नई दिल्ली: क्रिकेट की दुनिया में कई रिकॉर्ड ऐसे हैं जिनपर कभी कभी यकीन करना मुश्किल हो जाता है। ऐसा ही एक रिकॉर्ड 11 जनवरी को जीवन के 48 बसंत पूरे करने वाले राहुल द्रविड़ के नाम दर्ज है। 'द वॉल' के नाम से विख्यात राहुल द्रविड़ टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा बार बोल्ड होने वाले बल्लेबाज है। भारतीय क्रिकेट की दीवार को ढहाने में दुनिया के दिग्गज गेंदबाजों के पसीने छूट जाते थे। द्रविड़ जैसे तकनीकी रूप से दक्ष खिलाड़ी को आउट करके गेंदबाज पूरी दुनिया में अपनी काबीलियत का लोहा मनवाते थे।
टेस्ट में इतनी बार बिखरे थे स्टंप्स
कौशल और प्रतिभा के धनी द्रविड़ ने अपने करियर में 164 टेस्ट मैच खेले और इस दौरान 52.31 के औसत से 13,288 रन बनाए। जिसमें 36 शतक और 63 अर्धशतक शामिल थे। द्रविड़ अपने टेस्ट करियर में 32 बार नाबाद रहे। लेकिन आउट होने के तरीके के बारे में बात की जाए तो उनके नाम टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा बार बोल्ड होने का रिकॉर्ड दर्ज हो गया। सबसे रोचक बात यह है कि जिस बल्लेबाज को क्रिकेट इतिहास के तकनीकी रूप से दक्ष माना जाता है। लेकिन 54 बार वो टेस्ट क्रिकेट में बोल्ड हुए। यानी 254 पारियों में वो आउट हुए तो उसमें 54 बार बोल्ड होकर पवेलियन लौटे। यानी वो टेस्ट करियर में 21 प्रतिशत बार बोल्ड हुए।
बॉर्डर और सचिन जैसे दिग्गज भी नहीं हैं कम
द्रविड़ के बाद टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा बार बोल्ड होने वाले खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान एलन बॉर्डर हैं। बॉर्डर अपने करियर में 53 बार बोल्ड हुए। वहीं इस सूची में तीसरे पायदान पर 200 टेस्ट मैच खेलने वाले दुनिया के एकलौते और सबसे ज्यादा टेस्ट रन बनाने वाले मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर हैं। सचिन 200 टेस्ट की 329 पारियों में 33 बार नाबाद रहे और 298 बार अपना विकेट गंवाया और इस दौरान 48 बार बोल्ड हुए थे।