नई दिल्लीः कई साल पहले जब रोहित शर्मा और शिखर धवन की जोड़ी चर्चा में नहीं थी, उस दौरान जिस एक खिलाड़ी को भविष्य के आक्रामक ओपनर के रूप में देखा जाता था, वो हैं रॉबिन उथप्पा। एक ऐसा धुआंधार बल्लेबाज जो पिच पर चहलकदमी करते हुए आगे बढ़कर गेंदबाजों की धुनाई करने में इतना माहिर हो गया था कि उन्हें 'द वॉकिंग एसैसिन' (The Walking Assassin) के नाम से पुकारने लगे थे। साल 2007 के पहले टी20 विश्व कप में भारत की जीत में उनका अहम योगदान रहा था लेकिन आखिर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अचानक वो कहां गुम हो गए? इसकी वजह थी एक गलती जिसका खुलासा अब खुद उथप्पा ने किया है।
रोबिन उथप्पा का मानना है कि 25 साल की उम्र में टेस्ट क्रिकेट में खेलने की महत्वाकांक्षा के कारण उन्होंने अपनी बल्लेबाजी तकनीक में बदलाव करने की गलती की थी। आज वो 34 साल के हैं और उन्होंने देश की तरफ से आखिरी मैच 2015 में जिम्बाब्वे के खिलाफ खेला था। अपनी आईपीएल टीम राजस्थान रॉयल्स के पोडकास्ट सत्र के दौरान बातचीत में उथप्पा ने कहा, ‘मेरा सबसे बड़ा लक्ष्य भारत के लिये टेस्ट क्रिकेट खेलना था। अगर मैं 20-21 की उम्र में ऐसी कोशिश करता तो टेस्ट क्रिकेट खेल लिया होता। मैं अपने करियर के आखिर में पछताना नहीं चाहता था और अपनी तरफ से सर्वश्रेष्ठ करना चाहता था।’
ऐसे खो गई नैसर्गिक लय
उथप्पा ने प्रवीण आमरे की सेवाएं ली और अपनी तकनीक में कुछ बदलाव किया लेकिन इससे उनकी नैसर्गिक लय खो गयी। उथप्पा ने कहा, ‘मैंने 25 साल की उम्र में प्रवीण आमरे की देखरेख में अपनी बल्लेबाजी तकनीक में बदलाव करने का फैसला किया जो तकनीकी तौर पर पहले से बेहतर बल्लेबाज हो और लंबे समय तक क्रीज पर टिककर खेल सके। इस प्रक्रिया में मैंने अपनी बल्लेबाजी की आक्रामकता खो दी।’
टेस्ट क्रिकेट खेलने का सपना था
उथप्पा ने भारत के लिए 46 वनडे मैच और 13 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं लेकिन वो कभी भी सबसे लंबे प्रारूप यानी टेस्ट क्रिकेट में नहीं खेल सके। ये बल्लेबाज इसके लिए अपनी रणनीति व बल्लेबाजी तकनीक में बदलाव को इसकी मुख्य वजह मानते हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं सोचता था कि भारत की तरफ से टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिये मुझे अपनी तकनीक बदलनी होगी। मुझे लगता है कि मैंने 25 साल की गलत उम्र में ऐसा करने की कोशिश की।’
इस अनुभवी खिलाड़ी ने अपना अंतिम वनडे मैच 2015 में जबकि अंतिम टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच 2012 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेला था। आईपीएल में वो अब राजस्थान रॉयल्स का हिस्सा हैं लेकिन उससे पहले वो मुंबई इंडियंस, रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर, पुणे वॉरियर्स और कोलकाता नाइट राइडर्स टीमों का हिस्सा रह चुके हैं। वहीं घरेलू क्रिकेट में हाल में उन्होंने एक बड़ा बदलाव किया था जब उन्होंने अपने राज्य कर्नाटक को छोड़कर पहले सौराष्ट्र की टीम का हाथ थामा और फिर 2019 में केरल की टीम में शामिल हो गए। अब तक वो 139 प्रथम श्रेणी क्रिकेट मैचों में 21 शतकों के दम पर 9336 रन बना चुके हैं।