- दो साल पहले सिडनी टेस्ट के ड्रॉ होते ही टीम इंडिया ने कंगारुओं के खिलाफ रच दिया था इतिहास
- ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर टेस्ट सीरीज जीतने वाली बनी थी पहली एशियाई टीम
- रवि शास्त्री ने बताया था भारतीय क्रिकेट इतिहास की सबसे बड़ी जीत
नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम की पूरी दुनिया में पहचान घर के शेर की रही है। भारत को उसकी सरजमीं पर मात देना हमेशा से दुनिया की बड़ी से बड़ी टीम के लिए लोहे के चने चबाने जैसा रहा है। ऐसा ही कुछ ऑस्ट्रेलिया के बारे में भी कहा जाता है। ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में मात देना विदेशी टीमों के लिए भी कड़ी चुनौती रहा है। यहां सीरीज जीतना तो हर किसी के लिए किसी सपने के पूरे होने जैसा ही है।
भारतीय टीम को इस सपने को पूरा करने में 71 साल इंतजार करना पड़ा। 7 जनवरी, 2019 को सिडनी में भारत ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया सीरीज का चौथा और आखिरी टेस्ट बारिश के कारण ड्रॉ हो गया। इसी के साथ भारतीय टीम ने 2-1 के अंतर से सीरीज अपने नाम कर ली। 1988 के बाद पहली बार ऑस्ट्रेलियाई टीम को घर पर फॉलोऑन खेलना पड़ा। लेकिन बारिश ने टिम पेन की कप्तानी वाली टीम को और अधिक शर्मिंदा होने से बचा लिया। इसी के साथ ही भारत ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीतने वाली पहली एशियाई टीम बन गई।
पुजारा रहे थे सीरीज के हीरो
भारतीय टीम की जीत की ऐतिहासिक जीत के हीरो चेतेश्वर पुजारा रहे। पुजारा ने चार मैच की सीरीज में तीन शतक के साथ कुल 521 रन बनाए। सिडनी में खेली 193 रन की पारी उनका सर्वाधिक स्कोर रहा। इस प्रदर्शन के लिए पुजारा को मैन ऑफ द सीरीज भी चुना गया। वहीं गेंदबाजी में जसप्रीत बुमराह ने धमाल मचाते हुए 17 की औसत से 21 विकेट झटके।
भारतीय खिलाड़ियों ने नहीं दिया कंगारुओं को मौका
टीम इंडिया ने टेस्ट सीरीज का आगाज एडिलेड में 31 रन से जीत के साथ किया था। इसके बाद पर्थ में खेले गए दूसरे टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया ने 146 रन से जीत हासिल कर सीरीज में वापसी कर ली थी। लेकिन इसके बाद मेलबर्न में खेला गया तीसरा टेस्ट भारत के नाम रहा। इस मैच में भारतीय टीन ने 137 रन से जीत दर्ज कर सीरीज में 2-1 की अपराजेय बढ़त हासिल कर ली थी। ऐसे में सिडनी में खेले गए सीरीज के चौथे टेस्ट के बराबरी पर समाप्त होने के बाद भारत की यही बढ़त निर्णायक साबित हुई।
विदेशी सरजमीं पर पहली सीरीज जीत के बाद 36 साल का इंतजार
भारत को विदेशी सरजमीं पर पहली सीरीज जीत साल 1967-68 में न्यूजीलैंड दौरे पर हासिल हुई थी। उस सीरीज को मंसूर अली खान पटौदी की कप्तानी वाली टीम इंडिया ने 3-1 के अंतर से अपने नाम किया था। लेकिन न्यूजीलैंड के पड़ोस ऑस्ट्रेलिया में सीरीज जीत के लिए भारतीय टीम को दुगना इंतजार करना पड़ा। ऑस्ट्रेलियाई टीम को भारतीय टीम कई बार उसके घर पर चुनौती देने में सफल रही थी लेकिन सीरीज जीतने का मौका उसे नहीं मिल सका था।
रवि शास्त्री ने बताया था भारतीय क्रिकेट इतिहास की सबसे बड़ी जीत
टीम इंडिया के कोच रवि शास्त्री ने दो साल पहले ऑस्ट्रेलिया में मिली जीत को 1983 की विश्व विजय से भी बड़ी बताया था। शास्त्री ने सीरीज जीत के बाद कहा था, 'मैं आपको बताऊंगा कि यह मेरे लिए कितनी संतोषजनक है। विश्व कप 1983, क्रिकेट विश्व चैंपियनशिप 1985, यह भी उनकी तरह बड़ी है या आप इसे उनसे भी बड़ी कह सकते हैं, क्योंकि यह खेल के सबसे अहम प्रारूप (टेस्ट) में मिली है। यह टेस्ट क्रिकेट है जिसे सबसे कड़ा माना जाता है।'
भारतीय टीम गुरुवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मौजूदा सीरीज के तीसरे टेस्ट में सिडनी में ही दो-दो हाथ करने उतरेगी। तो वो दो साल पहले इसी मैदान पर किए ऐतिहासिक कारनामे से प्रेरणा जरूर लेगी।