- भारतीय टीम को दक्षिण अफ्रीका के हाथों जोहानसबर्ग में सात विकेट की शिकस्त मिली
- भारतीय टीम के ऑफ स्पिनर रवचंद्रन अश्विन का प्रदर्शन प्रभावी नहीं रहा है
- रविचंद्रन अश्विन ने जोहानसबर्ग टेस्ट में केवल एक विकेट लिया
नई दिल्ली: टीम इंडिया को गुरुवार को दक्षिण अफ्रीका के हाथों जोहानसबर्ग में सात विकेट की करारी शिकस्त झेलनी पड़ी। भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी की और उसकी पहली पारी 202 रन पर ऑलआउट हुई। जवाब में दक्षिण अफ्रीका की पहली पारी 229 रन पर ऑलआउट हुई। इस तरह मेजबान टीम ने पहली पारी के आधार पर 27 रन की बढ़त हासिल की थी। फिर भारत दूसरी पारी में 266 रन बना सका और उसने दक्षिण अफ्रीका के सामने जीत के लिए 240 रन का लक्ष्य रखा। प्रोटियाज टीम ने तीन विकेट खोकर लक्ष्य हासिल किया।
इसी के साथ तीन मैचों की सीरीज में दोनों टीमें इस समय 1-1 की बराबरी पर हैं। सीरीज का तीसरा व अंतिम टेस्ट मैच केपटाउन में खेला जाएगा, जहां सीरीज का निर्णय भी निकलेगा। भारतीय टीम का जोहानसबर्ग में निश्चित ही प्रदर्शन फीका रहा, लेकिन उसके लिए सबसे बड़ी चिंता का विषय बना प्रमुख ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन। रविचंद्रन अश्विन का शुरूआती दो टेस्ट में प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। प्रमुख गेंदबाज होने के बावजूद अश्विन मौजूदा सीरीज में अब तक केवल 3 विकेट ले सके हैं।
35 साल के रविचंद्रन अश्विन ने सेंचुरियन टेस्ट की दूसरी पारी में दो विकेट लिए थे। वहीं जोहानसबर्ग में वो केवल एक विकेट निकाल सके। हां, अश्विन ने जोहानसबर्ग में बल्ले से 46 रन की महत्वपूर्ण पारी खेली थी, लेकिन दूसरी पारी में वो 16 रन बनाकर आउट हो गए। भले ही अश्विन ने जोहानसबर्ग में विकेट लेकर उपलब्धि हासिल की हो, लेकिन टीम इंडिया के प्रमुख गेंदबाज होने के नाते उनका प्रदर्शन औसत से भी कम रहा है। देखना दिलचस्प होगा कि टीम प्रबंधन अगले टेस्ट में रविचंद्रन अश्विन को रिप्लेस करने का विचार बनाती है या नहीं।
केएल राहुल की प्रतिक्रिया
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरा टेस्ट मैच गुरुवार को यहां सात विकेट से गंवाने के बाद भारत के कप्तान लोकेश राहुल ने कहा कि टॉस जीतने के बाद उनकी टीम को पहली पारी में 60-70 रन और बनाने चाहिए थे।
राहुल ने कहा, ‘‘टॉस जीतने के बाद हम बड़ा स्कोर खड़ा करने में नाकाम रहे, हमें 60-70 रन और बनाने चाहिए थे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी को लगा था कि 122 रन (चौथे दिन दक्षिण अफ्रीका को जीत के लिए जरूरी रन) बनाना आसान नहीं होगा और हम यहां कुछ खास कर सकते हैं। पिच भी बल्लेबाजी के लिए मुश्किल थी लेकिन दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाज अपने काम को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध थे।’’