछा कर रही थी। मेहमान टीम को जीत के लिए आखिरी 6 गेंदों में 11 रन की दरकार थी। भारतीय टीम की कमान एमएस धोनी के हाथों में थी, जिन्होंने आखिरी ओवर में अनोखा दांव खेला और गेंद युवा हार्दिक पांड्या को थमाई।
जीत का जल्दी जश्न मनाना पड़ा भारी
पांड्या की पहली गेंद पर महमुदुल्लाह ने एक रन लिया। फिर मुश्फिकुर रहीम ने अगली दो गेंदों में लगातार दो चौके जमाकर बांग्लादेश की जीत लगभग पक्की कर दी। चौका जमाते ही मुश्फिकुर रहीम ने जीत का जश्न मनाना शुरू कर दिया था। मुश्फिकुर रहीम ने हाथ हवा में उछालकर मान लिया कि जीत बांग्लादेश की हो चुकी है। उन्होंने काफी एनिमेटेड तरीके से जश्न मनाया, जो देखकर भारतीय फैंस आगबबूला भी हुए। मगर बांग्लादेशी फैंस के चेहरे पर जीत का विश्वास और खुशी साफ झलक रही थी।
हालांकि, 3 गेंदों का मुकाबला बाकी था, इस पर शायद रहीम का ध्यान नहीं गया। बांग्लादेश को जीत के लिए 3 गेंदों में 2 रन की जरुरत थी जबकि उसके 3 विकेट शेष थे। इसके बाद जो हुआ, उसे आत्महत्या करना कहना गलत नहीं होगा। रहीम और महमुदुल्लाह ने अगली दो गेंदों में गैर-जिम्मेदाराना शॉट खेलकर अपने विकेट गंवा दिए। रोमांच की हदें पार हो चुकी थी।
बांग्लादेश को जीत के लिए आखिरी गेंद पर 2 रन की जरुरत थी। सुपर ओवर के लिए 1 रन बनाना भी ठीक होता। शुवाग्ता होम स्ट्राक पर थे। धोनी ने तब तक एक ग्लव अपनी कमर में रखा और एक ग्लव के सहारे फील्डिंग करने लगे। हार्दिक पांड्या ने ऑफ स्टंप के बाहर शॉर्ट लेंथ की गेंद डाली। होम इस गेंद पर बल्ला नहीं अड़ा सके। दूसरे छोर पर खड़े मुस्ताफिजुर रहमान 1 रन लेने के लिए दौड़ पड़े। वहीं विकेट के पीछे चुस्त धोनी ने गेंद लपकी और तेजी से दौड़ते हुए स्टंप्स पर हाथ मार दिया।
भारत ने टूर्नामेंट में बांग्लादेश का सफर समाप्त किया और अपनी उम्मीदें जीवित रखी। यह टी20 में भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे रोमांचकारी मैचों में से एक रहा। मुश्फिकुर रहीम ने जरूर इस गलती से सबक लिया होगा और ठानी होगी कि अब वह मैच पूरा खत्म करके ही डगआउट लौटा करेंगे।