- क्रिकेट इतिहास का अनोखा दिन, जब शून्य पर आउट होकर भी बल्लेबाज बन गया हीरो
- साल 1999 का वो किस्सा जिसे आज भी क्रिकेट फैंस याद करते हैं, पीटर सच की वो अनोखी पारी
- इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच खेला गया था मैच, अपने ही मैदान पर इंग्लैंड हुआ था शर्मिंदा
गुरुवार को भारतीय क्रिकेट फैंस को 'डक' (Duck) शब्द काफी बार सुनने को मिला, यानी जब कोई बल्लेबाज शून्य पर आउट हो जाता है। इसकी वजह हैं भारतीय कप्तान विराट कोहली जो इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में अपनी पहली ही गेंद पर आउट हो गए। शून्य पर आउट होने के कई अजीबोगरीब रिकॉर्ड्स भी उनके नाम दर्ज हो गए हैं। हम भी आपको 'डक आउट' से जु़ड़ा एक किस्सा बताएंगे लेकिन ये भारत से नहीं बल्कि इंग्लैंड की टीम से जुड़ा है। मामला आज से ठीक 22 साल पहले का है। खिलाड़ी का नाम था- पीटर सच (Peter Such)।
साल 1999 में न्यूजीलैंड की टीम इंग्लैंड दौरे पर थी। अगस्त के पहले हफ्ते में दोनों टीमों के बीच टेस्ट सीरीज का तीसरा मैच ओल्ड ट्रैफर्ड (मैनचेस्टर) में खेला गया था। इस मैच में मेजबान इंग्लैंड की टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था। कप्तान मार्क बाउचर के रूप में इंग्लैंड की टीम को 13 रन के स्कोर पर पहला झटका लगा और देखते-देखते 152 रन के अंदर 8 विकेट गिर गए। इंग्लैंड की टीम मुश्किल में थी।
वो ऐतिहासिक साझेदारी
पिच पर आने वाला हर बल्लेबाज कुछ देर में आउट होकर पवेलियन लौट जा रहा था लेकिन छठे नंबर पर आए मार्क रामप्रकाश शानदार संयमित बल्लेबाजी करते हुए एक छोर पर टिके हुए थे। कोई भी बल्लेबाज उनका साथ नहीं दे रहा था, आठ विकेट गिर चुके थे और इंग्लैंड पारी में शर्मनाक अंत की ओर बढ़ रहा था। तभी 10वें नंबर पर पीटर सच बल्लेबाजी करने उतरे। उन्होंने मार्क रामप्रकाश के साथ टिकने का फैसला किया और दोनों के बीच 31 रनों की साझेदारी हुई जो तकरीबन 16 ओवर तक चली।
आया वो पल, जब दर्शक खड़े होकर तालियां बजाने लगे
मार्क रामप्रकाश अर्धशतक पूरा कर चुके थे और इसमें पुछल्ले बल्लेबाज पीटर सच का बड़ा योगदान था क्योंकि जब बाकी सभी बल्लेबाज आउट हो रहे थे, तब पीटर एक घंटे से ज्यादा समय तक पिच पर टिके रहे थे ताकि रामप्रकाश रन बना सकें। लेकिन पीटर की पारी भी खत्म हुई, उन्हें न्यूजीलैंड के स्पिनर डेनियल विटोरी ने आउट किया। लेकिन यहां दिलचस्प पहलू ये था कि 72 मिनट तक बल्लेबाजी करने वाले पीटर ने 51 गेंदों में 0 रन बनाए थे। जब-जब गेंद खेलने की बारी आई, पीटर ने सिर्फ गेंद को रोकने का काम किया, अपना विकेट नहीं गंवाया और पूरा समय मार्क रामप्रकाश को दिया। पीटर की इस संघर्षपूर्ण पारी का आलम ये था कि आउट होकर जब वो पवेलियन लौट रहे थे, तब दर्शकों ने उनकी खड़े होकर तालियां बजाईं और उनकी साहसी पारी को सलाम किया। वो तारीख थी 6 अगस्त।
गेंदबाजी में किया कमाल, क्या हुआ मैच का नतीजा?
मार्क राम ने इस पारी में 227 गेंदों का सामना करते हुए नाबाद 69 रनों की पारी खेली और इंग्लैंड की टीम 109.1 ओवर बल्लेबाजी करते हुए 199 रनों पर ऑलआउट हुई। जवाब देने उतरी न्यूजीलैंड की टीम की तरफ से नाथन एस्टल (101) और क्रेग मैकमिलन (नाबाद 107) ने शतक जड़े और टीम ने 9 विकेट खोकर 496 रनों का विशाल स्कोर खड़ा करते हुए पारी घोषित कर दी। इस दौरान 0 पर आउट होने वाले स्पिनर पीटर सच ने सर्वाधिक 4 विकेट झटके।
पीटर सच ने पारी में सर्वाधिक विकेट जरूर लिए लेकिन उन्होंने 114 रन लुटा भी डाले। दूसरी पारी में जवाब देने उतरी इंग्लिश टीम 2 विकेट खोकर 181 रन बना चुकी थी और मैच के चौथे दिन ऐसी बारिश हुई कि ये मैच ड्रॉ घोषित हो गया, जिससे इंग्लैंड की टीम एक शर्मनाक हार से बच गई।