नई दिल्ली: सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के दौरान चोटिल होने वाले दिल्ली के बल्लेबाज शिखर धवन की जगह बुधवार को संजू सैमसन को वेस्टइंडीज के खिलाफ टी-20 सीरीज के लिए शामिल किया गया। सैमसन घरेलू क्रिकेट में लगातार शानदार प्रदर्शन करके टीम इंडिया का दरवाजा खटखटाते रहे हैं लेकिन टीम मैनेजमेंट और चयनसमिति की पहली पसंद बन चुके रिषभ पंत की जगह टीम में जगह बना पाने में असफल रहे। हालांकि धोनी का उत्तराधिकारी माने जाने वाले पंत शुरुआती चमक बिखेरने के बाद लगातार संघर्ष करते दिख रहे हैं और संजू सैमसन उन्हें लगातार चुनौती दे रहे हैं।
ऐसे में टीम इंडिया के मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद का मानना है कि रिषभ पंत खुद को एमएस धोनी का उत्तराधिकारी मानकर अपने ऊपर गैरजरूरी दबाव बढ़ा रहे हैं।उन्होंने पंत को वापसी के लिए अपनी 'अविश्वसनीय प्रतिभा' का सहारा लेने की सलाह दी है। कुछ समय पहले तक पंत तीनों प्रारूपों में विकेटकीपिंग के लिए पहली पसंद थे लेकिन पिछले काफी समय से वह फार्म हासिल करने में विफल रहे। ऐसे में चोट से उबरने के बाद रिद्धिमान साहा की टेस्ट टीम में वापसी हुई। सीमित ओवरों के प्रारूप में भी उनका बल्ला नहीं चल रहा और उन्होंने विकेट के पीछे भी लचर प्रदर्शन किया ऐसे में वो टीम में अपनी जगह बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
एमएसके प्रसाद ने पीटीआई से बात करते हुए रिषभ के बारे में कहा, 'रिषभ बुरे दौर से गुजर रहे हैं। उसे लय में लौटने के लिए कुछ अच्छी पारियों की जरूरत है। टीम प्रबंधन से मेरी चर्चा हुई है और उन्होंने कहा कि वे पंत से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन लेने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। जहां तक दबाव की बात है तो पंत को निश्चित रूप से यह पता होना चाहिए कि खेल के इस स्तर पर दबाव रहता है और जो इस दबाव को झेल लेता है वही वास्तविक चैम्पियन बनता है। उसके सामने विराट और रोहित जैसे खिलाड़ियों का उदाहरण है।'
प्रसाद 2016 में भारतीय टीम के मुख्य चयनकर्ता बने थे और वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे और टी-20 सीरीज के लिए अपने कार्यकाल में आखिरी टीम का चयन कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि पंत को बड़ी सलाह देने के लिए कभी भी धोनी का उत्तराधिकारी बनने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
उन्होंने कहा, 'पंत को यह भी अहसास होना चाहिए कि उसकी अपनी पहचान है और उसे कभी भी एमएसडी (धोनी) से अपनी तुलना नहीं करनी चाहिए लेकिन मुझे लगता है कि उसके दिमाग कुछ ऐसा ही चल रहा है। एमएसडी ने लगभग डेढ़ दशक तक खेलकर अपनी यह छवि बनायी। उनका आत्मविश्वास घरेलू और अंतरारष्ट्रीय दोनों स्तरों पर उनके शानदार प्रदर्शन से उपजा है।'
44 वर्षीय पूर्व विकेटकीपर ने आगे कहा, 'जब कोई किसी महान व्यक्ति से अपनी तुलना करने लगता है तो वह खुद पर गैरजरूरी दबाव डालता है। निजी तौर पर मुझे लगता है कि पंत में प्रतिभा की कोई कमी नहीं। उसे अपनी क्षमता पर विश्वास होना चाहिए।'