- लगातार 970 मिनट तक टेस्ट मैच में की थी बल्लेबाजी
- फॉलोऑन खेलते हुए जड़ा था तिहरा शतक, बने थे ऐसा करने वाले पहले एशियाई
- हार के मुंह से अपने दम पर टीम को निकाला था, आज भी कायम है उनका विश्व रिकॉर्ड
नई दिल्ली: विश्व क्रिकेट में अगर सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ पाकिस्तानी बल्लेबाज का जिक्र होता है तो सबसे पहले हनीफ मोहम्मद का नाम आता है। गुजरात के जूनागढ़ में जन्मे हनीफ मोहम्मद ने साल 1952 में भारत के खिलाफ अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर की शुरुआत की थी। पांच फुट सात इंच लंबे हनीम मोहम्मद को लिटिल मास्टर के नाम से पुकारा जाता था।
ऐसा रहा टेस्ट करियर, फर्स्ट क्लास में खेली थी 499 रन की पारी
उनका नाम उस दौर में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में शुमार था। उन्होंने करियर में 55 टेस्ट मैच खेले और इस दौरान 43.98 की औसत से 3,915 रन बनाए। जिसमें 12 शतक और 15 अर्धशतक शामिल थे। वहीं उन्होंने करियर में 238 प्रथम श्रेणी क्रिकेट में मैच खेले और इस दौरान 52.32 के शानदार औसत से 17,059 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 55 शतक और 66 अर्धशतक जड़े। उनका सर्वाधिक स्कोर 499 रन था। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में सबसे बड़ी पारी का विश्व रिकॉर्ड सालों कायम रहा जिसे ब्रायन लारा ने साल 1994 में अपने नाम किया।
विंडीज के खिलाफ जड़ा था तिहरा शतक
हनीफ मोहम्मद ने अपने टेस्ट करियर में कई बेहतरीन पारियां खेलीं लेकिन उन्हें वेस्टइंडीज के खिलाफ साल 1958 में बारबाडोस में खेली 337 रन की ऐतिहासिक पारी के लिए आज भी याद किया जाता है। 23 जनवरी 1958 को खेली इस मैराथन पारी में हनीफ मोहम्मद ने अपनी टीम को हार से बचाते हुए जो विश्व रिकॉर्ड कायम किया था वो आज तक कायम है।
टीम को हार से बचाने के लिए की 970 मिनट बल्लेबाजी
उस मैच में हनीफ मोहम्मद ने 970 मिनट यानी तकरीबन 16 घंटे 10 मिनट बल्लेबाजी की थी। इतने समय में फुटबॉल के 11 मैच समाप्त हो जाते। मैच में मेजबान वेस्टइंडीज ने कोनार्ड हंट(142) और एवर्टन वीक्स(197) की शानदार शतकीय पारियों की बदौलत 9 विकेट पर 579 रन पर अपनी पारी घोषित की थी। इसके बाद कैरेबियाई गेंदबाजों ने कहर ढाते हुए मेहमान पाकिस्तान को 106 रन पर ढेर करके फॉलोऑन खेलने के लिए मजबूर कर दिया।
ऐसे में सीरीज के पहले ही मैच में पाकिस्तानी टीम के ऊपर पारी की हार का खतरा मंडराने लगा ऐसे में पहली पारी में 17 रन बनाने वाले हनीफ मोहम्मद ने मोर्चा संभालते हुए टीम को इम्तियाज अहमद के साथ शानदार शतकीय शुरुआत दी। पाकिस्तान ने अपना पहला विकेट 152 रन पर इम्तियाज(91) गंवाया। लेकिन एक छोर पर खूंटा गाड़ चुके हनीफ पिच पर डटे रहे। मैच के तीसरे दिन का खेल समाप्त होने तक हनीम 61* रन बनाकर नाबाद थे। पाकिस्तान ने तीसरे दिन 162/1 रन बना लिए थे।
पांच दिन बल्ला लिए डटे रहे मैदान पर
मैच के चौथे दिन भी हनीफ दिन भर पिच पर टिके रहे और अपना शतक पूरा किया। दिन का खेल खत्म होने तक पाकिस्तान ने 2 विकेट पर 339 रन बना लिए थे और हनीफ 161 रन बनाकर नाबाद थे। पांचवें दिन हनीफ की मैराथन पारी जारी रही। हनीफ लगातार तीसरे दिन नाबाद 270 रन बनाकर पवेलियन लौटे। पांचवें दिन का खेल खत्म होने पर पाकिस्तान का स्कोर 3 विकेट पर 525 रन बना लिए थे और हार को तकरीबन टाल दिया था।
बने तिहरा शतक जड़ने वाले पहले एशियाई
ऐसे में छठे दिन हनीफ बल्लेबाजी के लिए उतरे और अपना तिहरा शतक पूरा किया। वो 970 मिनट बाद 337 रन बनाकर आउट हुए। हनीफ टेस्ट क्रिकेट में तिहरा शतक जड़ने वाले पहले एशियाई खिलाड़ी थे। उनकी पारी समय के लिहाज से तो सबसे बड़ी पारी थी ही लेकिन रनों के लिहाज से भी उनकी पारी उस दौर की दूसरी सबसे बड़ी टेस्ट पारी थी। अपनी पारी के दौरान हनीफ ने 24 चौके जड़े। उनकी पारी की बदौलत फॉलोऑन खेलने के बावजूद पाकिस्तान मैच में वापसी करके उसे ड्रॉ कराने में सफल रहा।
विंडीज ने इस पारी में की 319 ओवर गेंदबाजी
इस मैच की पहली पारी में 42.2 ओवर में महज 106 रन पर ढेर होने और 473 रन से पिछड़ने वाली पाकिस्तानी टीम ने दूसरी पारी में 319 ओवर बल्लेबाजी की और 8 विकेट पर 657 रन बनाकर पारी घोषित की। साल 1999-2000 तक उनकी पारी समय के लिहाज से प्रथम श्रेणी क्रिकेट की सबसे बड़ी पारी थी लेकिन रणजी ट्रॉफी में हिमाचल प्रदेश के बल्लेबाज राजीव नैय्यर ने उत्तर प्रदेश के खिलाफ 1015 मिनट तक बल्लेबाजी करते हुए उनके इस रिकॉर्ड तो अपने नाम कर लिया।