- भारत-श्रीलंका दूसरे टी20 मैच में टीम इंडिया को मिली हार, उसके बाद तीसरे में भी हार मिली
- दूसरे टी20 मैच से पहले भारतीय कोच राहुल द्रविड़ के एक बयान ने सब कुछ साफ कर दिया था
- एक कोविड पॉजिटिव मामले से टीम इंडिया को हो गया कितना बड़ा नुकसान
कोलंबो में बुधवार रात भारत और श्रीलंका के बीच खेले गए दूसरे टी20 मैच (IND vs SL T20) में श्रीलंकाई टीम ने 4 विकेट से जीत दर्ज की। जबकि उसके बाद गुरुवार को तीसरे टी20 में भी श्रीलंका ने भारत को 7 विकेट से हराकर खिताब अपने नाम कर लिया। दूसरे टी20 मैच से सभी टीमों व खिलाड़ियों को ये संदेश भी मिल गया कि एक भी कोविड संक्रमित होने के मामला अगर पूरे दल में निकलता है तो वो टीम को कितना महंगा पड़ सकता है। भारतीय टीम के कोच राहुल द्रविड़ ने भी दूसरे टी20 से पहले इसको अपने एक बयान से साफ कर दिया था। वहीं, दूसरे टी20 में हार के बाद एक और नई मुसीबत खड़ी हो गई थी। नवदीप सैनी चोटिल हो गए थे, उनकी जगह तीसरे टी20 में संदीप वॉरियर को मैदान पर उतारना पड़ा था।
आखिर बुधवार (दूसरे टी20) को हुआ क्या था
भारतीय ऑलराउंडर क्रुणाल पंड्या के कोरोना पॉजिटिव पाये जाने के पृथकवास प्रोटोकॉल के कारण बुधवार को दूसरे टी20 मैच में भारत के 9 खिलाड़ी चयन के लिये उपलब्ध नहीं थे। भारत ने छह विशेषज्ञ गेंदबाजों को उतारा था जिनमें तेज गेंदबाज नवदीप सैनी भी शामिल थे जिनसे एक भी ओवर नहीं कराया गया। भारतीय टीम में आईपीएल के स्टार्स- रूतुराज गायकवाड़, देवदत्त पड्डिकल, नीतिश राणा और चेतन सकारिया को मैदान पर उतारा गया।
राहुल द्रविड़ का वो बयान
टीम इंडिया के कोच राहुल द्रविड़ से जब दूसरे टी20 मैच से पहले पूछा गया था कि आखिर वो इस मैच में किसको-किसको मैदान पर उतारने वाले हैं, तो उनकी हंसी छूट गई। उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा था कि, "हमारे पास चयन के लिए सिर्फ 11 खिलाड़ी मौजूद थे और उन सबको उतार रहे हैं।" दरअसल पांड्या के कोविड मामले के बाद 9 खिलाड़ी पृथकवास में गए हैं और चयन के लिए सिर्फ 15 खिलाड़ी बचे, वो भी तब जब मुख्य टीम में सभी चारों नेट गेंदबाजों को टीम में शामिल कर लिया गया। ये वो खिलाड़ी हैं जिनको मैच में खिलाने के मकसद से श्रीलंका नहीं लाया गया था, यानी चयन के लिए असल में सिर्फ 11 खिलाड़ी ही उपलब्ध थे।
नई मुसीबत खड़ी हो गई थी !
भारत-श्रीलंका दूसरे टी20 मैच के ओवर में जब कुछ ही समय बचा था, तभी एक शॉट पर कैच करने के प्रयास में नवदीप सैनी मैदान पर गिरे और उनके कंधे में चोट आ गई। इसके बाद फीजियो को मैदान पर आना पड़ा और वो बहुत दर्द में नजर आए। ऐसे में अब जब गुरुवार को दूसरा टी20 मैच खेला जाना था तो टीम इंडिया के सामने एक बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई थी। अगर नवदीप सैनी मैदान पर उतरने में सक्षम नहीं होते तो फिर टीम इंडिया को अपने नेट बॉलर्स में से किसी को मैदान पर उतारना पड़ेगा। दरअसल, क्रुणाल के अलावा आठ अन्य खिलाड़ी भी सीरीज से बाहर हो गए हैं और नेगेटिव रिपोर्ट आने के बावजूद उन्हें मैदान पर आने की अनुमति नहीं मिली। इनमें हार्दिक पांड्या, पृथ्वी शॉ, सूर्यकुमार यादव, युजवेंद्र चहल, कृष्णप्पा गौतम, ईशान किशन और मनीष पांडे शामिल हैं। दीपक चाहर और राहुल चाहर में से एक पृथकवास में रहा।
ये हैं भारत के 5 नेट बॉलर्स, इनमें से संदीप वॉरियर की खुली किस्मत
भारतीय टीम के साथ जो नेट बॉलर्स गए थे, उनमें ये खिलाड़ी शामिल थे- इशान पोरेल, संदीप वॉरियर, सिमरजीत सिंह, अर्शदीप सिंह और आर साइ किशोर। इन सभी को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का अनुभव नहीं है, फिर भी इनमें से एक को नवदीप सैनी की जगह गुरुवार को उतारना ही था। गुरुवार को फाइनल टी20 मैच में उनकी जगह तेज गेंदबाज संदीप वॉरियर को मैदान पर उतारा गया। केरल के 30 वर्षीय संदीप वॉरियर ने डेब्यू किया है।
बुधवार को दूसरे टी20 मैच में भारत ने पहले बल्लेबाजी के लिये भेजे जाने पर कठिन पिच पर श्रीलंकाई स्पिनरों का सामना करते हुए पांच विकेट पर 132 रन बनाये थे। जवाब में आखिरी ओवर तक रोमांचक रहे मैच में श्रीलंका ने दो गेंद बाकी रहते लक्ष्य हासिल कर लिया।
श्रीलंका की तरफ से धनंजय डिसिल्वा ने 34 गेंद में नाबाद 40 रन बनाये जबकि मिनोद भानुका ने 31 गेंद में 36 रन की पारी खेली। भारत के लिये कुलदीप यादव ने दो विकेट लिये।उपकप्तान भुवनेश्वर कुमार ने अपने आखिरी ओवर में 12 रन दे डाले जिससे श्रीलंका के सामने आखिरी ओवर में सिर्फ आठ रन बनाने का लक्ष्य रह गया।
इसके बाद एक भी दिन का अंतराल नहीं मिला और गुरुवार को दोनों टीमों के बीच तीसरा व निर्णायक टी20 मैच खेला गया जहां टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम 20 ओवर में 8 विकेट गंवाते हुए सिर्फ 82 रन ही बना सकी और श्रीलंका ने आसानी से 3 विकेट के नुकसान पर इस लक्ष्य को हासिल किया और भारत को पहली बार टी20 अंतरराष्ट्रीय सीरीज में मात दी, जबकि किसी भी प्रारूप में 2008 के बाद ये भारत के खिलाफ श्रीलंका की पहली सीरीज जीत साबित हुई।