- रोहित शर्मा ने भारतीय टीम के सकारात्मक पहलू बताए
- रोहित शर्मा ने कहा कि मध्यक्रम की समस्या सुलझी
- रोहित शर्मा ने वेस्टइंडीज का 3-0 से क्लीन स्वीप किया
कोलकाता: भारतीय टीम ने रविवार को तीसरे व अंतिम टी20 इंटरनेशनल मैच में वेस्टइंडीज को 17 रन से मात दी। इसी के साथ भारत ने टी20 इंटरनेशनल सीरीज में वेस्टइंडीज का 3-0 से क्लीन स्वीप किया। इससे पहले भारत ने वनडे सीरीज में भी कैरेबियाई टीम का 3-0 से क्लीन स्वीप किया था। भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने टीम के प्रदर्शन पर खुशी जताई। रोहित शर्मा ने बताया कि वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे और टी20 सीरीज से क्या सकारात्मक पहलू रहे।
भारतीय कप्तान रोहित ने कहा, 'वनडे सीरीज में सबसे सकारात्मक बात मध्यक्रम के खिलाड़ियों को बल्लेबाजी का मौका मिलना थी और उस मौके का बहुत से खिलाड़ियों ने फायदा उठाया और अपनी छाप छोड़ने में सफल रहे। वहीं मैं अपनी टीम की तेज गेंदबाजी से बेहद प्रभावित हुआ। यहां भी आवेश खान ने आज अपना डेब्यू किया, हर्षल भी काफी नए हैं, शार्दुल टीम से अंदर बाहर हो रहे हैं।'
उन्होंने आगे कहा, 'बहुत से खिलाड़ी हमारे लिए लगातार क्रिकेट नहीं खेल रहे हैं। हमारे सामने चुनौती उन्हें मैच का अनुभव देने की और देखने की है वो कैसी प्रतिक्रिया देते हैं। जब आपके सामने वेस्टइंडीज जैसी टीम हो तो आप खुद को परखते हैं आप अपनी गेंदबाजी और बल्लेबाजी की परीक्षा लेते हैं। हम जानते हैं कि उनकी बल्लेबाजी में गहराई है, उनके नंबर 10 तक के खिलाड़ी बल्लेबाजी कर लेते हैं तो हमारे दो मैचों में लक्ष्य का बचाव करने की चुनौती थी और मुझे लगता है कि हमने दोनों मैचों में अच्छा किया।'
खिलाड़ियों का रोटेशन जरूरी: रोहित शर्मा
श्रीलंका की टीम भारत दौरे पर आ रहा है। उस सीरीज से बहुत से प्रमुख खिलाड़ी टीम से बाहर है। रोहित शर्मा ने इसका कारण बताया, 'हम चाहते हैं कि सभी खिलाड़ी पूरी तरह तरोताजा रहें इसीलिए हम लगातार रोटेशन कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि बाहर बैठे खिलाड़ियों को भी मौका मिले, निश्चित तौर पर हम विश्व कप की तैयारी कर रहे हैं और टीम बना रहे हैं। हमारी नजर विश्व कप पर है, हम चाहते हैं कि विश्व कप से पहले सभी खिलाड़ियों को मैच प्रैक्टिस मिल सके।'
उन्होंने आगे कहा, 'हम इस बात को अपने जेहन में रखकर आगे बढ़ रहे हैं, श्रीलंका एक अलग तरह की चुनौती पेश करेगी। जहां तक मेरा मानना है कि विरोधी टीम से कोई फर्क नहीं पड़ेगा हम एक समूह के रूप में और बेहतर होना चाहते हैं। इस लिहाज से देखें तो विरोधी टीम से हमें कोई फर्क नहीं पड़ता। कुछ चीजें हैं जहां हमें सुधार करना होगा जैसे कि फील्डिंग और कैचिंग। इस पर हमें ध्यान देने की जरूरत है आशा करते हैं कि हम इस कमी को भी दूर करने में सफल होंगे।