- शोएब मलिक ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड पर नेपोटिज्म का आरोप लगाया
- मलिक ने कहा कि खिलाड़ियों का चयन मेरिट के आधार पर हो न कि पहचान के बल पर
- शोएब मलिक ने पाकिस्तान क्रिकेट में कमी को खुलकर उजागर किया
कराची: पाकिस्तान के दिग्गज क्रिकेटर शोएब मलिक ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) पर 'नेपोटिज्म' का आरोप लगाया है। हाल ही में पीसीबी चयन समिति सुर्खियों में आईं थी जब कप्तान बाबर आजम की सलाह पर जिंबाब्वे सीरीज के लिए खिलाड़ियों का चयन हुआ और कुछ को नजरअंदाज किया गया। शोएब मलिक ने दावा किया कि टीम में चयन इस आधार पर किया जा रहा है प्रणाल में पहचान का कौन है।
पाकिस्तान क्रिकेट में भ्रष्टाचार के मामले, पक्षपात और अन्य कई चीजें आती रही हैं। पीसीबी ने पिछले कुछ सालों में सपोर्ट स्टाफ में कई बदलाव किए, लेकिन इसके बावजूद पाकिस्तान शीर्ष टीमेां को चुनौती नहीं दे पा रहा है। मलिक का मानना है कि पाकिस्तान क्रिकेट में बदलाव की जरूरत है, लेकिन यह तब ही संभव है जब खिलाड़ी मेरिट के आधार पर चुने जाएं न कि कनेक्शन के जरिये।
मलिक के हवाले से कहा गया, 'हमारे क्रिकेट में चाहने और न चाहने वालों की प्रणाली है, जो कि दुनियाभर में होती है। मगर हमारे यहां ये कुछ ज्यादा नजर आती है। हमारी क्रिकेट प्रणाली में जिस दिन यह बदलाव आया कि जहां शैली को पहचान से बढ़कर महत्व मिले तो सुधर जाएगी।'
बाबर आजम का मलिक ने किया समर्थन
ध्यान दिला दें कि बाबर आजम का भी चयनकर्ताओं के साथ विवाद हुआ था जब उनके द्वारा सुझाए गए खिलाड़ियों के नामों को जिंबाब्वे सीरीज में शामिल नहीं किया गया। मलिक ने बाबर आजम का समर्थन किया और कहा कि कप्तान की बात हर हाल में मानना चाहिए। उन्होंने कहा, 'हाल ही में स्क्वाड में ऐसे कई खिलाड़ी थे, जिन्हें बाबर आजम रखना चाहते थे, लेकिन उनका चयन नहीं हुआ। हर किसी के अपने विचार हैं, लेकिन आखिरी फैसला कप्तान के चयन पर होना चाहिए क्योंकि वो मैदान पर अपनी टीम के साथ लड़ेगा।'
शोएब मलिक ने खुद को स्कीम से बाहर समझा है क्योंकि उन्हें यह मुश्किल लगता है कि राष्ट्रीय टीम में अब वापसी होगी। पाकिस्तान क्रिकेट की खामियों का पर्दाफाश करते हुए मलिक ने साथ ही स्वीकार किया कि उन्होंने अपना करियर जोखिम में डाला है। मलिक ने कहा, 'मेरे भाग्य में जो भी होगा, वो अल्लाह के हाथ में है न कि किसी व्यक्ति का उस पर नियंत्रण होगा। मुझे कोई मलाल नहीं होगा, अगर मुझसे दोबारा खेलने को नहीं पूछा जाता तो भी, लेकनि मुझे तब ज्यादा मलाल होता अगर मैं अपने साथी क्रिकेटरों के लिए आवाज नहीं उठाता।'