- विराट कोहली ने क्यों छोड़ी थी भारतीय टी20 टीम की कप्तानी?
- पूर्व भारतीय कोच रवि शास्त्री ने कोहली के फैसले पर दी प्रतिक्रिया
- पूर्व दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के फैसले से की तुलना
टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली पिछले काफी समय से अपने खेल को लेकर कम, और उससे अलग चीजों को लेकर ज्यादा चर्चा में रहे हैं। इन्हीं में से एक चीज है 'कप्तान' का पद। विराट कोहली की कप्तानी में भारत ने अब तक एक भी आईसीसी का खिताब नहीं जीता है, इसको लेकर आए दिन उनकी आलोचना होती रही है। हाल ही में उन्होंने टी20 विश्व कप से ठीक पहले ऐलान करके सबको तब चौंका दिया जब उन्होंने भारतीय टी20 टीम की कप्तानी छोड़ने का ऐलान कर दिया। उसको लेकर अब टीम इंडिया के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री ने चुप्पी तोड़ी है।
भारतीय टी20 टीम की कप्तानी छोड़ने के बाद से ये चर्चा लगातार चल रही है कि क्या अब बीसीसीआई को वनडे क्रिकेट की कप्तानी भी रोहित शर्मा को सौंप देनी चाहिए ताकि 2023 वनडे विश्व कप की तैयारी की तरफ भी मजबूती से कदम बढ़ाए जा सके। इसको लेकर तमाम लोगों को अलग-अलग राय रही हैं। लेकिन कोहली के टी20 कप्तानी छोड़ने के फैसले को लेकर अब तक पूर्व भारतीय कोच रवि शास्त्री ने चुप्पी साधी हुई थी। अब उन्होंने खुलकर इस पर प्रतिक्रिया दी है और महान सचिन तेंदुलकर के एक फैसले से तुलना कर डाली है।
उसे गर्व होना चाहिए
'द वीक' के साथ बातचीत के दौरान रवि शास्त्री ने विराट के फैसले को लेकर कहा, "आखिर में देखें तो वो एक अच्छा कप्तान साबित हुआ है। लोग आपको लेकर बात हमेशा नतीजों के आधार पर करेंगे। आपके बारे में चर्चा कैसे रन बनाए इसलिए नहीं होगी, बल्कि कितने रन बनाए इस पर होगी। उसने खुद में समय के साथ अच्छा बदलाव किया है, वो और परिपक्व हुआ है। भारतीय टीम का कप्तान बनना आसान नहीं है। उसको गर्व होना चाहिए जो कुछ उसने हासिल किया है।"
सचिन और गावस्कर से तुलना
रवि शास्त्री ने विराट कोहली के इस फैसले की तुलना दो पूर्व महान खिलाड़ियों के फैसले से भी कर डाली। उन्होंने पूर्व महान दिग्गज सचिन तेंदुलकर और सुनील गावस्कर से तुलना की जिन्होंने अपने करियर के दिनों में भी बल्लेबाजी पर ध्यान देने के लिए कप्तानी छोड़ दी थी। शास्त्री ने कहा, "सौ प्रतिशत। ऐसा सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के साथ हो चुका है। मुझे याद है सनी (गावस्कर) ने जब बल्लेबाजी पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कप्तानी छोड़ दी थी। सचिन तेंदुलकर ने भी अपने करियर को कुछ और साल बढ़ाने के लिए कप्तानी को छोड़ दिया था।"