- 1964 में इंग्लैंड के खिलाफ लगातार 21 ओवर मेडन किए थे
- बापू नाडकरणी का यह वर्ल्ड रिकॉर्ड आज भी कायम
- बापू ने इस पारी में कुल 32 ओवर किए, जिसमें 27 मेडन सहित केवल 7 रन खर्च किए
नई दिल्ली: टीम इंडिया के पूर्व ऑलराउंडर बापू नाडकरणी सबसे जुदा गेंदबाज माने जाते थे। भारतीय टीम की स्पिन गेंदबाजी का वह प्रमुख हिस्सा थे। क्रिकेट के जनक इंग्लैंड के खिलाड़ी भी बापू का लोहा मानते थे क्योंकि उन्होंने एक वर्ल्ड रिकॉर्ड इसी दिग्गज टीम के खिलाफ बनाया था। साल 1964 की बात है। बापू ऐसे गेंदबाजी कर रहे थे मानो इंग्लैंड के बल्लेबाज कोई रन ही नहीं बना सकेंगे। बाएं हाथ के स्पिनर ने एक के बाद एक लगातार 21 ओवर मेडन किए। यह वर्ल्ड रिकॉर्ड बना, जो आज भी कायम है। इस पारी में बापू ने कुल 32 ओवर किए जिसमें से 27 मेडन थे। उनकी गेंदों पर इंग्लिश बल्लेबाज केवल 7 रन बना सके थे।
बापू नाडकरणी का इस साल जनवरी में 86 की उम्र में निधन हुआ। उनके परिवार में पत्नी व दो बेटियां हैं। बाएं हाथ के बल्लेबाज और स्पिनर नाडकर्णी ने 41 टेस्ट में भारत का प्रतिनिधित्व किया, जिसमें 1414 रन बनाए और 88 विकेट चटकाए। उनका सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन 43/6 का रहा। मुंबई क्रिकेट के नाडकर्णी ने 191 प्रथम श्रेणी मुकाबले खेले, जिसमें 500 विकेट और 8880 रन बनाए। नासिक में जन्में नाडकर्णी ने 1955 में न्यूजीलैंड के खिलाफ दिल्ली में अपने टेस्ट क्रिकेट का डेब्यू किया। उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ 1968 में अपने करियर का आखिरी टेस्ट खेला।
घरेलू क्रिकेट में बोलबाला
बापू नाडकरणी ने घरेलू क्रिकेट में भी कमाल का प्रदर्शन किया। वह बेहतरीन गेंदबाज होने के साथ-साथ शानदार बल्लेबाज भी थे। अपने शुरुआती दौर में ही नाडकरणी ने बॉम्बे के खिलाफ 103 रन की पारी खेलकर अपनी टीम को जीत दिलाई थी। इसके अलावा एक दोहरा शतक भी उनके नाम दर्ज है। उनका सर्वाधिक स्कोर नाबाद 282 रन रहा।
ऑलराउंडर की भूमिका
बापू ने 41 टेस्ट में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया था। टीम इंडिया में उनका चयन प्रमुख रूप से गेंदबाज के रूप में होता था। मगर समय-समय पर उन्होंने बल्ले से भी उम्दा योगदान दिया। नाडकरणी ने भारत के लिए खेले 41 टेस्ट में 1414 रन बनाए और 88 विकेट चटकाए। हालांकि, नाडकर्णी लगातार 21 मेडन ओवर करके चर्चाओं में आएं। उन्होंने मद्रास (अब चेन्नई) में 32 ओवर में 27 मेडन सहित 5 रन खर्च किए। हालांकि तब वह विकेट लेने में सफल नहीं हुए थे। नाडकर्णी को उनकी सटीकता के लिए जाना जाता था। 1960-61 में पाकिस्तान के खिलाफ उन्होंने 32 ओवर में 24 मेडन ओवर किए थे और 23 रन खर्च किए थे। तब भी उन्हें कोई सफलता नहीं मिली थी।