- 16 साल की रिचा घोष बनीं विश्व कप फाइनल की पहली कन्कशन सब्सटीट्यूट
- तानिया भाटिया की जगह वो फाइनल में बल्लेबाजी करने उतरीं
- 12 फरवरी कोऑस्ट्रेलिया के ही खिलाफ मेलबर्न में किया था अंतरराष्ट्रीय डेब्यू
मेलबर्न: भारत की 16 साल की बल्लेबाज रिचा घोष के नाम महिला टी-20 विश्व कप के फाइनल मुकाबले में एक अनचाहा रिकॉर्ड दर्ज हो गया। वो विश्व कप इतिहास की पहली कन्कशन सब्स्टीट्यूट बनीं। विकेटकीपर बल्लेबाजी तानिया भाटिया बल्लेबाजी के दौरान चोटिल हो गईं उनके हलमेट में गेंद लगी थी इसके बाद वो रिटायर्ड हर्ट हो गईं। कन्कशन टेस्ट में असफल रहने के बाद दोबारा बल्लेबाजी के लिए नहीं उतरीं। ऐसे में भारत के लिए दो टी20 मैच खेल चुकी रिचा घोष को अचानक से बल्लेबाजी का मौका मिल गया और उनके नाम एक अनचाहा रिकॉर्ड दर्ज हो गया।
12वें ओवर की तीसरी गेंद पर वेदा कृष्णमूर्ति के आउट होने के बाद रिचा बल्लेबाजी करने मैदान पर उतरीं। उस वक्त टीम इंडिया ने 58 रन के स्कोर पर पांच विकेट गंवा दिए थे। इसके बाद उन्होंने बल्लेबाजी करते हुए टीम को 100 रन के करीब पहुंचाया। 96 रन के स्कोर पर वो 18 गेंद पर 18 रन की पारी खेलकर आउट हुईं। उन्हें मेगन शूट ने अपना शिकार बनाया।
आईसीसी ने पहली बार अपनी किसी स्पर्धा में कन्कशन सबस्टीट्यूट का नियम लागू किया था। 21 फरवरी से शुरू हुए इस इवेंट में इससे पहले कोई भी खिलाड़ी कन्कशन की वजह से मैच से बाहर नहीं हुआ था लेकिन फाइनल मुकाबले में इस नियम का आखिरकार इस्तेमाल हो गया और रिचा घोष के नाम अनचाहा रिकॉर्ड दर्ज हो गया।
रिचा ने इससे पहले महिला टी20 विश्व कप में बांग्लादेश के खिलाफ मैच खेला था। उन्हें विश्व कप फाइनल में खेलने का मौका अप्रत्याशित ढंग से कन्कशन सब्सटीट्यूट के रूप में मिला। उन्होंने 12 फरवरी को मेलबर्न में त्रिकोणीय सीरीज के दौरान ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ही अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का आगाज किया था। डेब्यू मैच में उन्होंने 17 रन की पारी खेली थी। वहीं बांग्लादेश के खिलाफ उन्होंने पर्थ में 14 रन की पारी खेली थी।