लाइव टीवी

ये क्या ! रणजी ट्राफी क्रिकेटर्स को एक साल बाद भी नहीं मिला मुआवजा, कोषाध्यक्ष ने दी ये सफाई

Updated May 24, 2021 | 20:13 IST

BCCI have not given compensation to Ranji Trophy cricketers: बीसीसीआई ने अब तक रणजी ट्रॉफी के खिलाड़ियों को पिछले साल का मुआवजा नहीं दिया है।

Loading ...
तस्वीर साभार:&nbspTwitter
BCCI
मुख्य बातें
  • रणजी ट्रॉफी क्रिकेटर्स को नहीं मिला है मुआवजा
  • बीसीसीआई से नहीं मिला पिछले साल का मुआवजा
  • कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने मामले में दी सफाई

नई दिल्लीः भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) कोषाध्यक्ष अरूण धूमल ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण रद्द हुए 2020 रणजी ट्राफी सत्र के बाद देश के प्रथम श्रेणी खिलाड़ियों को जिस मुआवजे का वादा किया गया था, वह अभी तक वितरित नहीं किया गया है क्योंकि राज्य इकाईयों ने अभी तक जरूरी विवरण नहीं भेजा है।

ब्रिटेन के ‘टेलीग्राफ’ अखबार में छपे हालिया लेख में यह बात सामने आयी कि बीसीसीआई ने अभी तक भारतीय महिला टीम को टी20 विश्व कप उप विजेता की 550,000 डॉलर की पुरस्कार राशि नहीं दी है। बोर्ड ने इसके जवाब में इस हफ्ते यह राशि देने का वादा किया। इस खबर से खिलाड़ियों के भुगतान में अत्यधिक देरी की बात भी सामने आयी, भले ही खिलाड़ी महिला हों या पुरूष।

रणजी ट्राफी मुआवजे में देरी भी एक अन्य घटना है और धूमल ने स्वीकार किया कि सभी के लिये एक स्वीकार्य फार्मूला तैयार करना इतना आसान और सीधा नहीं है। धूमल ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘हमें राज्यों से चर्चा करनी होगी क्योंकि उन्हें ही हमें बताना होगा कि कौन से खिलाड़ी खेलते और कितने मैच खेलते और कौन रिजर्व खिलाड़ी होते। किसी भी राज्य ने मुआवजे पैकेज के लिये कोई प्रस्ताव नहीं भेजा है।’’

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के इस चरण के दौरान सभी आठ टीमों में 73 अनकैप्ड भारतीय घरेलू खलाड़ी जुड़े थे जिसमें बासिल थम्पी और दीपक हुड्डा भी शामिल थे जो भारतीय टीम का हिस्सा रह चुके हैं। इन खिलाड़ियों का अनुबंध 20 लाख रूपये से लेकर करीब 10 करोड़ रूपये (कृष्णप्पा गौतम) तक था।

हालांकि 700 के करीब खिलाड़ियों के पास आईपीएल अनुबंध नहीं है और वे पूरे घरेलू सत्र में 10 लाख रूपये से 20 लाख रूपये तक कमाई करते हैं जिसमें से ज्यादातर राशि रणजी ट्राफी से आती है जिसमें उन्हें एक मैच के लिये 1.40 लाख रूपये की फीस मिलती है। बीसीसीआई के एक पूर्व और राज्य इकाई के अनुभवी अधिकारी ने कहा, ‘‘कोषाध्यक्ष सही हैं। बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने मुआवजे की घोषणा की थी लेकिन यह कैसे निर्धारित करोगे कि कौन सा खिलाड़ी सत्र में आठ या 10 मैच खेलता? रिजर्व खिलाड़ियों को आधी राशि मिलेगी तो आप इसकी गणना कैसे करोगे?’’

उन्होंने कहा, ‘‘आप प्रत्येक खिलाड़ी को एक समान राशि नहीं दे सकते। राज्यों को एकमुश्त राशि देना एक विकल्प है लेकिन आप राज्यों पर निगरानी कैसे रखोगे?’’ कोविड-19 महामारी और इसके चलते बंद हुए बीसीसीआई मुख्यालय से यह विलंब हुआ लेकिन ज्यादातर घरेलू खिलाड़ियों को पिछले कुछ सत्र से सकल राजस्व हिस्सेदारी (जीआरएस) नहीं मिली है।

बीसीसीआई हमेशा अपने टीवी प्रसारण राजस्व से घरेलू क्रिकेटरों को कुछ हिस्सा देता है और यह सामान्य तौर पर सितंबर में सालाना खातों के निपटारे के बाद मिल जाता है। धूमल के अनुसार घरेलू खिलाड़ियों का जीआरएस 2016-17 सत्र के बाद से लंबित है।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | क्रिकेट (Cricket News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल