- भारत का न्यूजीलैंड दौरा 2020
- वनडे और टेस्ट सीरीज में सबका ध्यान युवाओं के प्रदर्शन पर लगा था
- मौका आया तो दोनों सीरीज में अनुभव ही न्यूजीलैंड के काम आया
क्राइस्टचर्च: कहते हैं अगर शुरुआत अच्छी हो तो मुमकिन है कि अंत यागदार हो। इसी उम्मीद के साथ भारतीय क्रिकेट न्यूजीलैंड दौरे पर गई थी लेकिन यह बात खिलाड़ी मैदान पर साबित नहीं कर सके। भारत ने दौरे पर 5 टी20, तीन वनडे और दो टेस्ट मैचों की सीरीज खेली। विराट कोहली की अगुवाई में भारतीय टीम ने टी20 सीरीज में न्यूजीलैंड का सूपड़ा साफ कर शानदार आगाज किया। लग रहा था कि विराट 'सेना' इस मर्तबा तीनों फॉर्मेट में परचम फहराकर लौटेगी मगर भारतीय खिलाड़ियों से टी20 सीरीज का खुमार उतर ही नहीं पाया। इसके बाद कीवी टीम ने 'घायल शेर' की तरह वनडे सीरीज में भारतीय टीम पर हमला किया और उसे चारों खाने चित कर दिया। मेजाबन न्यूजीलैंड ने वनडे सीरीज में 3-0 से क्लीन स्वीप किया।
टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम से काफी उम्मीदें थीं लेकिन वो भी जल्द ही धूमिल हो गईं। टेस्ट रैंकिंग में टॉप पर काबिज भारतीय टीम को न्यूजीलैंड ने सीरीज में बुरी तरह धोया। पहले टेस्ट में भारत को 10 विकेट से हार का मुंह देखना पड़ा जबकि दूसरे टेस्ट में 7 विकेट से मात मिली। वनडे और टेस्ट सीरीज में दिलचस्प बात यह रही कि सबका ध्यान युवा खिलाड़ियों पर टिका था और टीम के 'उम्रदराज' व सबसे अनुभवी खिलाड़ियों पर ध्यान कम ही गया। यही भारी पड़ा। कीवी टीम के सबसे अनुभवी बल्लेबाज और गेंदबाज ने कमाल का प्रदर्शन किया और वनडे व टेस्ट सीरीज में भारत की हार को उन्हीं ने सुनिश्चित किया। आइए एक नजर डालते हैं दोनों दिग्गज खिलाड़ियों के सीरीज के आंकड़ों पर...।
मुश्किल वक्त में 'दीवार' बना सबसे अनुभवी खिलाड़ी
कीवी टीम के सबसे अनुभवी खिलाड़ी- 35 वर्षीय रॉस टेलर ने वनडे सीरीज में 194.00 की औसत और 110.22 के स्ट्राइक रेट के साथ कुल 194 रन बनाए। उन्होंने एक शतकीय और एक अर्धशतकीय पारी खेली। अहम बात यह है कि उन्होंने रन तब बनाए जब कीवी टीम काफी मुश्किल में थी। चार नंबर पर बल्लेबाजी करने वाले टेलर अगर यह रन बनाते तो शायद सीरीज भारत अपने नाम करने में सफल रहता। उन्होंने पहले वनडे में 348 रन जैसे बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए नाबाद 109 रन की पारी खेली। वह एक छोर पर डटे रहे और अपनी टीम को जिताकर लौटे। दूसरे वनडे में उन्होंने नाबाद 73 रन बनाए। वहीं, तीसरे वनडे में वह जल्द आउट हो गए और सिर्फ 12 रन ही बना पाए। वैसे, सीरीज में सर्वाधिक रन भारतीय बल्लेबाज श्रेयस अय्यर (217) ने बनाए।
टेस्ट सीरीज में सबसे अनुभवी कीवी गेंदबाज ले डूबा भारत को
टेस्ट सीरीज में बल्लेबाजों का नहीं बल्कि गेंदबाजों का दबदबा रहा। भारतीय गेंदबाज दूसरे टेस्ट मैच की पहली पारी को छोड़कर बाकी किसी पारी में प्रभावी प्रदर्शन नहीं कर पाए। वहीं 31 वर्षीय टिम साउदी ने दो मैचों की चार पारियों में भारतीय बल्लेबाजों की बखिया उधेड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने हर पारी में विकेट चटकाए। साउदी ने 184 रन देकर 13.14 की औसत से कुल 14 विकेट अपने नाम किया। इस दौरान उनका इकोनॉमी रेट 2.82 रहा। साउदी ने पूरी सीरीज में 65.1 ओवर गेंदबाजी जिसमें उन्होंने 18 ओवर मेडन डाले। साउदी पहले टेस्ट में 9 विकेट हासिल करने के बाद मैच ऑफ द मैच भी चुन गए थे। वहीं, उन्होंने दूसरे टेस्ट में 5 विकेट झटके।