- भारत ने 8 विकेट से जीता मेलबर्न टेस्ट
- विराट कोहली की गैरमौजूदगी में रहाणे ने की कप्तानी, 'मैन ऑफ द मैच' भी बने
- कोच रवि शास्त्री ने दोनों की तुलना पर दिया बयान
नई दिल्लीः भारतीय टीम ने मंगलवार को शानदार प्रदर्शन के बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम को मेलबर्न टेस्ट में 8 विकेट से शिकस्त दे दी। इस जीत के साथ टीम इंडिया ने सीरीज में 1-1 से बराबरी कर ली है। ये जीत इसलिए भी खास है क्योंकि टीम इंडिया अपने नियमित कप्तान विराट कोहली और रोहित शर्मा-इशांत शर्मा और मोहम्मद शमी जैसे दिग्गजों के बिना मैदान पर थी। भारतीय टीम अजिंक्य रहाणे की कप्तानी में खेल रही थी और रहाणे ने ना सिर्फ कप्तानी से प्रभावित किया बल्कि 'मैन ऑफ द मैच' भी बने। उनके बारे में शास्त्री ने क्या कहा, आइए जानते हैं।
गौरतलब है भारतीय कप्तान विराट कोहली के हम सभी प्रशंसक हैं लेकिन टीम इंडिया के मुख्य कोच रवि शास्त्री टीम के नियमित कप्तान विराट कोहली के हमेशा से सबसे प्रशंसक रहे हैं और विराट ने भी हमेशा शास्त्री को कोच पद के लिए सबसे सही विकल्प बताया है। ऐसे में जब विराट की कप्तानी में भारत पहला टेस्ट हारा और फिर रहाणे की कप्तानी में शानदार जीत मिली तो सभी की नजरें कोच की प्रतिक्रिया पर टिक गई थीं।
रहाणे पर शास्त्री का बयान
कोच शास्त्री ने कार्यवाहक कप्तान अजिंक्य रहाणे को ‘चालाक कप्तान’ बताते हुए कहा कि उनका शांत स्वभाव नियमित कप्तान विराट कोहली से बिल्कुल विपरीत है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे टेस्ट में शतक बनाने के साथ अच्छी कप्तानी के लिये भी रहाणे की तारीफ की जा रही है।
शास्त्री ने दूसरे टेस्ट में आठ विकेट से मिली जीत के बाद कहा, ‘‘वह काफी चालाक कप्तान है और खेल को बखूबी पढ़ता है। उसके शांत स्वभाव से नये खिलाड़ियों और गेंदबाजों को मदद मिली। उमेश के नहीं होने के बावजूद वो विचलित नहीं हुआ।’’
कोहली और रहाणे में क्या है फर्क?
रवि शास्त्री से रहाणे और कोहली की कप्तानी की शैली में फर्क के बारे में पूछा गया था। उन्होंने इसका जवाब देते हुए कहा, ‘‘दोनों खेल को बखूबी समझते हैं। विराट काफी जुनूनी हैं जबकि अजिंक्य शांत हैं। विराट आक्रामक हैं जबकि अजिंक्य चुपचाप तैयारी करता है लेकिन उसे पता है कि वो क्या चाहता है।’’
उसने अविश्वसनीय धैर्य दिखाया
उन्होंने रहाणे के शतक को दूसरे टेस्ट का निर्णायक मोड़ बताते हुए कहा कि उन्होंने ‘अविश्वसनीय धीरज’ का प्रदर्शन किया। रहाणे के 112 रन की मदद से भारत ने पहली पारी में 326 रन बनाकर 131 रन की बढ़त ली थी। शास्त्री ने कहा, ‘‘रहाणे जब बल्लेबाजी के लिये उतरा तो हमारे दो विकेट 60 रन पर गिर गए थे। इसके बाद उसने छह घंटे बल्लेबाजी की। ये आसान नहीं था। उसने अविश्वसनीय धैर्य दिखाया। उसकी पारी मैच का टर्निंग प्वाइंट थी।’’