- श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड की ओर से बीसीसीआई को अभी नहीं मिला है कोई प्रस्ताव
- श्रीलंका में कोरोना की स्थिति है बेहतर, महज 238 लोग हैं संक्रमित
- तीन मैदानों गॉल, कैंडी और प्रेमदासा स्टेडियम में हो सकता है आईपीएल मैचों का आयोजन
नई दिल्ली: श्रीलंका क्रिकेट (एसएलसी) अभी अनिश्चितकाल के लिये स्थगित कर दिये गये इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के आयोजन का इच्छुक है लेकिन भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के एक प्रभावशाली व्यक्ति ने कहा कि अभी कोविड-19 महामारी से जूझ रही दुनिया में इस तरह के प्रस्ताव पर चर्चा करने का कोई मतलब नहीं है।
आईपीएल पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 29 मार्च से 24 मई के बीच आयोजित किया जाना था लेकिन कोरोना वायरस के कारण इसे अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। बोर्ड चीजें सामान्य होने के बाद ही इसका आयोजन करेगा।
एसएलसी के अध्यक्ष शम्मी सिल्वा ने गुरुवार को कहा था कि श्रीलंका इस टूर्नामेंट का आयोजन अपने देश में करने के लिये तैयार है जहां कोविड-19 से संक्रमित लोगों की संख्या बहुत कम है और भारत की तुलना में वहां चीजें जल्द सामान्य होने की संभावना है। बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर पीटीआई से कहा, 'जब दुनिया में सब कुछ ठप्प पड़ा है तब बीसीसीआई कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं है।'
श्रीलंका में अभी कोविड-19 के 200 मामले हैं जबकि भारत में इनकी संख्या 13,000 को पार कर चुकी है। भारत में 400 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। अधिकारी से पूछा गया कि श्रीलंका से पेशकश मिलने पर उसका रवैया क्या हो, उन्होंने कहा, 'एसएलसी से अभी तक इस बारे में कोई प्रस्ताव नहीं मिला तो फिर इस पर चर्चा का सवाल ही नहीं उठता।'
एसएलसी तीन मैदानों गॉल, कैंडी और प्रेमदासा स्टेडियम में मैचों का आयोजन कर सकता है। उसे जुलाई में भारत की तीन वनडे और तीन टी20 की मेजबानी करने की तुलना में आईपीएल के आयोजन से अधिक वित्तीय लाभ होगा। बीसीसीआई अभी सितंबर-अक्टूबर या अक्टूबर-नवंबर में आईपीएल आयोजित करने का इच्छुक है।
आईपीएल को 2009 में दक्षिण अफ्रीका में आयोजित करने के फैसले में शामिल रहे बीसीसीआई के एक पूर्व अधिकारी ने कहा कि मई में शशांक मनोहर के आईसीसी चेयरमैन पद से हटने के बाद तस्वीर बदल सकती हैं। उन्होंने कहा, 'श्रीलंका आईसीसी में बीसीसीआई का सहयोगी रहा है और उसका प्रस्ताव समझा जा सकता है। लेकिन उसके (मनोहर) अगले महीने हटने के बाद क्या स्थिति होगी। नये समीकरण बन सकते हैं और श्रीलंका ही नहीं कई अन्य विकल्प भी हो सकते हैं।'