- पृथ्वी शॉ का इंटरव्यू
- मुंबई के कप्तान ने दिल खोलकर रखी अपनी बात
- रणजी ट्रॉफी में अब तक उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं किया है
पांच रणजी ट्रॉफी मैच में तीन अर्धशतक के साथ मुंबई के कप्तान पृथ्वी साव मौजूदा सत्र में उन मानकों पर खरे नहीं उतरते जो उन्होंने तय किए हैं लेकिन इस युवा खिलाड़ी को पता है कि क्रिकेट भी जीवन की तरह है जहां लगातार उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता है। घरेलू क्रिकेट की दिग्गज टीम मुंबई को रणजी ट्रॉफी फाइनल में मध्य प्रदेश का सामना करना है और पृथ्वी नहीं चाहते कि इंग्लैंड दौरे पर या आयरलैंड जाने वाली भारत की टी20 अंतरराष्ट्रीय टीम में जगह नहीं मिलने के बारे में सोचकर उनका ध्यान भटके।
मुंबई के कप्तान पृथ्वी ने फाइनल की पूर्व संध्या पर कहा, ‘‘मैंने कुछ (तीन) अर्धशतक जड़े हैं लेकिन निश्चित तौर पर यह मेरे लिए पर्याप्त नहीं हैं और यहां तक कि अर्धशतक जड़ने के बाद किसी ने मुझे बधाई भी नहीं दी और आपको भी बुरा लगता है (मजाकिया लहजे में कहा)।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कभी कभी ऐसा होता है लेकिन मुझे खुशी है कि मेरी टीम अच्छा कर रही है। एक कप्तान के रूप में मुझे यहां मेरे साथ आए सभी 21 खिलाड़ियों के बारे में सोचना होता है और सिर्फ अपने बारे में नहीं।’’
पृथ्वी ने कहा, ‘‘क्रिकेट और जीवन में हमेशा उतार-चढ़ाव देखने को मिलते हैं और कभी ऐसा नहीं होता कि आप आगे ही बढ़ते रहें। इसलिए यह सिर्फ समय कि बात है कि मैं गेंदों को अच्छी तरह मारने लगूंगा और एक बार फिर बड़ी पारियां खेलूंगा। लेकिन अभी मैं सुनिश्चित करना चाहता हूं कि मेरी टीम अच्छा प्रदर्शन करे और मैं टीम के खेल का लुत्फ उठा रहा हूं।’’
यह पूछने पर कि क्या राष्ट्रीय टीम में वापसी को वह तवज्जो नहीं देते? पृथ्वी ने कहा, ‘‘भारतीय टीम में वापसी के बारे में अभी मैं बिलकुल भी नहीं सोच रहा। कप जीतना मेरा मुख्य उद्देश्य है और इसे जीतने के अलावा किसी और चीज के बारे में नहीं सोच रहा।’’
पृथ्वी सिर्फ 22 साल के हैं और 33 प्रथम श्रेणी मैच खेल चुके हैं लेकिन जब उनसे पूछा गया कि वह टीम के ‘युवाओं’ को क्या संदेश देना चाहते हैं तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं सबसे पहले तो यह कहना चाहूंगा कि मुझे उन पर गर्व है कि वे यहां तक पहुंचे। मैं उनसे कहना चाहता हूं कि मैदान पर उतरकर खेल का लुत्फ उठाओ। मैं टीम के युवाओं को कहना चाहता हूं कि उन्हें वही करना है जो वे अंडर-25 या अंडर-19 में करते आए हैं, बस यहां का स्तर अधिक कड़ा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे लिए नतीजे मायने नहीं रखते बल्कि सभी का प्रयास मायने रखता है। मैंने उनसे सिर्फ इतना कहा है कि वही करो जो इतने वर्षों से कर रहे हो।’’ पृथ्वी और मुंबई के मौजूदा अभियान में शानदार प्रदर्शन करने वाले अरमान जाफर और इस सत्र के शीर्ष स्कोरर सरफराज खान में एक चीज समान है और वह यह है कि ये तीनों एक ही स्कूल ‘रिज्वी स्प्रिंगफील्ड्स’ के छात्र रहे हैं जिसे उसकी मजबूत क्रिकेट टीम के लिए जाना जाता है। रिज्वी स्प्रिंगफील्ड की टीम का मुंबई के प्रतिष्ठित स्कूल टूर्नामेंट हैरिस एवं जाइल्स शील्ड में दबदबा रहा है।
पृथ्वी ने कहा, ‘‘मैं, सरफराज और अरमान नौ से 10 साल की उम्र में एक ही स्कूल में गए। हम एक साथ खेले और मुंबई क्रिकेट के लिए अब तक हम तीनों ने अच्छा काम किया है।’’ पृथ्वी दूसरी बार रणजी ट्रॉफी फाइनल (पहला 2017 में गुजरात के खिलाफ) में खेल रहे हैं जबकि अरमान और सरफराज पहली बार खिताबी मुकाबले का हिस्सा होंगे।
पृथ्वी जब पहली बार मुंबई की टीम में आए थे तो चंद्रकांत पंडित टीम के कोच थे और अब जब वह फाइनल में 41 बार के चैंपियन मुंबई की अगुआई करेंगे तो यह दिग्गज कोच विरोधी टीम के साथ होगा। मुंबई के कप्तान ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि मैं पांच साल बाद चंदू सर (कोच पंडित) से आंख मिला पाऊंगा। 2016 या 2017 में ऐसा नहीं था। सभी को मालूम है कि चंदू सर कड़े व्यक्ति हैं और लंबे समय बाद उनसे दोबारा मिलना अच्छा होगा।’’
मुंबई के कोच की जिम्मेदारी घरेलू क्रिकेट के दिग्गज अमोल मजूमदार निभा रहे हैं और पृथ्वी ने उनके मार्गदर्शन को विशेष करार दिया। उन्होंने कहा, ‘‘सभी को पता है अमोल सर ने काफी घरेलू क्रिकेट खेला है और काफी रन बनाए हैं। उनके पास काफी अनुभव है और हम काफी भाग्यशाली हैं कि वह हमारे साथ हैं।’’