नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त की शाम को अचानक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का ऐलान करने वाले टीम इंडिया के पूर्व कप्तान एमएस धोनी को एक इमोशनल लेटर लिखा है और क्रिकेट में उनके योगदान को सराहा है। उन्होंने देश के लोगों पर पड़ी छाप को भी रेखांकित किया है।
पीएम मोदी ने इस पत्र में धोनी के मानवीय पहलूओं, उनकी बेटी जीवा के साथ बॉन्डिंग पर भी प्रकाश डाला है। उन्होंने यह भी उम्मीद जताई है कि धोनी अब अपने परिवार के साथ अधिक समय बिता पाएंगे। पीएम ने सशस्त्र बलों के लिए धोनी के अथाह प्रेम का भी अपने पत्र उल्लेख किया।
पीएम ने यह पत्र धोनी को दिया है लेकिन लेकिन हर भारतीय, विशेष रूप से युवाओं के लिए इसमें एक संदेश है। जैसे कि अपनी पारिवारिक और प्रोफेशनल लाइफ के बीच कैसे संतुलन बनाया जाए। पीएम ने पत्र में कहा है कि धोनी से पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ के बीच संतुलन बनाने का तरीका सीखना चाहिए।
पीएम मोदी ने धोनी के जीवन के प्रेरणादायक पहलुओं का भी अपने पत्र में उल्लेख किया है। उन्होंने कहा है कि धोनी से सीख मिलती है कि जीवन में कभी उम्मीद न खोएं, और शांत रहें।
पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने धोनी के अंदर नए भारत की आत्मनिर्भर होने की भावना नजर आती है जिसके अंदर जोखिम लेने का भय नहीं है और जिसके अंदर आत्मविश्नास है। पीएम ने धोनी का उदाहरण देते हुए इस बात का भी उल्लेख किया है कि भारत के विकास में किस तरह छोटे शहरों( और ग्रामीण क्षेत्र) के लोग भारत के उत्थान में सहयोग कर रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा है कि उनकी जीवन आंकड़ों से परे हैं। उनके योददान को केवल आंकड़ों से नहीं आका जा सकता है उन्होंने देश के 130 करोड़ भारतीयों पर पर अपना प्रभाव डाला।