- साल 2007 के विश्व कप के दौरान हुई थी पाकिस्तान के कोच बॉब वूल्मर की मौत
- होटल के कमरे में मिली थी उनकी लाश, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कही गई थी गला दबने से मौत की बात
- मौत को हत्या साबित करने के लिए नहीं मिले थे पर्याप्त सबूत, आज तक नहीं उठा है मौत के रहस्य से पर्दा
नई दिल्ली: 18 मार्च, 2007 क्रिकेट के इतिहास में एक काले दिन के रूप में दर्ज है। वेस्टइंडीज की मेजबानी में खेले जा रहे आईसीसी विश्व कप नौवें संस्करण के दौरान इंग्लैंड के पूर्व टेस्ट क्रिकेटर और पाकिस्तान क्रिकेट टीम के कोच बॉब वूल्मर की लाश जमैका के किंग्सटन के होटल में मिली थी। इस खबर के बाहर आते ही पूरे क्रिकेट जगत में सनसनी के साथ-साथ शोक की लहर दौड़ गई थी।
आयरलैंड के खिलाफ पाकिस्तान की हार के बाद हुई थी मौत
वूल्मर की मौत की खबर पाकिस्तानी टीम की आयरलैंड के खिलाफ अप्रत्याशित हार के बाद आई थी। इस हार की वजह से पाकिस्तानी टीम विश्व कप से पहले ही दौर में बाहर हो गया था। ऐसे में उनकी मौत को मैच फिक्सिंग से जोड़कर देखा जाने लगा। जमैका पुलिस ने मामले की जांच हत्या का केस दर्ज करके की। जमैका पुलिस की मदद के लिए ब्रिटेन की पुलिस स्कॉर्टलैंड यार्ड भी जमैका पहुंची। लेकिन अंत में यह पता नहीं चला कि उनकी मौत प्राकृतिक थी या उनकी हत्या की गई थी।
मौत को हत्या करार देने के लिए पर्याप्त नहीं थे सबूत
जमैका की 11 सदस्यीय जूरी ने इस मामले पर अपना फैसला दिया था। जूरी ने अपने फैसले में यह कहा था कि बॉव वूलमर की मौत को हत्या या प्राकृतिक करार देने के लिए पर्याप्त सबूत उपलब्ध नहीं थे। जमैका पुलिस ने 26 दिन तक 57 चश्मदीद गवाहों से पूछताछ के बाद पुलिस ने इस मामले को बंद कर दिया था। जमैका के तत्कालीन डिप्टी पुलिस कमिश्नर ने वूल्मर की हत्या के मामले को उस दौर का सबसे बड़ी जांच वाला हाईप्रोफाइल मामला बताया था। उन्होंने कहा था कि उन्हें पहले दिन ही ये यकीन था कि वूल्मर की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई थी।
आईसीसी को भी नहीं मिले भ्रष्टाचार के सबूत
पुलिस ने मामले की जांच के लिए 400 लोगों से पूछताछ की और 250 से ज्यादा लोगों के बयान दर्ज किए। जांच के दायरे में 500 से ज्यादा लोग थे। हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उनकी मौत की वजह 'गला दबने की वजह से सांस रुकना( asphyxiation due to manual strangulation) बताया गया था। आईसीसी की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई और सुरक्षा इकाई को भी जांच में मैच फिक्सिंग और भ्रष्टाचार के सबूत नहीं मिले थे।
कानपुर में हुआ था वूल्मर का जन्म, पिता थे यूनाईटेड प्रोविंस के कप्तान
बॉब वूलमर का जन्म 14 मई, 1948 को उत्तर प्रदेश के कानपुर में ग्रीन पार्क स्टेडियम के करीब अस्पताल में जन्म हुआ था। उनके पिता क्लेरेंस वूल्मर क्रिकेटर थे। उन्होंने यूनाईटेड प्रोविंस(मौजूदा उत्तर प्रदेश) की साल 1948-49 के रणजी सीजन में बॉम्बे स्टेट( महाराष्ट्र) के खिलाफ मुकाबले में कप्तानी की थी।
माता-पिता बनाना चाहते थे क्रिकेटर, पूरा हुआ सपना
जब बॉब वूल्मर का जन्म हुआ था उस वक्त उनके माता पिता ने बेटे के बिस्तर के करीब बैट और बॉल रख दी थी जिससे कि वो क्रिकेटर बने और आगे चलकर ऐसा ही हुआ। साल 1972 में वूल्मर ने इंग्लैंड के लिए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे डेब्यू और साल 1975 में टेस्ट डेब्यू किया। बॉब गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों करते थे। 10 साल की उम्र में वूल्मर ने पाकिस्तानी बल्लेबाज हनीफ मोहम्मद को प्रथम श्रेणी मैचों में उस दौर की सबसे बड़ी 499 रन की पारी खेलते देखा था।
ऐसा रहा बॉब वूल्मर का करियर
वूल्मर ने अपने ने करियर में 19 टेस्ट और 6 वनडे खेले इस दौरान टेस्ट क्रिकेट में 1059 रन लगभग 33 की औसत से बनाए। इस दौरान उन्होंने 3 शतक और 2 अर्धशतक जड़े। उनका सर्वाधिक स्कोर 149 रन था। टेस्ट में उन्होंने 4 विकेट भी अपने नाम किए। बॉब का वनडे करियर निराशानजन रहा 6 वनडे में वो केवल 15 रन बना सके और 9 विकेट झटक सके। साल 1976 में उन्हें विजडन द्वारा साल के पांच सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटरों में चुना गया था।
क्रिकेट का पहला मॉर्डन कोच
वूल्मर ने कोचिंग में अपने हाथ आजमाए और दक्षिण अफ्रीका के कोच बने। उन्हें रिवर्स स्वीप को नब्बे के दशक में पॉपुलर करने का श्रेय दिया जाता है। उन्हें आधुनिक कोच कहा जाता था जो कंप्यूटर एनालिसिस के जरिए खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर नजर रखते थे। साल 1999 में वर्ल्ड कप के दौरान उन्होंने कप्तान हैंसी क्रोन्ये को इयर पीस पर निर्देश देने की कोशिश की थी जिसपर बाद में आईसीसी ने प्रतिबंध लगा दिया था। 1999 में वूलमर ने दक्षिण अफ्रीकी टीम का साथ छोड़ दिया था। उनके कोच रहते दक्षिण अफ्रीकी टीम का जीत प्रतिशत 73 प्रतिशत था।
वूल्मर साल 2004 में भारत के खिलाफ हार के बाद पाकिस्तान के कोच बने थे। लेकिन उनका सफर अप्रत्याशित रूप से समाप्त हो गया। आज भी उनकी मौत का रहस्य जस का तस बना हुआ है।