- पृथ्वी शॉ ने इंस्टाग्राम चैट में किए कई खास खुलासे
- महान सचिन तेंदुलकर को मानते हैं आदर्श, बताया सचिन ने क्या टिप्स दिए थे
- उतार-चढ़ाव भरा रहा है पृथ्वी शॉ का अब तक का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर
लॉकडाउन के दौरान सभी खिलाड़ी सोशल मीडिया पर अपने फैंस व साथियों से जुड़ रहे हैंं। इस दौरान वे तमाम बड़े खुलासे व दिल की बातें भी सामने रख रहे हैं। भारत के शानदार युवा बल्लेबाज पृथ्वी शॉ भी मंगलवार को इंस्टाग्राम पर लाइव चैट करने आए और अपनी टीम दिल्ली कैपिटल्स से चर्चा के दौरान कई बातें सामने रखीं। इस दौरान पृथ्वी ने ये भी बताया कि आखिर वो किस दिग्गज की तरह बल्लेबाजी करने की कोशिश करते हैं।
पृथ्वी शॉ ने इस चैट के दौरान बताया कि उनके आदर्श सचिन तेंदुलकर ने हमेशा उनसे अपना स्वाभाविक खेल खेलने और मैदान के बाहर शांत रहने को कहा है। टेस्ट में सबसे कम उम्र में शतक जमाने वाले भारतीय बल्लेबाज पृथ्वी शॉ ने कहा, ''उनका (सचिन) मेरे ऊपर बड़ा प्रभाव है। मैं जब आठ साल का था तब मैं उनसे पहली बार मिला था। उन्होंने हमेशा मुझसे अपना स्वाभाविक खेल और स्थिति के हिसाब से खेलने को कहा है। मैदान के बाहर उन्होंने मुझे शांत रहने को कहा है।''
ग्रिप बदलने को मना किया था
शॉ ने बताया कि तेंदुलकर ने एक बार उनसे ग्रिप बदलने को मना कर दिया था। उन्होंने कहा, ''मैं निचले हाथ को ज्यादा इस्तेमाल करने वाला खिलाड़ी हूं और सचिन सर ने मुझसे मेरी ग्रिप न बदलने को कहा था। मैं युवा था और प्रशिक्षकों की सलाह पर ग्रिप बदलता था, लेकिन सचिन सर के कहने के बाद मैंने ऐसा नहीं किया।''
सचिन से तुलना पर कैसा महसूस होता है?
अक्सर शॉ की तुलना सचिन से की जाती है। इस तुलना पर शॉ ने कहा, ''जब लोग मेरी तुलना उनसे करते हैं तो दबाव बढ़ता है, लेकिन मैं इसे चुनौती की तरह लेता हूं। मैं उनकी तरह खेलने की कोशिश करता हूं। वह क्रिकेट के भगवान हैं।''
किसके साथ ओपनिंग करना पसंद है
पृथ्वी शॉ एक सलामी बल्लेबाज हैं और वो भारत के लिए भी टेस्ट क्रिकेट में ओपनिंग कर चुके हैं। जब उनसे उनका पसंदीदा सलामी जोड़ीदार पूछा गया तो उन्होंने शिखर धवन का नाम लिया। उन्होंने कहा, ''शिखर धवन क्योंकि मैंने अधिकतर समय उनके साथ ही पारी की शुरुआत की है।''
गांगुली के साथ समय बिताने का अनुभव
बीसीसीआई के मौजूदा अध्यक्ष सौरव गांगुली बीते साल कैपिटल्स के मेंटॉर थे। उनके साथ समय बिताने को लेकर शॉ ने कहा, उनके साथ शानदार अनुभव मिला और उन्होंने मेरी काफी मदद की, क्योंकि वह जानते हैं कि युवाओं को कैसे मोटिवेट करना है। यह शानदार अनुभव था।
उतार-चढ़ाव भरा करियर और प्रतिबंध
पृथ्वी शॉ का अंतरराष्ट्रीय करियर धमाकेदार अंदाज में शुरू हुआ था लेकिन विदेशी दौरे पर एक अभ्यास मैच के दौरान फील्डिंग करते हुए वो चोटिल होकर बाहर हो गए। इससे उनके करियर में ढलान तो आई लेकिन इससे पहले कि वो अच्छी तरह वापसी कर पाते, उन्हें एक प्रतिबंधित दवा का सेवन करने का दोषी पाया गया और कई महीने का बैन लगा दिया गया। पिछले साल नवंबर में उनका प्रतिबंध तो खत्म हो गया लेकिन एक बार फिर टेस्ट क्रिकेट में धमक दिखाने का मौका अभी नहीं मिल सका है।